Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019कोरोना से मुक्ति कब तक? शमिका रवि Exclusive

कोरोना से मुक्ति कब तक? शमिका रवि Exclusive

दिग्गज हेल्थ इकनॉमिस्ट शमिका रवि से क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया की खास बातचीत

संजय पुगलिया
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(फोटो: क्विंट हिंदी)
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(फोटो: क्विंट हिंदी)

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वीडियो एडिटर: आशुतोष भारद्वाज

देशभर में कोरोना से मौत का आंकड़ा एक लाख पार कर चुका है. कोरोना को लेकर भारत में कहां गलतियां हुईं और देश में इकनॉमी को लेकर सबसे बड़ी चुनौती क्या है, ये जानने के लिए क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया ने दिग्गज हेल्थ इकनॉमिस्ट शमिका रवि से खास बातचीत की.

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एक लाख कोरोना डेथ का मतलब क्या है?

कई देशों में कोरोना का सेकंड वेब आया है. भारत में टोटल नंबर ज्यादा है पर एक्टिव केस कम हैं. हमारे यहां शायद पीक आ गया है. डेली नंबर कम होने की वजह कम टेस्टिंग नहीं है.

कब तक सारे एहतियात जरूरी?

अभी लापरवाही का वक्त नहीं है. त्योहारों के मौसम में ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है. केरल में ओणम के वक्त लापरवाही के बुरे नतीजे आए थे. दो गज की दूरी और मास्क बेहद जरूरी है.

मौसम बदलने से क्या खतरा बढ़ेगा?

सर्दियां ‘फ्लू सीजन’ होती हैं. यूरोप की तरह भारत में भी संक्रमण बढ़ सकता है.

हमने कहां गलतियां की हैं?

वैज्ञानिक सोच की कमी रही है. धीमी टेस्टिंग एक गलती थी. पीएम की अपील के साथ सुविधाएं भी चाहिए थीं.

टेस्टिंग, ट्रेसिंग और मास्क पर कम जोर दिया गया?

भारत में चीन की तरह कंट्रोल संभव नहीं है. लोगों की आवाजाही रोकना संभव नहीं था. लोग गांव से शहर जाएंगे तो संक्रमण फैलेगा.

सबसे संपन्न मुंबई-ठाणे में ज्यादा संक्रमण क्यों?

महाराष्ट्र का ज्यादा संक्रमित होना बड़ी चिंता की बात है. 6 महीने तक 15% से ज्यादा पॉजिटिव रेट खतरनाक है. टेस्टिंग में कमी के कारण पॉजिटिविटी रेट ज्यादा है. आंध्र प्रदेश और केरल में ज्यादा संक्रमण है लेकिन डेथ कम है.

क्या हमने लॉकडाउन में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाईं?

ट्रेसिंग की अब भी जरूरत है. शुरू में बेहतर ट्रेसिंग करते तो कोरोना कंट्रोल बेहतर होता. दिल्ली में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग पर पूरा जोर देना जरूरी है. सुपर स्प्रेडर की पहचान और अलग करना भी जरूरी है.

अब भारत में ट्रेसिंग की स्थिति कैसी है?

सरकार ने ट्रेसिंग का डेटा कभी दिया ही नहीं था. कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु में ट्रेसिंग बेहतर है.

डेटा की कमी से कितनी दिक्कत?

डेटा को लेकर संघर्ष जारी है. हमारे पास क्वालिटी डेटा की कमी है. डेटा का विश्लेषण करने वालों की कमी है. IIT के बच्चों का जुटाया डेटा काम आ रहा है. सरकार को डेटा देने पर जोर देना चाहिए.

इकनॉमी रिकवर करने के लिए क्या जरूरी?

सरकार को अनिश्चितता कम करनी होगी. सरकार का जोर कल्याणकारी योजनाओं पर रहा है. इकनॉमी को पटरी पर लाने के लिए बड़े सुधार जरूरी हैं. सरकार को बताना होगा कि वो कहां और कितना खर्च करेगी.

हेल्थ सेक्टर को अब प्राथमिकता दी जा रही है?

कोरोना के कारण सेहत को लेकर सोच बदल रही है. हमें भविष्य की महामारियों के लिए तैयारी करनी होगी. सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करना होगा. डॉक्टर-नर्स की कमी भी दूर करनी होगी. रणनीति के तहत पैसा खर्च करना होगा.

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