advertisement
देश को हिलाकर रख देने वाले ऋषिकेश रिसेप्शनिस्ट हत्याकांड (Rishikesh Receptionist Murder Case) में प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है. इस रिपोर्ट के मुताबिक लड़की के शरीर पर चोट के निशान मिले हैं. मौत की वजह पानी में डूबना बताया जा रहा है. फिलहाल घरवाले पोस्टमार्टम की फाइनल रिपोर्ट आने के बाद ही अंतिम संस्कार करने की बात कह रहे हैं. वहीं इस पूरे मामले को लेकर सियासत भी गरमाई हुई है.
19 साल की रिसेप्शनिस्ट 18 सितंबर की रात से लापता थी. शुक्रवार को रिसॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य और उसके दो साथियों की गिरफ्तारी के बाद हत्याकांड का खुलासा हुआ. शनिवार को उसका शव चिला नहर से बरामद किया गया.
एक बेहद ही साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली मृतका अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने की नीयत से नौकरी करने लिए आई थी. मृतका ने 1 सितंबर से वनंतरा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर नौकरी ज्वाइन की. मृतका की नौकरी को अभी एक महीना भी नहीं हुआ था कि उससे पहले ही उसकी हत्या कर दी गई.
मृतका ने पौड़ी के बीआर मार्डन स्कूल से 88 प्रतिशत अंकों के साथ इंटर पास किया था. वह होटल इंडस्ट्री में अपना करियर बनाना चाहती थी. इसलिए इंटर के बाद वह देहरादून चली गई और वहीं से होटल मैनेजमेंट में डिप्लोमा किया. परिवार के आर्थिक हालात ठीक नहीं थे, इसलिए उसने नौकरी करने का फैसला लिया. उसने 10 हजार की सैलरी पर वनंतरा रिजॉर्ट ज्वॉइन की. रिसॉर्ट के ही एक कमरे में मृतका के रहने की भी व्यवस्था थी.
मृतका को रिसॉर्ट में नौकरी करते हुए एक महीना भी नहीं हुआ था, लेकिन रिसॉर्ट और उसके मालिक की काली सच्चाई उसके सामने आ गई थी. कहा जा रहा है कि रिसॉर्ट का मालिक पुलकित आर्य मृतका पर वीआईपी गेस्ट्स को एक्स्ट्रा सर्विसेज देने का दबाव बना रहा था.
ऋषिकेश रिसेप्शनिस्ट हत्याकांड का मुख्य आरोपी पुलकित आर्य एक रसूखदार परिवार से आता है. पुलकित के पिता विनोद आर्य का नाम बीजेपी के बड़े नेताओं में शुमार है. वो उत्तराखंड सरकार में दो बार दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री भी रह चुके हैं. वहीं अंकित आर्य राज्य ओबीसी आयोग के उपाध्यक्ष थे. इन दोनों को बीजेपी ने पार्टी से निष्कासित कर दिया है.
पुलकित आर्य का विवादों से पुराना नाता रहा है. पुलकित आर्य ने साल 2013 में हरिद्वार के ऋषिकुल आयुर्वेद कॉलेज में फर्जीवाड़ा कर BAMS में एडमिशन लिया था. जिसका खुलासा साल 2016 में एक नकल गिरोह के पकड़े जाने के बाद हुआ.
वहीं साल 2020 में पुलकित लॉकडाउन का उल्लंघन कर मसूरी पहुंच गया था और पुलिस के रोकने पर उसने मंत्री का बेटा होने का रोब भी जमाया था. जिसके बाद पुलकित आर्य के पिता विनोद आर्य की खासी फजीहत हुई थी.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)