मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Voices Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Opinion Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019 मां तुम मुझे सुनाओ वो कहानी, जिसमें न धुआं हो, न आंखों में पानी  

मां तुम मुझे सुनाओ वो कहानी, जिसमें न धुआं हो, न आंखों में पानी  

हवा हुई जहरीली, कहां जाएं दिल्ली वाले

संतोष कुमार
नजरिया
Published:
गुरूग्राम के एक स्कूल का दृश्य
i
गुरूग्राम के एक स्कूल का दृश्य
(फोटो: PTI)

advertisement

कभी बारिश हो, कभी तेज धूप हो तो मां कहती थी, बेटा अभी खेलने बाहर मत जाना. लेकिन जिस वक्त दिल्ली में हेल्थ इमरजेंसी है, उस वक्त देश के सबसे काबिल क्रिकेटरों को  T-20 मैच खेलना पड़ा. मेहमान बांग्लादेश टीम के खिलाड़ी भी प्रदूषण में अपना पराक्रम दिखाने के लिए मजबूर किए गए. मैं सोच रहा था कि इन खिलाड़ियों की मां क्या कहती होगी? चलिए इन्हें तो दिल्ली के प्रदूषण से बचाया जा सकता था लेकिन देश भर की वो तमाम मांएं क्या सोचती होंगी जिनकी बच्चे दिल्ली या एनसीआर में है. और दिल्ली वालों का क्या? जिनका स्थाई बसर ही यहीं है.

दिल्ली में बांग्लादेशी क्रिकेट टीम ने मास्क पहन कर ट्रेनिंग की(फोटो: PTI)

दिल्ली में इन दिनों कितनी जहरीली है हवा?

नोएडा सेक्टर 108 में एक ही जगह की दो तस्वीरें. पहली 6 अगस्त की, दूसरी 3 नवंबर की.(फोटो: क्विंट हिंदी)

मास्क पहने हुए लोग. कोहरे और धुएं के कारण छींकते-खांसते. डॉक्टरों के पास मरीजों की कतारें... जान बचाने के लिए दिल्ली छोड़कर भागते लोग... ये सारी चीजें मानवता को खतरा दिखाने वाली हॉलीवुड की फिल्मों का सीक्वेंस लगेंगी. लेकिन जरा अपने घर की बॉलकनी से झांककर देखिए दिल्ली की स्काईलाइन. ऐसी लगेगी जैसे कोई साई-फाई फिल्म हो, जिसमें बताया जा रहा हो कि 50-60 साल बाद की धरती जीने लायक नहीं बचेगी.

दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ एक्शन की डिमांड करते डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया और जन स्वास्थ्य अभियान के सदस्य(फोटो: PTI)
200 से ज्यादा AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) हो तो हवा खराब मानी जाती है. लेकिन दिल्ली की ज्यादातर जगहों पर AQI इन दिनों 400 के भी पार, और कई जगह 1000 पार है.

सरकार सेहत पर सिगरेट के खराब असर के कारण सिगरेट की कीमत बढ़ा रही है. डरावनी तस्वीरों वाली पैकेट में सिगरेट बेचने को कहती है. दिल्ली का सच ये है कि दिल्ली में AQI लेवल 500 के पार जाते ही लोग अनचाहे ही 18 सिगरेट के बराबर धुआं पीने को मजबूर हैं.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

आरोप है कि दिल्ली का ये हाल इसलिए हुआ है क्योंकि पास के राज्यों हरियाणा और पंजाब में किसान खेतों में आग लगाते हैं, पराली जलाते हैं और बदकिस्मती से हवा उधर से दिल्ली की तरफ आ रही हो तो वही धुआं दिल्ली का दम घोंटने लगता है....

हरियाणा-पंजाब में जलाई जा रही पराली की सैटेलाइट तस्वीर(फोटो : NASA)

दिल्ली तो देश का आईना है

दिल्ली से अमर प्रेम के कारण टीवी चैनल ज्यादातर दिल्ली की दशा दिखाते हैं. लेकिन केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की साइट पर जाकर देख लीजिए. एक दो शहरों को छोड़कर हर नगर-हर पहर AQI का लेवल खराब या खतरनाक मिलेगा.

दिल्ली ही नहीं देश के कई और शहरों में हवा की क्वालिटी बेहद खराब है(ग्राफिक्स: क्विंट हिंदी)

सच्चाई ये है कि जब सर्दी बढ़ती है और दिल्ली की हवा भारी होती है तो धुआं ट्रैप होकर रह जाता है. फॉग और स्मोक के इस जहरीले कॉकटेल को ही स्मॉग कहते हैं. नतीजा, दिल्ली ज्यादा जहरीली रिकॉर्ड होती है. कोलकाता, मुंबई और बंगलुरु जैसे शहरों में भी खूब प्रदूषण पैदा होता है, बस मौसम मॉडरेट होने के कारण उतना स्मॉग नहीं बन पाता.

जिम्मेदार कौन?

विकास का जो ढांचा हमने सोचा, वो फेल हो चुका है. आबादी के समंदर में हमने विकसित शहरों के टापू बनाए. हर शख्स समंदर से इन टापुओं पर पैर रखने की कोशिश में है. गांव खाली होते गए और शहर में भीड़ बढ़ती गई. ऊपर से हमने शहरों में भी सही इंतजाम नहीं किए.

दिल्ली में बाकी तीनों महानगरों से ज्यादा गाड़ियां हैं. होंगी भी. क्योंकि आज भी जरूरी पब्लिक ट्रांसपोर्ट नहीं है. आबादी को छत देने के लिए हमने पेड़ों के घर छीने. नदी पर चढ़ाई कर दी. लेकिन आंख अब भी नहीं खुली है.

जनता और नेता प्रदूषण की बातें तब करते हैं जब दिल्ली में सर्दी आती है. दम घुटने लगता है. 1600 सीसी की लंबी-लंबी कारों में चढ़ना दिल्ली वाले शान की बात समझते हैं. मेट्रो में उनका कद घटता है. बाकी दिवाली चलती रहती है. पराली जलती रहती है. फिर क्यों हमें धरती मां सुनाएगी वो कहानी जिसमें न धुआं हो, न आंखों में पानी...

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT