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साल 2020 का पहला चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) 10 जनवरी को लगने जा रहा है. इस दिन पौष पूर्णिमा है. ग्रहण कुल 4 घंटे 5 मिनट के लिए होगा. चंद्र ग्रहण को लेकर ऐसी अफवाहें हैं कि 2019 का अंत सूर्य ग्रहण से हुआ और साल 2020 का आरंभ चंद्र ग्रहण से हो रहा है, तो इसका कुछ अशुभ प्रभाव होगा. ज्योतिषाचार्यों की मानें तो साल के पहले चंद्र ग्रहण को लेकर परेशान होने की जरुरत नहीं है. दरअसल चंद्र ग्रहण पर सूतक नहीं नहीं लगेगा.
यह कोई चंद्र ग्रहण नहीं है, यह केवल उप छाया चंद्र ग्रहण है. ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, उपछाया चंद्र ग्रहण को शास्त्रों में ग्रहण की श्रेणी से बाहर रखा गया है. यही वजह है कि चंद्र ग्रहण लगने पर जहां सूतक लगता है, वहीं उपछाया चंद्र ग्रहण पर सूतक नहीं लगता है. इस दौरान ना तो मंदिरों के कपाट बंद किए जाते हैं और ना ही धार्मिक कार्य करने से मनाही होती है.
चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) के होने से पहले चंद्रमा पृथ्वी की उपछाया में प्रवेश करता है, जिसे चंद्र मालिन्य कहते हैं. अंग्रेजी इस स्थिति को Penumbra कहा जाता है. इसके बाद वह पृथ्वी की असल छाया में प्रवेश करता है, जब ऐसा होता है तब वास्तविक ग्रहण होता है. लेकिन कई बार चंद्रमा उपछाया में प्रवेश करते उपछाया शंकु से बाहर आ जाता है औऱ वह भू-भाग में प्रवेश नहीं करता है. जिसके कारण चंद्रमा की तस्वीर (बिंब) केवल धुंधली पड़ती है, काली नहीं. इस धुंधलेपन को सामान्य रुप से देखा जा सकता है. इसलिए चंद्र मालिन्य होने से केवल उपछाया चंद्र ग्रहण होता है, चंद्र ग्रहण नहीं.
भारत के अलावा उपछाया चंद्र ग्रहण को यूरोप, अफ्रीका के देशों में, ऑस्ट्रेलिया सहित कई एशियाई देशों में देखा जा सकेगा.
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