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दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव के प्रशासक प्रफुल खोड़ा पटेल ने दावा किया कि लक्षद्वीप में पिछले 70 वर्षों में कोई विकास नहीं हुआ है. दिसंबर 2020 से वो लक्षद्वीप के भी प्रशासक हैं और उन्होंने प्रस्तावित किया-
लक्षद्वीप का द्वीपसमूह अरब सागर के बीच स्वर्ग की तरह है, 36 कोरल आईलैंडों का यह समूह 1956 से केंद्रशासित क्षेत्र है. इनमें से 10 द्वीपों के 32 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 66 हजार लोग रहते हैं. केरल के तट से 200 से 400 किलोमीटर तक फैला यह द्वीप समूह भारत को हिंद महासागर में 4 लाख वर्ग किलोमीटर का एक्सक्लूसिव इकोनामिक जोन (EEZ) देता है.
यहां समुद्र किनारे स्किपजैट टूना मछली और यैलो फिन टूना मछली पाई जाती है, जो इसे समृद्ध फिशिंग ग्राउंड बनाती है. यहां मिनिकॉय के अलावा हर जगह मलयालम बोली जाती है, जबकि मिनिकॉय में महल(Mahl) भाषा महल 17 वीं सदी में मालदीव की भाषा दिवेही से मिलती-जुलती है.
भारत के द्वीपीय क्षेत्रों के लिए विशेष रुप से गठित 'आईलैंड डेवलपमेंट अथॉरिटी'(जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री ही करते हैं) ने 1988 में लक्षद्वीप की राजधानी कवारत्ती में भारतीय द्वीपीय क्षेत्रों के विकास के लिए फ्रेमवर्क को मंजूरी दी. इसके रिपोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि "दोनों द्वीपसमूह के लिए पर्यावरण की दृष्टि से अच्छी रणनीति-समुद्री संसाधनों का बेहतर दोहन और भूमि संसाधन के उपयोग में बहुत ज्यादा सावधानी है. 1989 में छपी इस रिपोर्ट में लक्षद्वीप के लिए 6 सिफारिशें थीं.
मेरे कार्यकाल की समाप्ति तक इस UT के पास अपना एयरपोर्ट और एक समृद्ध पर्यटन उद्योग था, जिसमें बंगाराम में एक इंटरनेशनल टूरिस्ट रिजॉर्ट भी शामिल था. इसके अलावा 1993 के संविधान संशोधन के पहले ही यहां राजनीतिक विकेंद्रीकरण के लिए पंचायती राज को अपना लिया गया था.
लक्षद्वीप एक आदिवासी क्षेत्र है, जहां भूमि का स्वामित्व संविधान द्वारा सुरक्षित है.यहां हर द्वीप के सरकारी बिल्डिंगों में बारिश के पानी के संग्रहण की व्यवस्था थी. आज हर घर में यह व्यवस्था है. बिजली के लिए सोलर पावर का उपयोग लक्षद्वीप को ग्लोबल वार्मिंग के रोकथाम के लिए भारत की पहल में अहम स्थान दिलाता है. यहां का हर आईलैंड हेलीकॉप्टर से जुड़ा हुआ है और यहां इंटरनेशनल टेंडर निकाल कर हाई स्पीड पैसेंजर नावें खरीदी जाती हैं.
UT ने 100% साक्षरता बहुत पहले ही हासिल कर ली थी. यहां कदमत में एक डिग्री कॉलेज भी है, जिसे के.टी रविंद्रन ने डिजाइन किया था. के.टी रविंद्रन वर्नाकुलर बिल्डिंग डिजाइन के क्षेत्र में अग्रणी स्थान रखते हैं और वे आगे नई दिल्ली के 'स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर' में डीन,प्रोफेसर और शहरी डिजाइन विभाग के प्रमुख बने. देश के पहले नवोदय विद्यालयों में से एक मिनिकॉय में है.
कवरत्ती में डेनमार्क सरकार द्वारा उपहार में मिला खारे पानी से मीठे पानी बनाने का प्लांट भी है,जो पवन ऊर्जा से संचालित होता है. लक्षद्वीप के प्रशासक का ऑफिस भारत में मेनफ्रेम और फैक्स मशीन से कंप्यूटराइज होने वाले पहले ऑफिसों में से एक था .1990 तक लक्षद्वीप के हर द्वीप पर एक कंप्यूटर था. आठवें, नौवें और दसवें वित्त आयोग (1984-2005) ने भी इसकी तारीफ की. 10 वें वित्त आयोग ने लिखा "यह बेहतर प्लानिंग, बजट बनाने और मॉनिटरिंग के लिए आवश्यक अकाउंटिंग इनफॉरमेशन में मदद करता है." हालांकि यहां की GDP आधारित गरीबी रेखा वर्ल्ड बैंक के गरीबी रेखा से थोड़ी ही ऊपर है, बावजूद उसके लक्षद्वीप में आज कोई गरीब नहीं है.
जनवरी 2020 में भारत सरकार ने लक्षद्वीप को द्वीपों के समग्र विकास के लिए सूचीबद्ध किया ताकि पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के आधार पर पर्यटन को बढ़ावा मिले और यहां बनने वाले नारियल के उत्पादों और सीफूड को निर्यात की सुविधा भी मिल सके.
इस आधार पर विकास योजनायें बनाई गई और 5 द्वीपों पर काम शुरू भी हो गया है. लक्षद्वीप को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन के लिए खोलने की योजना मेनलैंड भारत के निवेशकों की समृद्धि के लिए नहीं बल्कि यहां रहने वाले नागरिकों की समृद्धि के लिए तैयार की गई थी.
स्थानीय संसाधनों का उपयोग करके बंगाराम पिछली सदी के अंत तक प्रसिद्ध डेस्टिनेशन प्वाइंट के रूप में उभरा. उस समय भी बिना AC,TV और रिजॉर्ट लाउंज में एक टेलीफोन होने के बावजूद एक कॉटेज का प्रतिदिन का किराया USD 700 जबकि एक रूम का किराया USD 450 था .कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सेलिब्रिटी वहां गेस्ट बनकर आए. इसमें फिल्म स्टार रिचर्ड गेर से लेकर तब के 90 साल लेजेंडरी नाजी फिल्ममेकर 'Leni' Riefenstahl भी शामिल हैं.
नए तकनीकी विकासों ने मत्स्य उद्योग को फैलने में मदद तो की है, लेकिन इसके कारण आय में असमानता भी बढ़ी है. सरकार को ऐसी पॉलिसी बनाने की जरूरत थी, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ते और मत्स्य उद्योग, साफ सफाई, अपशिष्ट निपटान और पीने के पानी का प्रबंध होता. इनको करने के लिए पटेल के द्वारा किए गए किसी भी उपाय की जरूरत नहीं थी.
बंगाराम सहित अन्य स्थानों पर रिजॉर्ट बंद होने से पर्यटन से आने वाला राजस्व भी कम हो गया है. टिकाऊ भविष्य को सुरक्षित करने के लिए एक स्पष्ट नीति की जरूरत है, जिसमें संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन की नीति शामिल हो. इन नीतियों को बनाने के लिए के UT के अंदर बड़े स्तर पर विचार विमर्श किया जाए.
प्रशासक प्रफुल पटेल ने प्रेस से कहा कि "लक्षद्वीप के लोग नहीं बल्कि जिनके हित खतरे में पड़ रहे हैं वो लोग विरोध कर रहे हैं".
( कुछ उद्धाहरण Wajahat Habibullah: My Years with Rajiv: Triumph and Tragedy, Westland 2020 से लिए गए हैं)
( वजाहत हबीबुल्लाह वेटरन IAS ऑफिसर हैं. वह अल्पसंख्यकों के राष्ट्रीय आयोग के चेयरपर्सन भी थे. उसके पूर्व वह भारत के पहले मुख्य सूचना आयुक्त के पद पर नियुक्त किए गए थे. यह एक ओपिनियन पीस है. यहां व्यक्त विचार लेखक के अपने हैं.द क्विंट का उससे सहमत होना जरूरी नहीं है)
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