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Lucknow building collapse:SP नेता की मां की मौत,मलबे में दबे लोगों से फोन पर बात

Hazratganj building-collapse 12 घंटे से रेसक्यू ऑपरेशन जारी है. अब तक करीब 13 लोगों को मलबे से निकाला जा चुका है.

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<div class="paragraphs"><p>लखनऊ में ढही 4 मंजिला इमारत</p></div>
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लखनऊ में ढही 4 मंजिला इमारत

फोटो- क्विंट हिंदी

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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हजरतगंज में मंगलवार, 24 जनवरी को एक चार मंजिला आवासीय इमारत गिर गई. इमारत के गिरने (Lucknow Building Collapses) से बड़ा हादसा हो गया. इस हादसे में अब एक और मौत की खबर आ रही है, जिसके बाद मरने वालों की संख्या 4 हो गई है.

हादसे के कुछ घंटे बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अब्बास हैदर की मां को मलबे से निकाला गया था और उन्हें लखनऊ के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान बुधवार की सुबह उनकी मौत हो गई.

पिछले 16 घंटे से रेसक्यू ऑपरेशन जारी है. अब तक करीब 13 लोगों को मलबे से निकाला जा चुका है. वहीं मलबे में दबे 5 लोगों से फोन पर बात हो रही है और उन्हें ऑक्सीजन सप्लाई की जा रही है.

मलबे में दबी हिना ने अपने परिजनों को कॉल किया है. 'हिना ने बताया कि अंधेरे में कहीं वो फंसी हैं, उनका एक पैर मलबे में दबा है.

CM के निर्देश पर तीन सदस्यीय जांच समिति गठित

लखनऊ हादसे की जांच के लिए उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने जांच समिति का गठन किया है और एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट मांगी है. आयुक्त लखनऊ रोशन जैकब, संयुक्त पुलिस आयुक्त लखनऊ पीयूष मोर्डिया और चीफ इंजीनियर पीडब्ल्यूडी लखनऊ, तीनों इस जांच समिती में होंगे. ये समिति इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को चिन्हित कर एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट देगी.

बता दें कि जहां लोग फंसे हैं उन जगहों को तेजी से कटर से काटा जा रहा है. मिलिंद नामक एक्सपर्ट को बुलाया गया है मिलिंद रोबोट को मलबे में भेज कर अंदर की स्थित बता रहे हैं.

लखनऊ के संभागीय आयुक्त रोशन जैकब ने बताया,

"अभी तक 13 लोगों को जिंदा बाहर निकाला गया है, 2-3 और लोगों के फंसे होने की सूचना है. सभी की हालत ठीक है. ये अवैध निर्माण इमारत थी जिसका नक्शा पास नहीं हुआ था और ये पुरानी इमारत थी. जांच के लिए जोन की कमेटी बनी हुई है. 1.5 घंटा और बचाव अभियान चलेगा."

तीन लोगों की मौत

यूपी के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने पुष्टि की है कि हादसे में अबतक 3 शव बरामद किए गए हैं. डीजीपी डी.एस. चौहान ने बताया है कि इस इमारत के मलबे में करीब लोग अभी भी फंसे हुए हैं. सुरक्षा को देखते हुए पड़ोस की बिल्डिंग के कुछ फ्लैट भी खाली कराए गए हैं.

ताजा जानकारी के मुताबिक, चर्चित बिल्डर यजदान बिल्डर ने बनाई थी ये बिल्डिंग. बताया जा रहा है कि सिर्फ 9 इंच के पिलर पर खड़ा किया गया था मलाया अपार्टमेंट. कमजोर बुनियाद के बावजूद बेसमेंट में खुदाई चलने की बात भी सामने आ रही है, लेकिन फिलहाल इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.

हिरासत में लिया गया समाजवादी पार्टी नेता का बेटा

बताया जा रहा है कि ये बिल्डिंग समाजवादी पार्टी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे और वर्तमान में मेरठ के किठोर से समाजवादी पार्टी विधायक शाहिद मंजूर के बेटे के नाम है. शाहिद मंसूर के बेटे नवाजिश मंसूर को हिरासत में ले लिया गया.

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NDRF, SDRF की कुल 12 टीमें रेस्क्यू में तैनात

हादसे पर डीजीपी डीएस चौहान ने कहा कि मलबे में फंसे हुए लोगों के लिए लगातार रेस्क्यू कार्य जारी है, NDRF, SDRF की कुल 12 टीमें लगी हैं. जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई है. घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. हादसे में अभी तक एक बुजुर्ग महिला की इलाज के दौरान मौत हुई है.

अंदर फंसे लोगों से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है, 2 अज्ञात लोगों की सूचना मिली है. रेस्क्यू कार्य में मलबा एक बड़ी समस्या है. पूरी जांच के बाद ही हादसे का कारण पता चलेगा, भूकंप की वजह से हादसा होने के कयास लगाए जा रहे हैं. हालांकि बिल्डिंग निर्माण की गुणवत्ता काफी खराब है.
डीएस चौहान, डीसीपी, लखनऊ

बता दें कि मंगलवार को दिन में भूकंप आया था जिसे पूरे उत्तर भारत में महसूस किया गया. लोगों का दावा है कि भूकंप के बाद इमारत में दरारें आई थीं. हालांकि अभी अधिकारिक तौर पर इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि इमारत के गिरने का कारण भूकंप के झटके हैं या कुछ और.

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Published: 25 Jan 2023,09:38 AM IST

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