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दिवाली (Diwali or Deepawali) का त्योहार हिंदू धर्म के बड़े त्याहारों में से एक है. दिवाली का त्योहार पूरे देशभर में धूम-धाम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है. इस साल दिवाली (Diwali or Deepawali) 27 अक्टूबर को है. हालांकि अमावस्या 28 अक्टूबर को भी है. हिंदू पुराणों के मुताबिक, दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है, लेकिन यह भी नियम है कि संध्या के समय यानी प्रदोष काल में और मध्य रात्रि में ही अमावस्या की तिथि शुरू हो जाती है. इसी दिन फिर दिवाली सेलिब्रेट की जाती है.
यदि आप भी दिवाली की तारीख को लेकर संदेह में हैं तो आपको बता दें कि शास्त्रों के नियम की वजह से इस साल दिवाली 27 अक्टूबर को मनाई जाएगी. दरअसल 27 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर चतुर्दशी तिथि समाप्त होगी. 28 अक्टूबर को सुबह 9 बजकर 9 मिनट पर अमावस्या तिथि समाप्त हो जा रही है. इसलिए दिवाली 27 अक्टूबर को मनाई जाएगी. इस साल दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06:42- 08:12 बजे तक है.
बड़ी दिवाली से पहले छोटी दिवाली का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन रात को घर के बाहर यम की पूजा करने की मान्यता है. इस साल छोटी दिवाली 26 अक्टूबर को पड़ रही है. छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi), यम चतुर्दशी (Yam Chaturdashi), रूप चतुर्दशी (Roop Chatirdashi) या रूप चौदस (Roop Chaudas) के नाम से भी जाना जाता है. खास बात यह है कि छोटी दिवाली की रात घर के बाहर दीपक जलाया जाता है.
दीपदान का मुहूर्त: 06 नवंबर 2018 को शाम 06 बजे से शाम 07 बजे तक.
ऐसा कहा जाता है कि अमावस्या तिथि के स्वामी यमराज और पितर देवता होते हैं. अमावस्या की रात चांद नहीं निलकता. मान्यता है कि श्राद्ध महीने में आए हुए पितर इसी अमावस्या को चंद्रलोक जाते हैं. वह चांद ना निकलने की वजह से भटके नहीं, इसीलिए एक बड़ा दीपक जलाया जाता है.
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