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वीडियो एडिटर- पूर्णेंदू प्रीतम
क्या उत्तर प्रदेश ट्रांसफर प्रदेश बनता जा रहा है? एक सीनियर पुलिस अफसर एक जिले में लाया जाता है-एक महीने में ट्रांसफर. एक जिले में इंटरनेशनल आयोजन होने वाला है - उससे पहले ही एसएसपी का ट्रांसफर. यूपी में इक्का दुक्का नहीं थोक के भाव में हो रहे हैं ट्रांसफर. फिलहाल यूपी सरकार ने 25 जुलाई को 15 आईपीएस अफसरों का तबदला कर दिया है. क्यों किया वो सरकार ही जाने.
आप कहेंगे कि हम उत्तर प्रदेश को ट्रांसफर प्रदेश क्यों कह रहे हैं, तो चलिए आपको डीटेल में ले चलते हैं. गिनते जाइए.
20 जुलाई को छह IAS अफसरों का तबादला हुआ. जुलाई में ही उन्नाव में एक कैदी के जेल में पिस्तौल लहराने वाले मामले के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने 21 जेल अधिकारियों और 15 आईएएस अधिकारियों के तबादले किए थे. 14 June को 11 आईएएस अफसरों का ट्रांसफर हुआ था.
अब आपको कुछ ट्रांसफर की ओर ध्यान दिलाते हैं.
'किडनैपिंगपुर' बने कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार पी का ट्रांसफर हुआ है. दिनेश कुमार को जून में ही कानपुर लाया गया था. ये वही 'विकास दुबे, कानपुर वाले' का कानपुर है, जिसने पुलिस और क्राइम की जुगलबंदी की कई कहानी दुनिया के सामने लाकर रख दी. कानपुर पुलिस महकमा पिछले कुछ दिनों में तमाम बुरी खबरों के कारण सुर्खियों में आया. इनमें विकास दुबे से लेकर एक लैब टेक्नीशियन की किडनैपिंग केस में पुलिस वालों की लापरवाही का मामला भी शामिल है.
इसी तरह जिस अमेठी की एसपी ख्याति गर्ग का तबादला किया गया है, वहां की एक मां-बेटी ने कुछ दिन पहले लखनऊ में विधानसभा के सामने आत्मदाह की कोशिश की, जिसमें बाद में मां की मौत भी हो गई. इस केस में भी मां-बेटी का यही आरोप है कि पुलिस से उसे इंसाफ नहीं मिला.
लेकिन इतने ट्रांसफर और एनकाउंटर के बाद भी यूपी में अपराधी बेखौफ हैं. लग रहा है कि अतिश्योक्ति में चला गया हूं तो ये क्या है. गाजियाबाद में एक पत्रकार अपनी भांजी के साथ छेड़खानी के खिलाफ पुलिस में शिकायत करता है. पुलिस तो कुछ नहीं करती, बदमाश जरूर उस पत्रकार को बीच सड़क गोली मार देते हैं. सोचिए बदमाश क्या सिर्फ उस पत्रकार को निशाना बना रहे थे या फिर पुलिस को भी खुली चुनौती दे रहे थे?
अब जब पुलिस महकमे को लेकर हर तरफ से नेगेटिव हेडलाइंस आ रही है तो क्या ट्रांसफर उस हेडलाइन पर पर्दा और एक्शन में दिखने की कोशिश है? लेकिन अफरातफरी सिर्फ पुलिस डिपार्टमेंट में ही नहीं है.
25 जुलाई को अयोध्या के एसएसपी का भी तबादला हुआ है, वो भी ऐसे वक्त में जब 5 अगस्त को राम मंदिर का भूमि पूजन होना है, जिसमें पीएम के पहुंचने की भी बात कही जा रही है. 25 जुलाई को खुद सीएम योगी अयोध्या पहुंचे थे. वहां उन्होंने भूमि पूजन की तैयारियों का जायजा लिया था. बता दें कि आशीष तिवारी लंबे समय से अयोध्या के एसएसपी थे लेकिन फिलहाल साइडलाइन कर दिए गए. अब उन्हें एसपी रेलवे झांसी बनाया गया है.
कहते हैं ट्रांसफर दो ही वजहों से होती हैं, या तो अफसर से चीजें संभल नहीं रही हों या फिर सरकार से. अब जिस तरह से यूपी में क्राइम बढ़ रहा है उसमें ट्रांसफर कितना कारगार होगी ये तो न्यूज की हेडलाइन ही बताएगी.
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