मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Voices Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Opinion Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019बिहार चुनाव: लालू की पार्टी में टूट से तेजस्वी का राह हुई मुश्किल

बिहार चुनाव: लालू की पार्टी में टूट से तेजस्वी का राह हुई मुश्किल

आरजेडी के पांच एमएलसी ने आरजेडी छोड़ जेडीयू का दामन थाम लिया है

नीरज सहाय
नजरिया
Updated:
आरजेडी के पांच एमएलसी ने आरजेडी छोड़ जेडीयू का दामन थाम लिया है
i
आरजेडी के पांच एमएलसी ने आरजेडी छोड़ जेडीयू का दामन थाम लिया है
(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

लालू प्रसाद की अगुवाई वाले बिहार के मुख्य विरोधी दल आरजेडी को लगातार तीन झटके मिलने के बाद पार्टी में निराशा का माहौल है. पार्टी के पांच एमएलसी ने आरजेडी छोड़ जेडीयू का दामन थाम लिया है. साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.

तेजस्वी का राह मुश्किल

पार्टी छोड़ने वालों में एक-एक अल्पसंख्यक, पिछड़ा और अति-पिछड़ा समाज के हैं. वहीं दो सवर्ण समाज के एमएलसी ने भी पार्टी को अलविदा कहा.

माना जा रहा है कि आरजेडी ने जो दस प्रतिशत आरक्षण का विरोध किया था उसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ा. तो रघुवंश प्रसाद सिंह ने आरोप लगाया है कि पार्टी में टिकट की खरीद-फरोख्त हो रही है. पार्टी के लोग इसे मामूली बात बता कर हल्का करने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन हाल का ये घटनाक्रम आरजेडी के ‘सीएम इन वेटिंग’ तेजस्वी प्रसाद यादव की राहें मुश्किल कर सकता है.

हालांकि राजनीतिक तनातनी के बीच पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने बयान दिया है कि, ‘आरजेडी समुद्र की तरह है और उससे पांच बाल्टी पानी निकालने से कोई फर्क नहीं पड़ता.’

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

समन्वय समिति की मांग

पार्टी चाहे जितनी भी असहमति जताए, लेकिन पार्टी में आतंरिक और बाहरी विरोध साफ दिख रहा है. सूबे में आगामी विधान सभा चुनाव को लेकर सत्तारूढ़ एनडीए की साझा सरकार में नेतृत्व के मुद्दे पर कोई विवाद नहीं है, जबकि महागठबंधन के घटक दलों में यह विवाद लगातार जारी है. महागठबंधन के अलग- अलग घटक दलों के नेता समन्वय समिति बनाने की मांग पिछले साल दिसंबर से ही कर रहे हैं, लेकिन आरजेडी ने उस पर मौन साध रखा है.

24 जून को दिल्ली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के साथ महागठबंधन के नेताओं ने वर्चुअल मीटिंग की. बैठक में ‘हम’ पार्टी के जीतन राम मांझी, आरएलएसपी के उपेंद्र कुशवाहा, आरजेडी के मनोज झा और बिहार कांग्रेस के मदन मोहन झा भी शामिल हुए. बैठक में यह तय हुआ कि एक सप्ताह के अंदर समन्वय समिति पर सहमति बनायी जायेगी.

इस बीच 25 जून को उपेंद्र कुशवाहा ने यह स्पष्ट कर दिया कि वे महागठबंधन के साथ ही रहेंगे. बाकी बातों पर कुछ भी बोलने से उपेंद्र कुशवाहा ने मना कर दिया और कहा कि इसके लिए वे अधिकृत नहीं हैं. वहीं बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरखू झा के अनुसार “ बुधवार की मीटिंग में यह राय बनी है कि महागठबंधन के अंदर ही चुनाव लड़ा जाये और सीट शेयरिंग का मामला जल्द सुलझाया जाये ”.

मांझी नाराज!

उधर पूर्व मुख्यमंत्री और ‘हम’ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने महागठबंधन का चेहरा तय करने और सीट बंटवारे आदि को लेकर समन्वय समिति बनाने के लिए 25 जून तक का अल्टीमेटम दे रखा था जिसकी मियाद खत्म हो चुकी है.

पार्टी की ओर से शुक्रवार को जीतन राम मांझी की अध्यक्षता में कोर कमिटी की बैठक बुलाई गयी है. इस संबंध में उनसे बात करने की कोशिश भी की गयी, लेकिन वो फोन पर उपलब्ध नहीं हो सके.

बिहार विधानसभा चुनाव का पिछले बीस साल का इतिहास बताता है कि आरजेडी, बीजेपी और जेडीयू इन तीनों दलों के इर्दगिर्द ही चुनाव की दिशा तय होती है. इनमें से जो दो दल साथ होते हैं वो तीसरे को पराजित करते हैं. साल 2005, 2010 और 2015 के विधानसभा चुनाव से ये स्पष्ट है.
  • वर्ष 2005 और 2010 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और जेडीयू साथ थे तो आरजेडी हारी.
  • 2015 में आरजेडी और जेडीयू साथ हो गए तो बीजेपी को शिकस्त मिली.
  • इस बार बीजेपी-जेडीयू साथ चुनाव लड़ रही हैं.

बीजेपी-जेडीयू गठबंधन के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अपेक्षाकृत ज्यादा भरोसेमंद चेहरे हैं. रामविलास पासवान की एलजेपी भी एनडीए के साथ ही है. चुनाव से तीन महीने पहले महागठबंधन अपने बिखराव को रोक पाने में भी विफल दिख रहा है. ऐसे में एनडीए को इसका फायदा साफ मिलता दिख रहा है.

(नीरज सहाय फ्रीलांस जर्नलिस्ट हैं और पटना में रहते हैं.)

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: 26 Jun 2020,02:23 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT