Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Zindagani Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Dharma our aadhyatma  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-20191st Sawan Somwar Vrat 2023: सावन का पहला सोमवार, पूजा विधि, मुहूर्त व सामग्री

1st Sawan Somwar Vrat 2023: सावन का पहला सोमवार, पूजा विधि, मुहूर्त व सामग्री

Pehla Sawan Somwar 2023: शिव भक्तों को शंकर जी की आराधना करने के लिए 4 की जगह 8 सोमवार मिलेंगे.

अंशुल जैन
धर्म और अध्यात्म
Published:
<div class="paragraphs"><p>1st Sawan Somwar Vrat 2023</p></div>
i

1st Sawan Somwar Vrat 2023

(फोटो-Istock)

advertisement

1st Sawan Somwar Vrat 2023: सावन का पवित्र महीना चल रहा हैं और इसी बीच पहला सोमवार 10 जुलाई के दिन पड़ा है. साल 2023 का सावन बेहद ही खास है, क्योंकि इस बार सावन एक नहीं बल्कि दो महीना का होगा. दरअसल, इस साल सावन में मलमास या अधिकमास लग रहा है, इस वजह से सावन दो महीने का रहेगा. शिव भक्तों को शंकर जी की आराधना करने के लिए 4 की जगह 8 सोमवार मिलेंगे.

पहला सावन सोमवार 2023

सावन के पहले सोमवार के दिन पंचक भी रहने वाला है, साथ ही इस दिन दिन रेवती नक्षत्र का प्रभाव रहेगा. 10 जुलाई को पंचक सुबह 05 बजकर 30 मिनट से प्रारंभ हो रहा है और शाम को 06 बजकर 59 मिनट तक रहेगा.

पंचांग के अनुसार, 10 जुलाई को पहले सावन सोमवार को श्रावण अष्टमी तिथि सुबह से लेकर शाम 06:43 बजे तक है, उसके बाद नवमी तिथि होगी. दोपहर 12:34 बजे से सुकर्मा योग है, जो पूरी रात तक है. पंचक सुबह 05:30 बजे से शाम 06:59 बजे तक है. इस दिन का शुभ मुहूर्त या अभिजित मुहूर्त 11:59 बजे से दोपहर 12:54 बजे तक है.

पहले सावन सोमवार के दिन का चौघड़िया मुहूर्त

  • अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त: सुबह 05:30 बजे से सुबह 07:14 बजे तक

  • शुभ-उत्तम मुहूर्त: सुबह 08:58 बजे से सुबह 10:42 बजे तक

  • चर-सामान्य मुहूर्त: दोपहर 02:10 बजे से दोपहर 03:54 बजे तक

  • लाभ-उन्नति मुहूर्त: दोपहर 03:54 बजे बजे से शाम 05:38 बजे तक

  • अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त: शाम 05:38 बजे से शाम 07:22 बजे तक

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

सावन मास की पूजा विधि

सावन के महीने में सोमवार के दिन सुबह जल्दी स्नान कर साफ वस्त्र पहने, इसके बाद व्रत रखने का संकल्प लें और किसी मंदिर या घर पर ही शिवलिंग और शिव परिवार पर गंगाजल चढ़ाएँ. इसके बाद ओम नम: शिवाय मंत्र का जप करते हुए भगवान शिव का जलाभिषेक करें.

इसके आलाव शिवलिंग पर सफेद फूल, अक्षत, सफेद चंदन, भांग धतूरा, गाय का दूध, धूप, पंचामृत, सुपारी, बेलपत्र आदि चढ़ाएं. सावन के सोमवार का व्रत कर रहे हैं तो सावन सोमवार की कथा जरुर पढ़ें, अंत में भगवान शिव को प्रसाद जरुर चढ़ाएं.

Sawan Somvar 2022: पूजा सामग्री

दूध, दही, घी, शहद, भांग, शक्कर, केसर, चंदन, धतूरा, बेलपत्र, अक्षत, भस्म, रुद्राक्ष, शमी के पत्ते, इत्र, शक्कर, गंगाजल, गन्ने का रस, पान का पत्ता, लौंग, इलायची, फल, कपूर, धूप, दीप और भगवान शिव के प्रिय फूल (कनेर, हरसिंगार,धतूर के पुष्प, आक आदि).

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT