मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Voices Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Opinion Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019लालकिले से कुछ अच्छे संकेत, कुछ कमजोर दावे और कड़वी हकीकत

लालकिले से कुछ अच्छे संकेत, कुछ कमजोर दावे और कड़वी हकीकत

इज ऑफ डुइंग बिजनेस और लिविंग पर पीएम ने दिए अच्छे संकेत

संतोष कुमार
नजरिया
Updated:
15 अगस्त को लालकिले से देश को संबोधित करते पीएम नरेंद्र मोदी
i
15 अगस्त को लालकिले से देश को संबोधित करते पीएम नरेंद्र मोदी
फोटो : PTI

advertisement

प्रधानमंत्री ने 73वें स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले की प्राचीर से कई ऐसे संकेत दिए, जिसके दूरगामी असर दिख सकते हैं. खासकर इज ऑफ लिविंग और इज ऑफ डुइंग बिजनेस के बारे में उन्होंने जो कहा है वो स्वागत योग्य है. साथ ही खास मोदी स्टाइल में पीएम ने स्वच्छ भारत अभियान की तरह के दो-तीन नए मुहिम शुरू करने के संकेत दिए. आने वाले वक्त में इस दिशा में सरकार औपचारिक तौर पर किसी योजना या इंसेटिव का ऐलान भी कर सकती है. लेकिन पीएम मोदी के कुछ दावों और जमीनी हकीकत में अंतर दिखता है.

ईज ऑफ लिविंग

दूसरी बार सरकार बनाने के बाद पीएम मोदी ने अपने पहले स्वतंत्रता दिवस संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि क्या आजादी के इतने सालों के बाद रोजमर्रा की जिंदगी में सरकारों के दखल को कम नहीं कर सकते?

आजाद भारत का मतलब ये है कि सरकार लोगों की जिंदगी से बाहर आए. सरकार का दबाव नहीं होना चाहिए, लेकिन जहां मुसीबत आए, वहां सरकार का अभाव भी नहीं होना चाहिए. न सरकार का दबाव हो, न अभाव हो.
स्वतंत्रता दिवस पर पीएम नरेंद्र मोदी

पीएम मोदी ने बताया कि पिछले पांच सालों में सरकार ने हर दिन एक कानून को खत्म किया. इस तरह से कुल 1450 कानून खत्म किए गए. नई सरकार ने भी 60 कानून खत्म किए हैं. ये जरूरी भी है कि क्योंकि हाल के दिनों में शिकायत यही रही है कि सरकार लोगों के जीवन में और अंदर तक घुसती जा रही है.

हर चीज के लिए आधार, जटिल GST, CSR कमिटमेंट पूरा न करने पर सजा का प्रावधान और एक झटके में तीन तलाक देने के लिए भी सजा का कानून, कुछ ऐसे मुद्दे हैं, जिनको लेकर सवाल उठे हैं. मूल सवाल ये है कि क्या आप हर चीज के लिए जेल में डाल देंगे? इन सबके बीच अगर पीएम मोदी बिन सरकार के दबाव वाले आजाद भारत की बात कर रहे हैं तो क्या हम इसे सुखद संकेत मान सकते हैं?

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
(ग्राफिक्स - वैभव  पालनिटकर/क्विंट हिंदी)
(ग्राफिक्स - वैभव  पालनिटकर/क्विंट हिंदी)

ईज ऑफ डुइंग बिजनेस

अपने भाषण में पीएम मोदी ने एक बार फिर दोहराया कि सरकार ईज ऑफ डुइंग बिजनेस लाना चाहती है. पीएम ने ये भी दावा किया इस दिशा में काफी कुछ हुआ है और इससे दुनिया का भारत पर भरोसा बढ़ा है. सुनने में अच्छा लगता है लेकिन पिछले कुछ दिनों में जिस तरह से FPI ने भारत से अपना पैसा निकाला है, उससे तो ऐसा नहीं लगता. सॉवरिन बॉन्ड के लिटमस टेस्ट से अभी हमें गुजरना बाकी है.

देर से ही मगर पीएम मोदी ने उस मुद्दे को छुआ जिसको लेकर पिछले 15 दिन से देश का कारोबारी जगत दुखी है, विचलित है. सीसीडी के फाउंडर वीजी सिद्धार्थ की खुदकुशी ने देश में टैक्स टेरर के मुद्दे को सुर्खियों में ला दिया.ऐसे में मोदी का ये कहना कि देश के विकास में योगदान देने वालों का सम्मान होना चाहिए, अच्छे संकेत हैं. 

तो क्या आने वाले समय में सरकार और खासकर टैक्स डिपार्टमेंट की ज्यादतियों से कारोबारियों को आजादी मिलेगी? बड़े मौके पर बड़े मंच से पीएम ने संकेत दिया है, उम्मीद तो की जा सकती है.

जो देश की तरक्की में मदद करता है उसका सम्मान करना चाहिए, संदेह नहीं. हमें वेल्थ क्रिएटर को मान-सम्मान से देखना चाहिए. वेल्थ क्रिएटर भी देश के लिए अहमियत रखते हैं. वेल्थ क्रिएटर मेरे लिए खुद वेल्थ है.
स्वतंत्रता दिवस पर पीएम नरेंद्र मोदी
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट(ग्राफिक्स - वैभव  पालनिटकर/क्विंट हिंदी)

इकनॉमी पर दावे और हकीकत

इकोनॉमी के बारे में पीएम मोदी बड़े उत्साह में दिखे. उन्होंने बताया कि देश को 2 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने में 70 साल लगे लेकिन उनकी सरकार ने महज पांच साल में 2 से 3 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी खड़ी कर दी. पीएम ने हमारे लक्ष्य को फिर दोहराया- ‘अब हमें 5 साल में 5 ट्रिलियन डॉलर की इकनॉमी बननी है.’

किसान एक्सपोर्टर क्यों न बने? हमारे देश को एक्सपोर्ट हब बनना ही होगा. हर जिले में एक छोटा देश बनने की क्षमता है. हर जिला एक्सपोर्ट हब बने, क्योंकि सबकी अपनी खासियत है. निर्यात बढ़ेगा तो यूथ को रोजगार मिलेगा. SME को ताकत मिलेगी.
स्वतंत्रता दिवस पर पीएम नरेंद्र मोदी

सुनने में ये बातें अच्छी लगती हैं लेकिन सच्चाई ये है कि इस वक्त इकनॉमी की हालत खराब है. ग्रोथ की रफ्तार थमी है. ऑटो सेक्टर बदहाल है. ऑटो सेक्टर 19 साल के सबसे खराब सेल की मार झेल रहा है. 15 लाख नौकरियां जाने का डर है. FMCG सेक्टर, जैसे साबून-शैंपू वगैरह की बिक्री भी एक साल से लगातार घट रही है. कुल मिलाकर शहरी से लेकर ग्रामीण आबादी खरीदारी नहीं कर रही.

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़े(ग्राफिक्स - वैभव  पालनिटकर/क्विंट हिंदी)
ऑटो सेक्टर में 15 लाख नौकरियां जाने का डर(ग्राफिक्स - वैभव  पालनिटकर/क्विंट हिंदी)

जैसा कि पीएम मोदी ने खुद कहा, देश अब धीरे-धीरे चलना पसंद नहीं करता, वो लंबी छलांग चाहता है. उसकी आकाक्षाएं और उम्मीदें बढ़ चुकी हैं. अब वो बस स्टैंड नहीं, हवाईअड्डा मांगता है. पक्की सड़क नहीं, फोर लेन चाहता है.

सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त भारत हो, अच्छा होगा. लोग अपने देश में 10-15 जगह घूमने जाएं, मजा आएगा. डिजिटल पेमेंट बढ़े और किसान रासायनिक खाद छोड़ें, भला होगा. लेकिन अगर अगले पांच साल में भारत के सपनों को पूरा करना है तो इस स्वतंत्रता दिवस लालकिले की प्राचीर से जो ख्वाब दिखाए गए हैं, उन्हें पंख चाहिए. वो उड़ें, वहां से जमीन पर उतरें. तभी पूरा होगा एक भारत, श्रेष्ठ भारत का ख्वाब. जो दावा है कि समस्याओं को न टालते हैं, न पालते हैं, उसपर अमल भी करना होगा. और इन सबके बीच वाकई सबको विश्वास होना चाहिए कि सबका विकास होगा, सबका साथ होगा. क्योंकि समाज का एक अंग नाखुश है तो तरक्की नहीं हो सकती.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: 15 Aug 2019,02:44 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT