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ममता बनर्जी की चुनावी चाल: हुकुम का इक्का या पेंच फंसा; TMC की लिस्ट क्या बता रही?

TMC Candidates List 2024: 'अनुभव' बनाम 'युवा', क्या TMC को अपनी टिकट बंटवारे की रणनीति से मिलेगा फायदा?

सुब्रता नाग चौधरी
नजरिया
Published:
<div class="paragraphs"><p>ममता बनर्जी </p></div>
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ममता बनर्जी

(फोटो: कामरान अख्तर/द क्विंट

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अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने 10 मार्च को ब्रिगेड परेड ग्राउंड में एक विशाल रैली आयोजित की. यहां ममता बनर्जी की पार्टी ने पश्चिम बंगाल की सभी 42 लोकसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की लिस्ट (TMC Candidates List 2024) की घोषणा की. और इसी के साथ पश्चिम बंगाल में 'INDIA' गठबंधन के ताबूत पर कील ठोक दी गई.

कांग्रेस और TMC, दोनों के बीच महीनों तक राजनीतिक दांव-पेंच और राजनीतिक रुख में एक प्रकार की अस्पष्टता दिखी. और अब TMC के ऐलान के बाद आखिरकार खेल अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है.

तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने 2011 में वर्ल्ड कप जीतने वाली इंडियन नेशनल टीम के पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान को मुर्शिदाबाद जिले की बरहामपुर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है. इस सीट से मौजूदा सांसद, संसद में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी हैं. वो पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस प्रमुख भी हैं.

तालियों की गड़गड़ाहट के बीच अभिषेक बनर्जी ने उम्मीदवार के रूप में युसूफ पठान का नाम पढ़ा. कीर्ति आजाद बीते जमाने के एक और खेल हस्ती हैं. उन्हें बर्दवान (उत्तर) सीट से मैदान में उतारा गया है. अनुभवी फुटबॉलर प्रसून बंदोपाध्याय को हावड़ा सीट पर बरकरार रखा गया है.

'एकला चलो' राह पर ममता बनर्जी, उन्होंने उम्मीदवार कैसे चुने? 

कांग्रेस ने कुछ दिन पहले ही 39 उम्मीदवारों की अपनी पहली लिस्ट की घोषणा करते समय चतुराई से बरहामपुर सीट के लिए उम्मीदवार की घोषणा नहीं की थी. इस लिस्ट में बड़े पैमाने पर कांग्रेस के दिग्गजों को मैदान में उतारा गया था लेकिन अधीर रंजन चौधरी एक अपवाद थे.

इससे अटकलें तेज हो गई थीं कि कांग्रेस और TMC के बीच बंगाल में गठबंधन की संभावनाएं अभी भी खुली हैं और अंतिम समय में गठबंधन हो सकता है. कई राज्यों में ऐसा दिखा भी- उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी, तमिलनाडु में डीएमके, दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ. साथ ही महाराष्ट्र में शरद पवार और उद्धव ठाकरे से बातचीत जारी है.

यदि 'बंगाल में कोई INDIA गठबंधन नहीं' का नारा ही तृणमूल कांग्रेस की रैली का सबसे बड़ा निष्कर्ष था, तो उम्मीदवारों की लिस्ट से दूसरा महत्वपूर्ण निष्कर्ष देखने को मिला- संदेशखाली में विवाद के बाद तृणमूल कांग्रेस अपना हर कदम संभल कर रख रही है.

फेरबदल से संकोच नहीं

2024 के लोकसभा चुनावों के लिए ममता बनर्जी की उम्मीदवारों की लिस्ट में 42 उम्मीदवारों में से कम से कम 12 महिलाएं हैं.

पार्टी ने बशीरहाट से अपनी मौजूदा सांसद - फिल्म स्टार और कमर्शियल मॉडल नुसरत जहां को हटा दिया है, जिन्होंने 2019 में जीत हासिल की थी. उनकी जगह हाजी नुरुल इस्लाम को टिकट मिला है. नुरुल ने पहले भी इस सीट से चुनाव लड़ा था और वर्तमान में विधायक थे. वे क्षेत्र से एक भरोसेमंद पार्टी कार्यकर्ता और अनुभवी राजनेता हैं.

संदेशखाली विवाद की पूरी अवधि के दौरान नुसरत की गैरमौजूदगी साफ दिख रही थी. साथ ही निर्वाचन क्षेत्र में उनकी भूमिका पर सवाल उठाए गए थे.

जैसे ही नुसरत के खिलाफ शिकायतें आने लगीं, उन्होंने अपने एक्स हैंडल से जवाब देते हुए कहा: ... "एक महिला के रूप में, और एक जन प्रतिनिधि के रूप में, मैंने हमेशा अपनी पार्टी के दिशानिर्देशों का पालन किया है और लोगों की सेवा की है. संदेशखाली घटना के सामने आने के साथ, हमारी माननीय मुख्यमंत्री पहले ही मदद भेजी जा चुकी हैं और आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं... मैंने खुशी के समय, मुसीबत के समय में अपने निर्वाचन क्षेत्र में लोगों की सच्ची सेवा की है.... हमें एक-दूसरे को निशाना बनाना बंद करना चाहिए और शांति बनाने में मदद करने के लिए एक साथ आना चाहिए, हंगामा नहीं... .राजनीतिकरण बंद करो."

लिस्ट से बाहर होने वालीं दूसरी फिल्म स्टार और मॉडल जादवपुर निर्वाचन क्षेत्र से मिमी चक्रवर्ती थीं. सबको पता था कि मिमी चक्रवर्ती खुद नॉमिनेशन प्रक्रिया से थोड़ा पहले टिकट की रेस से बाहर होना चाहती थीं और उन्होंने ममता बनर्जी के सामने अपनी बात रखी थी. दीदी ने मिमी चक्रवर्ती को हटा दिया और सायोनी घोष को ले आईं हैं. सायोनी घोष तृणमूल कांग्रेस की युवा मोर्चा नेता हैं, जिन्हें जादवपुर सीट से टिकट मिला है.

इस लिस्ट में सिल्वर स्क्रीन से और भी शख्सियत शामिल हैं. जैसे रचना बनर्जी - एक लोकप्रिय टीवी धारावाहिक और फिल्म कलाकार, जिन्हें हुगली से टिकट मिला है. उनका मुकाबला बीजेपी कीं लॉकेट चटर्जी से होगा. शत्रुघ्न सिन्हा को आसनसोल सीट पर दीदी ने बरकरार रखा है.

एक अन्य फिल्म स्टार, जून मालिया मिदनापुर सीट से तृणमूल कांग्रेस के विधायक हैं. उन्हें उसी निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सीट पर प्रमोट किया गया है.

दीपक अधिकारी (देव) ने जब मिथुन चक्रवर्ती के साथ एक फिल्म में एक्टिंग की थी तो टीएमसी में हलचल मच गई थी. उन्हें फिर से टिकट दिया गया है. हालांकि, देव इस बार घाटल लोकसभा सीट छोड़ना चाहते थे, लेकिन ममता बनर्जी के साथ कई दौर की बातचीत के बाद आखिरकार पार्टी के साथ उनके मुद्दे सुलझ गए और वह एक बार फिर लड़ने के लिए सहमत हो गए.

टॉलीवुड हस्तियों के अलावा, कथित कैश-फॉर-क्वेरी के आरोप में लोकसभा से निलंबित TMC सांसद महुआ मोइत्रा को कृष्णानगर सीट से ममता बनर्जी ने फिर से उम्मीदवार बनाया है. दरअसल, महुआ को टिकट मिलना पहले से ही तय माना जा रहा था क्योंकि ममता बनर्जी ने पहले ही उन्हें आशीर्वाद देते हुए कहा था कि वह बड़ी जीत के साथ संसद में वापस आएंगी.

महुआ ने जब रविवार को अन्य उम्मीदवारों के साथ ब्रिगेड में रैंप वॉक किया तो यह उन पर TMC सुप्रीमो के विश्वास की पुष्टि थी.

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'अनुभव' बनाम 'युवा': क्या TMC को अपनी टिकट बंटवारे की रणनीति से मिलेगा फायदा?

तृणमूल कांग्रेस के टिकट बंटवारे की रणनीति का एक और अहम पहलू था- तृणमूल कांग्रेस के अंदर "अनुभवी" बनाम "युवा" नेताओं की बहस.

पिछले कुछ समय से TMC के भीतर पुराने नेताओं को युवा नेताओं के लिए रास्ता देने की जरूरत को लेकर विवाद चल रहा था. इस पहल के पीछे मुख्य प्रस्तावक अभिषेक बनर्जी थे जबकि दीदी इसके विरोध में थीं. उन्होंने पार्टी के भीतर तर्क दिया था कि तृणमूल कांग्रेस पार्टी में पुराने नेताओं के योगदान को नजरअंदाज नहीं कर सकती है और उनको सीधे नए लोगों से रिप्लेस नहीं कर सकती है.

ऐसा प्रतीत होता है कि दोनों तर्कों के बीच से कोई रास्ता निकाल लिया गया है.

उम्मीदवारों की लिस्ट में कोलकाता (उत्तर) सीट से सुदीप बंदोपाध्याय और दमदम से प्रोफेसर सौगत रॉय जैसे दिग्गज शामिल थे. दूसरी ओर, जादवपुर में सायोनी घोष की उम्मीदवारी से युवा तुर्क और तमलुक सीट से टीएमसी के आईटी सेल के प्रभारी और पार्टी प्रवक्ता देबांग्शु भट्टाचार्य जैसे नए खून की झलक दिखी.

बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने पहले घोषणा की थी कि वॉलंटरी रिटायरमेंट लेने वाले कलकत्ता हाई कोर्ट के जज, जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय बीजेपी के लिए तमलुक सीट से चुनाव लड़ेंगे. यदि ऐसा हुआ, तो यहां का मुकाबला रोचक हो सकता है.

टीएमसी-INDIA गठबंधन: बंगाल में लगा ताबूत में कील?

'INDIA' गठबंधन को झटका लगने के मुद्दे पर वापस आते हैं. पश्चिम बंगाल के चुनावी मैदान पर अब कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच आर-पार की लड़ाई चल रही है. यह बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस की लड़ाई से किसी भी तरह कम भयंकर और घातक नहीं है.

बरहामपुर सीट से ममता बनर्जी ने युसूफ पठान को उतारा है. इसने कांग्रेस-TMC के बीच आपसी असंतोष को बढ़ा दिया है और पश्चिम बंगाल में मुकाबले को त्रिकोणीय बनाया है. TMC, बीजेपी और कांग्रेस के नेतृत्व वाला तीसरा मोर्चा.

हालांकि यूसुफ पठान को टिकट देना भी अपने आप में सवाल है.

तृणमूल कांग्रेस पार्टी के भीतर से ऐसे उम्मीदवार को टिकट देने के पीछे के तर्क को लेकर सवाल उठ रहे थे, जो न तो बंगाल का बेटा है और न ही अधीर रंजन चौधरी जैसे कट्टर अनुभवी कांग्रेसी नेता के खिलाफ कोई कद्दावर नेता. अधीर रंजन चौधरी बरहामपुर संसदीय क्षेत्र से 5 बार सांसद चुने गए हैं.

हालांकि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि बरहामपुर-मुर्शिदाबाद में टीएमसी के भीतर तीव्र आंतरिक कलह है. ऐसे में शायद पार्टी ने एक ऐसे चेहरे को खड़ा किया है जो सभी गुटों के प्रति तटस्थ दिखाई देगा और उसके खिलाड़ी की छवि पार्टी कार्यकर्ताओं को एकजुट लड़ाई के लिए प्रेरित करेगी.

कांग्रेस के पश्चिम बंगाल अध्यक्ष ने ममता बनर्जी की घोषणा को 'INDIA' गठबंधन के लिए "बड़ा झटका" बताया है. अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि 'INDIA' गठबंधन में सहयोगी नेता होने के बावजूद, उन्होंने (ममता बनर्जी) आज जो किया उससे उनकी विश्वसनीयता पर गहरा असर पड़ा. इससे यह भी पता चला कि वह ईडी और सीबीआई छापों से डरी हुई हैं और INDIA गठबंधन की कीमत पर मोदी जी को खुश करना चाहती हैं.

हालांकि, जहां तक गठबंधन का सवाल है, ऐसा नहीं है कि सब कुछ खत्म होता दिख रहा है. हाल के दिनों में मीडिया के साथ-साथ राजनीतिक दलों के साथ अपनी बातचीत में ममता ने संकेत दिया कि जहां तक ​​​​टीएमसी का सवाल है, अगर ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई तो INDIA गठबंधन केवल "चुनाव के बाद का मामला" हो सकता है.

आखिर में, टिकट बंटवारे के कुछ और पहलू: एक आईपीएस अधिकारी - प्रसून बनर्जी को मालदा (उत्तर) सीट से उतारा गया है. उन्होंने कुछ दिन पहले ही राजनीति में शामिल होने के लिए नौकरी से इस्तीफा दे दिया था.

बीजेपी से टीएमसी में आए दो दलबदलुओं को टिकट मिला है. एक रायगंज में जहां कृष्णा कल्याणी ने बीजेपी छोड़ दी. दूसरा राणाघाट सीट पर जहां दो दिन पहले ही दलबदल करने के बाद मुकुटमोनी अधिकारी को TMC ने उम्मीदवार बनाया है. हाल ही में जब पीएम मोदी रैली को संबोधित करने कृष्णानगर आए थे तो मुकुटमोनी अधिकारी रैली में शामिल हुए थे.

(लेखक कोलकाता में बेस्ड एक वरिष्ठ पत्रकार हैं. यह एक ओपिनियन पीस है और ऊपर व्यक्त विचार लेखक के अपने हैं. क्विंट का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है.)

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