Chaitra Navratri 2020: इस विधि से शुभ मुहूर्त में करें कलश स्थापना

हिंदू पंचांग के अनुसार हिंदुओं के नव वर्ष की शुरुआत चैत्र नवरात्र से होती है.

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Chaitra Navratri Kalash Sthapana Muhurat 2020: जानिए किस शुभ मुहूर्त में करें कलश स्थापना.
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Chaitra Navratri Kalash Sthapana Muhurat 2020: जानिए किस शुभ मुहूर्त में करें कलश स्थापना.
(फोटो- i stock)

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नवरात्र पूरे भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाने वाला त्योहार है. हिंदू पंचांग के अनुसार हिंदुओं के नव वर्ष की शुरुआत चैत्र नवरात्र से होती है. नवरात्र के पहले दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा के लिए कलश स्थापना की जाती है. यूं तो एक साल में चैत्र, आषाढ़, आश्विनी या शरद, पुष्य और माघ के महीनों में कुल मिलाकर पांच बार नवरात्र होते हैं. लेकिन इनमें चैत्र और शारदीय नवरात्र ज्यादा धूमधाम से मनाया जाता है. नवरात्र के पूरे नौ दिनों को धूमधाम से मनाया जाता है.

चैत्र नवरात्र हर वर्ष चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होते हैं. इस साल चैत्र नवरात्रि 24 मार्च दोपहर 2 बजकर 57 मिनट से शुरू हो रहे हैं. चैत्र नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि 24 मार्च दोपहर 2:57 बजे से शुरु होकर 25 मार्च शाम 5 बजकर 26 मिनट तक रहेगी.

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Navratri Kalash Sthapana Muhurat 2020: कलश स्थापना का समय

नवरात्र दोपहर से लगने के कारण घटस्थापना 25 मार्च से होगी. इस साल चैत्र नवरात्र 25 मार्च से 2 अप्रैल हैं. चैत्र नवरात्र के लिए घटस्‍थापना (कलश स्थापना) बुधवार, 25 मार्च 2020 को होगी. इसके लिए शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 19 मिनट से लेकर 7 बजकर 17 मिनट तक है. यानि कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त की अवधि करीब 1 घंटे की है.

Navratri Kalash Sthapana Vidhi: कलश स्थापना की विधि

  1. नवरात्र के पहले दिन सुबह स्‍नान कर लें.
  2. मंदिर की साफ-सफाई करने के बाद सबसे पहले गणेश जी का ध्यान करें और फिर मां दुर्गा के नाम से अखंड ज्‍योत जलाएं. कलश स्‍थापना के लिए मिट्टी के पात्र में मिट्टी डालकर उसमें जौ के बीज बोएं.
  3. तांबे के लोटे पर रोली से स्‍वास्तिक बनाएं.
  4. लोटे के ऊपरी हिस्‍से में मौली बांधें.
  5. इस लोटे में पानी भरकर उसमें कुछ बूंदें गंगाजल की मिलाएं.
  6. फिर उसमें सवा रुपया, दूब, सुपारी, इत्र और अक्षत डालें.
  7. कलश में अशोक या आम के पांच पत्ते लगाएं.
  8. अब एक नारियल को लाल कपड़े से लपेटकर उसे मौली से बांध दें. फिर नारियल को कलश के ऊपर रख दें.
  9. अब इस कलश को मिट्टी के उस पात्र के ठीक बीचों बीच रख दें जिसमें आपने जौ बोएं हैं.
  10. कलश स्‍थापना के साथ ही नवरात्रि के नौ व्रतों को रखने का संकल्‍प लिया जाता है.
  11. कलश स्‍थापना के साथ ही माता के नाम की अखंड ज्‍योति भी जला सकते हैं.

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