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पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की कोशिश करने वाले शख्स की हत्या गई. इसके बाद से मीडिया से लेकर राजनीति तक हर जगह बेअदबी शब्द का जमकर इस्तेमाल हो रहा है.
इससे पहले किसान आंदोलन के दौरान सिंघु बॉर्डर पर निहंग सिखों ने बेअदबी के आरोप में लखबीर सिंह नाम के शख़्स की हत्या कर दी थी.
यानी बीते कुछ दिनों हमें कई बार बेअदबी या Sacrilege शब्द सुनने को मिला है. हम आपको बताते हैं कि क्या है बेअदबी शब्द का मतलब और इसे कब प्रयोग किया जाता है. साथ ही इससे जुड़े कुछ कानून भी हैं जिन्हें देखना जरूरी है, लेकिन पहले बात बेअदबी की करते हैं.
अब चूंकि गुरु ग्रंथ साहिब को सिख धर्म मे जीवंत गुरु के रूप में माना गया है तो इनसे जुड़ी हर चीज को पवित्र माना जाता है. इसलिए इनसे जुड़ी किसी भी चीज को नुकसान पहुंचाना या अपमान करना सीधे गुरु का अपमान और हमला माना जाता है जिसे बेअदबी कहते हैं.
गुरु ग्रंथ साहिब के अलावा, 'गुरुद्वारा' जिसका शाब्दिक अर्थ है गुरु का निवास, और गुरु की सेवा में उपयोग की जाने वाली वस्तुएं पवित्र मानी जाती है. सिखों द्वारा पहनी जाने वाली 'पगड़ी' और 'कृपाण' को भी पवित्र माना गया है. सिखों के बाल और दाढ़ी भी पवित्र हैं और इन्हें छूना या उनका अनादर करना अपमान माना जाता है.
इसके अलावा सिख धार्मिक परंपराओं और प्रथाओं को बदलना या गुरुओं के इतिहास से छेड़छाड़ भी सिख धर्म में अपवित्र माना गया है. यानी गुरु से संबंधित वस्तुओं की पवित्रता को नुकसान पहुंचाना गुरु की बेअदबी है.
पंजाब में बेअदबी की सभी घटनाओं के लिए, पुलिस IPC का सेक्शन 295 और 295A लागू करती है. सेक्शन 295 के मामले में सजा दो साल की कैद है. इसमें "पूजा स्थल" या "किसी भी वस्तु को जो पवित्र माना जाता है" उसे नष्ट करना, नुकसान पहुंचाना या अपवित्र करना शामिल है.
सिख धर्म के अनुयायियों का मानना है कि “इन कानूनों में कैद के वर्ष बहुत कम हैं और कई लोग बेअदबी के लिए सजा को बढ़ाये जाने की मांग करते हैं.
पाकिस्तान में भी IPC के सेक्शन 295 में इसी तरह दो साल की जेल होती है लेकिन सेक्शन 295A में वहां 10 साल की कैद का प्रावधान है.
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