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उत्तराखंड (Uttarakhand) के उत्तरकाशी में सिलक्यारा (Uttarkashi Tunnel Rescue) सुरंग में फंसे मजदूर 17 दिन की मशक्कत के बाद बाहर निकले. मंगलवार, 28 नवंबर को सभी 41 मजदूरों का सफल रेस्क्यू ऑपरेशन हुआ. इनमें से एक बिहार के भोजपुर जिले के सबाह अहमद भी हैं. सबाह के टनल से निकलने की खबर मिलने के बाद से उनके घर में जश्न का माहौल है. घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ. भतीजे की सलामती के लिए चाचा ने तीन दिनों का रोजा भी रखा था.
भोजपुर जिले के पेऊर गांव के वार्ड 12 के निवासी मिस्बाह अहमद के 33 वर्षीय पुत्र सबाह अहमद 17 दिनों तक टनल में फंसे रहे. टनल से बाहर आते ही उन्होंने अपने बेटे और परिजनों से वीडियो कॉल पर बात की. जिसके बाद उनके घरवालों को तसल्ली मिली. सबाह ने बताया कि वो दो से तीन दिन में घर आ जाएंगे. जानकारी के मुताबिक, सबाह की सलामती के लिए चाचा ने तीन दिनों का रोजा रखा था.
सबाह के परिवार वालों को बस उनके घर आने का इंतजार है. फिलहाल, सबाह सभी 41 मजदूरों के साथ उत्तराखंड में ही है.
पति के सुरक्षित रेस्क्यू ऑपरेशन की खबर से उनकी पत्नी सिबा खातून बेहद खुश हैं. आंखों में खुशी के आंसू हैं. वहीं सबाह अहमद के पिता मिस्बाह अहमद ने अपने बेटे की सलामती पर ऊपरवाले का शुक्रिया अदा किया.
वहीं तीन दिनों से रोजा रखे हुए सबाह के चाचा मुख्तार अहमद ने कहा कि मैंने अपने भतीजे की सलामती के लिए तीन दिनों का रोजा रखा था. मैंने मन्नत मांगी थी कि जब तक मेरा भतीजा सुरक्षित टनल से बाहर नहीं निकलेगा, तब तक मैं कुछ भी नहीं खाऊंगा. अब मैं रोटी बनवा रहा हूं, अब अच्छे से खाना खाऊंगा.
बता दें कि 12 नवंबर को दिवाली के दिन उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढहने की वजह से 41 मजदूर अंदर फंस गए थे. 17 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद सभी मजदूरों को सुरक्षित सुरंग से बाहर निकाला गया.
(इनपुट- महीप राज)
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