Chandra Grahan LIVE: घर बैठे चंद्र ग्रहण के नजारे को ऐसे देखें 

खास बात यह है कि साल के पहले चंद्र ग्रहण को भारत में भी देखा जा सकेगा.

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साल 2020 का पहला चंद्र ग्रहण 10 जनवरी को लगेगा. यह चंद्र ग्रहण रात 10 बजकर 37 मिनट से शुरू होगा, जो कि रात 2 बजकर 42 मिनट पर खत्म होगा. चंद्र ग्रहण की अवधि कुल 4 घंटे से अधिक की रहेगी. खास बात यह है कि इस चंद्र ग्रहण को भारत में भी देखा जा सकेगा. साल का पहला चंद्र ग्रहण उपछाया ग्रहण होगा. जिसमें चांद पूरी तरह से छिपेगा नहीं और ना ही चंद्रमा की काली छाया पृथ्वी पर पड़ेगी. 10 जनवरी को ही पौष पूर्णिमा भी है.

अगर आप भी साल के पहले चंद्र ग्रहण का नजारा लाइव देखना चाहते हैं, तो हम आपको बता रहे हैं कि आखिर घर बैठे आप चंद्र ग्रहण को किस समय और कहां देख सकते हैं लाइव-

Chandra Grahan का समय और तारीख

  1. चंद्र ग्रहण का समय- 10 जनवरी की रात 10.37 बजे से लेकर 11 जनवरी को देर रात 2.42 बजे तक.
  2. चंद्र ग्रहण कीअवधि- कुल 4 घंटे से भी ज्यादा.

ऑनलाइन कैसे और कहां देखें चंद्र ग्रहण

ग्रहण को नग्न आंखों से देखना सही नहीं माना जाता है. चाहे वह सूर्य ग्रहण हो या फिर चंद्र ग्रहण. वैज्ञानिक भी इसे सनग्लासेस पहनकर ही देखने की राय देखते हैं. चंद्र ग्रहण को आप कई वेबसाइटों के अलावा अपने स्मार्टगैजट पर भी देख सकते हैं. वेबसाइट www.timeanddate.com पर भी आप चंद्र ग्रहण का नजारा लाइव देख सकते हैं.

कहां दिखेगा साल का पहला चंद्र ग्रहण

भारत के अलावा यह ग्रहण यूरोप, अफ्रीका, एशिया और ऑस्ट्रेलिया में भी दिखाई देगा.

सूतक काल का समय

ग्रहण के करीब 12 घंटे पहले सूतक की शुरुआत होती है. हालांकि इस बार सूतक काल नहीं लगेगा. ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, उपछाया चंद्र ग्रहण को शास्त्रों में ग्रहण की श्रेणी से बाहर रखा गया है. इस वजहे से ग्रहण में सूतक काल नहीं लगेगा.

अगला चंद्र ग्रहण कब लगेगा?

  • 5 जून- चंद्र ग्रहण
  • 21 जून- सूर्य ग्रहण
  • 5 जुलाई- चंद्र ग्रहण
  • 30 नवंबर- चंद्र ग्रहण
  • 14 दिसंबर- सूर्य ग्रहण

क्या होता है उपछाया चंद्र ग्रहण

चंद्र ग्रहण के वक्त चंद्रमा सबसे पहले पृथ्वी की उपछाया पर प्रवेश करता है. जिसे चंद्र मालिन्य कहते हैं. इसके बाद चंद्रमा पृथ्वी की वास्तविक छाया (भूभा) में प्रवेश करता है. इस घटना को वास्तविक चंद्र ग्रहण माना जाता है. लेकिन कई बार चंद्रमा उपछाया में प्रवेश करके उपछाया शंकु से ही बाहर निकल जाता है. इस वजह से चंद्रमा पर एक केवल एक बिंब पड़ता है. जिसे उपछाया चंद्र ग्रहण कहते हैं.

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