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बजट 2019: वित्तमंत्री जी किसानों की कमाई का फॉर्मूला इधर है....

किसानों की लागत घटा दीजिए उनकी कमाई खुद बढ़ जाएगी

विजय सरदाना
नजरिया
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मेरे ख्याल से इस बार के बजट की हेडलाइन तो एग्रीकल्चर ही होगी, फिर चुनाव परीक्षा पेपर में खेती किसानी ही रहनी है. किसानों के मुद्दों और मांगों पर सालों से चर्चा और माथापच्ची चल रही है पर हुआ कुछ नहीं है.

जब किसानों का गुस्सा किसी सरकार के लिए मेक या ब्रेक बन जाए तो पैनिक में आना लाजिमी है और बजट में ऐसा ही कुछ दिख सकता है. आइए बताते हैं खेती किसानी की प्रैक्टिकल दिक्कतें क्या हैं और एक्टिंग वित्तमंत्री पीयूष गोयल क्या कर सकते हैं.

वित्तमंत्री जी किसान की लागत कम कीजिए

कृषि क्षेत्र बेहद ही जोखिम भरा है. बुआई से लेकर कटाई तक इसमें जोखिम ही जोखिम हैं. इसलिए बजट में सरकार को ऐसे कदम उठाने होंगे, जिससे एक तो किसानों की आय बढ़े, दूसरा आपदा के वक्त किसानों के नुकसान की भरपाई की व्यवस्था हो.

चूंकि साल चुनावी है और चुनाव के केंद्र में किसान आ गए हैं. इसलिए कृषि क्षेत्र के लिए इस बजट में कई बड़े ऐलान होने तय मानिए.

किसानों के लिए क्या होगा मोदी सरकार के छठवे बजट में

1. किसानों के लिए बाजार के सामने लेवल प्लेइंग माहौल बनाए. अभी भी APMC मंडी सिर्फ उन्हीं के लिए हैं जो लाइसेंस धारक कारोबारी या बिचौलिए होते हैं. सरकार को कम से कम 50% लाइसेंस और दुकानें कृषक समूहों और कोऑपरेटिव ग्रुप को देने की पक्की व्यवस्था करनी चाहिए. इससे किसानों को बाजार में बराबरी का मौका मिलेगा.

2. सरकार को सभी नेशनल हाइवे के पास एग्री वेयरहाउसिंग हब बनाना चाहिए. दो हब के बीच की दूसरी 50 किलोमीटर से ज्यादा दूर नहीं हों. इससे खाद्यानों की बर्बादी कम होगी और खाद्य महंगाई भी काबू में रहेगी. सभी वेयरहाउस को ऑनलाइन ऐप के जरिए जोड़ा जाए जिससे भंडार के बारे में साफ साफ जानकारी रहेगी और कीमत तय की जा सकेंगी.

3. एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी को कम से कम पांच उत्पादों के लिए इंटेलीजेंस डिपार्टमेंट बनाना होगा. यूनिवर्सिटी को उन क्षेत्रों के कैचमेंट एरिया के हिसाब से मिट्टी और पानी का मैप बनाना चाहिए.

4. सरकार को अपनी इंपोर्ट और एक्सपोर्ट पॉलिसी किसानों को ध्यान में रखते हुए बनाना चाहिए. अगर दुनियाभर के बाजारों में किसी प्रोडक्ट की कीमतें गिरती हैं तो भी सरकार को ऐसी व्यवस्था बनाना चाहिए कि किसानों पर इसका प्रभाव न पड़े.

अगर सरकार इन बातों को ध्यान में रखते हुए बजट में कुछ प्रावधान लाती है तो इससे किसान की आय बढ़ेगी, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजदार पैदा होंगे. साथ ही लोगों के लिए खाद्य सुरक्षा बढ़ेगी और खाद्य महंगाई काबू में रहेगी. अगर सरकार ये कदम उठाना चाहती है तो ये काम करने के लिए कोई कानूनी रोड़े नहीं है.

इस बजट में मोदी सरकार को अपना ब्लूप्रिंट देना होगा और इन क्षेत्रों में फंड वितरित करना होगा.

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Published: 25 Jan 2019,04:48 PM IST

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