Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019वडोदरा: एक संस्कारी शहर के ‘स्कैम सिटी’ बनने की कहानी | Video

वडोदरा: एक संस्कारी शहर के ‘स्कैम सिटी’ बनने की कहानी | Video

चिंता की बात ये है कि वडोदरा में हो रहे घोटालों में एक पैटर्न नजर आता है

वैभव पलनीटकर
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वीडियो एडिटर- विशाल कुमार

कैमरा- सुमित बडोला

वडोदरा जहां के गायकवाड़ राजाओं ने कला और संस्कृति को बढ़ावा दिया. जिस शहर में आकर मशहूर पेंटर राजा रवि वर्मा ने शोहरत पाई और जहां की फार्मा कंपनियों ने दुनिया में अपना लोहा मनवाया, वही वडोदरा आज घोटालों की वजह से बदनाम हो रहा है.

ताजा मामला मनपसंद बेवरेजेज का है लेकिन वडोदरा में घोटाले का ये अकेला मामला नहीं है. चिंता की बात ये है कि वडोदरा में हो रहे घोटालों में एक पैटर्न नजर आता है. क्यों आर्ट एंड कल्चर और बिजनेस का केंद्र रहा वडोदरा घोटालों का शहर बनता जा रहा है?

हाल फिलहाल यहां किस-किस तरह के और कितने घोटाले हुए हैं?

अहमदाबाद और सूरत के बाद गुजरात के सबसे बड़े शहर वडोदरा में घोटाले का ताजा मामला फ्रूट ड्रिंक बनाने वाली कंपनी मनपसंद बेवरेज का है. पिछले सप्ताह इस कंपनी के एमडी अभिषेक सिंह और सीएफओ परेश ठक्कर को 40 करोड़ की टैक्स चोरी और फर्जी कंपनियां बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. इसके बाद कंपनी के आला अफसरों के इस्तीफों की झड़ी लग गई. कंपनी के शेयर औंधे मुंह गिर गए.

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बैंकों से कर्ज लेकर लेकर फ्रॉड करने के कई मामले वडोदरा में सामने आए हैं. 2018 में DPIL घोटाले  का खुलासा हुआ. RBI डिफाल्टर लिस्ट में होने के बावजूद डायमंड पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने बैंकों से 2600 करोड़ का कर्ज ले लिया. जब मामला खुला तो कंपनी के मालिक सुरेश भटनागर और उनके बेटे अमित और सुमित भटनागर को जेल भेज दिया गया.

संदेसरा घोटाला


2018 में ही सामने आया संदेसरा घोटाला. इसमें स्टर्लिंग बायोटेक के मालिक नितिन और चेतन संदेसरा ने 300 शेल कंपनियां बनाकर बैंकों से 8100 करोड़ का कर्ज लिया और विदेश भाग गए.
पांच साल पहले वडोदरा से KEMROCK घोटाले का खुलासा हुआ. KEMROCK INDUSTRIES AND EXPORT PRIVATE LIMITED ने ICICI BANK से 140 करोड़ रुपये का लोन लिया था. लेकिन इसे बिजनेस में लगाने के बजाय विदेश भेज दिया. कुल मिलाकर 303 करोड़ का घोटाला हुआ.

IPO घोटाला


निवेशकों को चूना लगाने के लिए कभी लोग पकड़े गए हैं.कुछ साल पहले वडोदरा से ही एक बड़ा IPO घोटाला सामने आया. 122 कंपनियां वडोदरा स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट हुईं और फिर निवेशकों के करोड़ों रुपये लेकर भाग गईं.
2016 में वडोदरा में डिब्बा ट्रेडिंग के एक गिरोह का पर्दाफाश हुआ. चूंकि डिब्बा ट्रेडिंग किसी RECOGNISED एक्सचेंज प्लेटफॉर्म में नहीं होती है इसलिए टैक्स डिपार्टमेंट और रेग्यूलटर की निगरानी नहीं होती.
2017 में वडोदरा का क्रिप्टो करेंसी घोटाला सुर्खियों में रहा. प्रवीण पटेल ने ऊंचे रिटर्न का लालच देकर लोगों से 17 लाख जमा करवाए. जब आरबीआई ने क्रिप्टो करेंसी को मान्यता नहीं दी तो पटेल पैसा लेकर भाग गया.

एजुकेशन सेक्टर से भी घोटालों की खबरें


2019 में वडोदरा के एजुकेशन सेक्टर से भी घोटालों की खबरें आईं. अप्रैल में पता चला कि यहां बैठकर प्रिंस पाठक नाम का शख्स कहीं की भी मार्कशीट बना रहा था तो मई में खुलासा हुआ कि एसएम यूनिवर्सिटी के चपरासी चंद रुपओं के लिए आंसरशीट बदल रहे थे.
कभी क्रिकेटर पठान भाइयों के कमाल के लिए मशहूर वडोदरा से अप्रैल 2019 में एक बड़ा सट्टेबाज पकड़ा गया. घोटालेबाजों ने तो घर-घर जाकर कूड़ा उठाने में भी घपला किया. यहां तक कि सीवेज पाइप को पतला कर अपनी जेबें मोटी कीं.
सवाल ये है कि आखिर इस खूबसूरत और कारोबारी शहर में एक के बाद एक घोटाले क्यों सामने आ रहे हैं. क्या वडोदरा के कारोबारियों को पैसा कमाने का शॉर्टकट ज्यादा भाने लगा है? वजह क्या है इसका जवाब वडोदरा के कारोबारियों को ही ढूंढना होगा, क्योंकि कहीं भी कारोबार की नींव साख पर ही टिकी होती है.

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Published: 29 May 2019,12:39 PM IST

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