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वित्तमंत्री पीयूष गोयल 1 फरवरी के बजट की तैयारियों में जुटे होंगे, फिर भी मैं कुछ ऐसी जरूरी बातें बता रहा हूं जो शायद उनके काम आ जाएं. मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल का आखिरी बजट तीन पैमानों पर खरा उतरना चाहिए.
इस बजट को वोट ऑन अकाउंट ही कहा जाएगा क्योंकि फुल बजट तो नई सरकार ही पेश करेगी. इसलिए इस अंतरिम बजट में क्या क्या मिलेगा यही करोड़ों का सवाल है.
खेती किसानी से निपटने के लिए डबल डोज की जरूरत होगी. एक तरफ ऐसे उपाय जो फौरी तौर पर किसानों को मदद पहुंचाए और दूसरी तरफ ऐसे उपाय जिनसे लंबी अवधि में दिक्कत दूर करने का प्लान हो.
एग्रीकल्चर के बाद सबसे ज्यादा रोजगार कंस्ट्रक्शन सेक्टर ही देता है. इसलिए गांवों में इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में लोगों को रोजगार भी मिलेगा और गांवों में रहने वाले सिर्फ खेती पर भी निर्भर नहीं रहेंगे.
किसी साल मॉनसून ने धोखा दिया तो किसानों को अतिरिक्त आय बढ़ाने में ये सबसे मददगार स्ट्रैटेजी हो सकती है. इसे फौरन लागू किया जाना जरूरी है क्योंकि मौसम विभाग के मुताबिक अल नीनो इफेक्ट की वजह से 2019 में मॉनसून बहुत अच्छा रहने के आसार नहीं हैं.
सरकार को ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी हालत में वित्तीय घाटा लक्ष्य को पार ना करे. ऐसा करने से रिजर्व बैंक को भी सही संकेत जाएगा और महंगाई का अनुमान लगाने में उसे आसानी होगी.
इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रसूख और रुतबा बनाए रखने के लिए जरूरी है कि सरकार फिस्कल अनुशासन बनाए रखे.
(लेखक जानी मानी रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के चीफ इकॉनॉमिस्ट हैं.)
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