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"जब लालू जी सरकार में जुड़ गए हैं और नीतीश जी लालू की गोद में बैठे हैं. अब यहां डर का माहौल बन गया है. मैं आपको कहने आया हूं कि ये सीमावर्ती जिले भारत का हिस्सा हैं. किसी को डरने की जरूरत नहीं है. यहां पर नरेंद्र मोदी सरकार है."
शुक्रवार 23 सितंबर को बिहार के सीमांचल में पूर्णिया का रंगभूमि मैदान, चुनावी रणभूमि का गवाह बना. बीजेपी के 'चाणक्य' कहे जाने वाले और देश के गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) दो दिन के बिहार दौरे के पहले दिन आक्रामक रंग में दिखे. बिहार की जमीन पर कभी कश्मीर का जिक्र करते तो कभी लालू यादव (Lalu Yadav) और नीतीश कुमार की जोरी पर हमला बोलते दिखे.
अमित शाह के भाषण से कई अहम सवाल निकलकर आए हैं. पहला कि क्यों अमित शाह ने मुस्लिम बाहुल्य इलाके में 'डरना नहीं है', 'सीमांचल भारत का हिस्सा है' जैसी बात कही? क्यों अमित शाह ने सीबीआई का जिक्र किया? आइए अमित शाह के सीमांचल में दिए भाषण को डीकोड करें.
अमित शाह ने अपने भाषण की शुरुआत राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर को याद करते हुए की, लेकिन अगले ही पल वो नीतीश कुमार के खिलाफ हमलावर नजर आए. अमित शाह ने कहा,
लेकिन अपने भाषण के अगले ही पल अमित शाह ने अपना एजेंडा साफ कर दिया. पश्चिम बंगाल, ओडीशा और नेपाल से सटे सीमांचल में अमित शाह ने कहा,
अब सवाल है कि जब सीमांचल बिहार का और भारत का हिस्सा है तो फिर अमित शाह ने क्यों कहा सीमांचल भारत का हिस्सा है?
दरअसल, सीमांचल मुस्लिम बहुल इलाका है. सीमांचल की 24 विधानसभा सीटों में से आधी से ज्यादा सीटों पर मुसलमानों की आबादी 50 फीसदी से ज्यादा है. बीजेपी लगातार सीमांचल को लेकर घुसपैठ, रोहिंग्या का मुद्दा उठाती रही है. ऐसे में एक बार फिर अमित शाह ने 'भारत का हिस्सा', 'डरना नहीं है' जैसी बात कहकर अपने कोर वोटर 'हिंदुओं' को मैसेज देने की कोशिश की है.
अमित शाह भले ही बिहार में थे लेकिन उन्होंने अपने भाषण में कश्मीर का जिक्र किया है. अमित शाह ने रैली में आई जनता से पूछा,
अमित शाह के बयान से एक और बात साफ है कि वो लोगों के दिमाग में धारा 370 हटाने की याद ताजा रखना चाहते हैं. भले ही बिहार के लोगों के लिए कश्मीर दूर हो, भले ही कश्मीर भारत का अभिन्न अंग पहले से हो लेकिन ऐसे भाषणों के जरिए ये बताने की कोशिश की जा रही है कि बीजेपी ने ही कश्मीर को भारत से जोड़े रखा है.
''कश्मीर और सीमांचल भी भारत का हिस्सा है'', एक बार फिर लोकल मुद्दों से हटकर राष्ट्रवाद के मुद्दे की ओर ले जाने की कोशिश हो सकती है.
अमित शाह ने अपने भाषण में एक बार फिर जंगलराज का जिक्र किया. अमित शाह ने पूर्णिया में कहा नीतीश कुमार ने लालू जी को साथ लेकर उनके जंगलराज का नजरिया स्पष्ट कर दिया है, जिस दिन से शपथ हुआ उसी दिन से कानून-व्यवस्था चरमरा गई, लालू के दबाव में CBI पर बैन लगाने की बात सोच रहे हैं.
अमित शाह के इस बयान को दो तरह से देख सकते हैं. पहला कि बार-बार जंगलराज को लालू से जोड़कर RJD के छवि पर डेंट लगाना और दूसरा कि CBI का नाम लेकर ये नैरेटिव सेट करना कि विपक्षी पार्टियां भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और वो CBI को अपना काम करने से रोक रही हैं.
बहरहाल आरजेडी-जेडीयू इस रैली को लेकर सजग है. लिहाजा रैली खत्म होते ही तेजस्वी यादव ने इस रैली को कॉमेडी शो बता दिया. उन्होंने पूछा कि देश के गृहमंत्री पूर्णिया आए और पूर्णिया में ही पीएम के उस वादे का जिक्र तक नहीं किया, जिसमें उन्होंने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और खास तवज्जो देने का वादा किया था.
तेजस्वी ने ये भी पूछा कि सबसे ज्यादा क्राइम केंद्र शासित राज्य दिल्ली में है, जहां अमित शाह की पुलिस है तो फिर बिहार जंगल राज कैसे हो गया?
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