Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Zindagani Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Dharma our aadhyatma  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Bhishma Ashtami 2024 Date: भीष्म पितामाह पुण्यतिथि कब, जानें मुहूर्त व महत्व

Bhishma Ashtami 2024 Date: भीष्म पितामाह पुण्यतिथि कब, जानें मुहूर्त व महत्व

Bhishma Ashtami 2024 Date: इस दिन भीष्म पितामह ने सूर्य के उत्तरायण होने पर अपने प्राण त्यागे थे. मान्यता है कि इस दिन यदि कोई व्रत और अनुष्ठान करता है तो उसे संस्कारी संतान की प्राप्ति होती है.

अंशुल जैन
धर्म और अध्यात्म
Published:
<div class="paragraphs"><p>Bhishma Ashtami 2024 Date</p></div>
i

Bhishma Ashtami 2024 Date

(Photo-Istock)

advertisement

Bhishma Ashtami 2024 Date: माघ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि यानि 16 फरवरी 2024 को भीष्म अष्टमी मनाई जाएगी, जो कि भीष्म पितामाह की पुण्यतिथि होती है. शास्त्रों के अनुसार, इस दिन भीष्म पितामह ने सूर्य के उत्तरायण होने पर अपने प्राण त्यागे थे. मान्यता है कि इस दिन यदि कोई व्रत और अनुष्ठान करता है तो उसे संस्कारी संतान की प्राप्ति होती है.

भीष्म अष्टमी क्यों मनाई जाती

भीष्म अष्टमी के दिन भीष्म पितामह का तर्पण जल, कुश और तिल से किया जाता है. मान्यता के अनुसार, भीम अष्टमी का व्रत जो व्यक्ति करता है उसके सभी पाप दूर हो जाते हैं. श्रीमद्भगवद्गीता में बताया गया है कि किस तरह अर्जुन के तीरों से घायल होकर महाभारत के युद्ध में जख्मी होने के बावजूद भीष्म पितामह 18 दिनों तक मृत्यु शैय्या पर लेटे थे. पितामह भीष्म को इच्छा मृत्यु का वरदान मिला था.

उनके प्राण तब तक नहीं निकल सकते थे, जब तक कि उनकी अपनी इच्छा न हो. उन्होंने अपने प्राण त्यागने के लिए उत्तरायण के बाद माघ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि की प्रतीक्षा की. उन्होंने माघ शुक्ल अष्टमी तिथि को चुना और मोक्ष प्राप्त किया. कहते हैं पितामह भीष्म अपने पिता के योग्य पुत्र थे, इसलिए लोग योग्य पुत्र के लिए भीष्म अष्टमी का व्रत भी रखते हैं.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

Bhishma Ashtami| माघ मास अष्टमी तिथि एवं शुभ मुहूर्त

  • भीष्म अष्टमी शुक्रवार, 16 फरवरी 2024 को मनाई जाएगी.

  • मध्याह्न समय - 11:28 ए एम से 01:43 पी एम

  • अष्टमी तिथि प्रारम्भ - 16 फरवरी, 2024 को 08:54 ए एम बजे

  • अष्टमी तिथि समाप्त - 17 फरवरी, 2024 को 08:15 ए एम बजे

Bhishma Ashtami| भीष्म अष्टमी व्रत विधि

  • भीष्म अष्टमी के दिन नदी में स्नान के बाद दाहिने कंधे पर जनेऊ धारण करें.

  • अब हाथ में तिल और जल लें और दक्षिण की ओर मुख कर लें.

  • "वैयाघ्रपदगोत्राय सांकृतिप्रवराय च. गंगापुत्राय भीष्माय, प्रदास्येहं तिलोदकम् अपुत्राय ददाम्येतत्सलिलं भीष्मवर्मणे" मंत्र का जाप करें.

  • मंत्र जाप के बाद तिल और जल के अंगूठे और तर्जनी उंगली के मध्य भाग से होते हुए पात्र में छोड़ें.

  • भीष्म पितामह का नाम लेते हुए सूर्य को जल दे.

  • तर्पण वाले जल को किसी पवित्र वृक्ष या बरगद के पेड़ पर चढ़ा दें.

  • अंत में हाथ जोड़कर भीष्म पितामह को प्रणाम करें.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT