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धनतेरस (Dhanteras 2019) का त्योहार पूरे देशभर में सेलिब्रेट किया जा रहा है. इस त्योहार को कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है. आज ही दिन आयुर्वेद के जनक धन्वंतरि भी प्रकट हुए थे, इसलिए इस दिन को धनतेरस के नाम से जाना जाता है. धनतेरस के दिन कुछ न कुछ खरीदारी करने की परंपरा है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो भी खरीदा जाता है, उसमें लाभ होता है और धन-संपदा में भी वृद्धि होती है.
धनतेरस (Dhanteras) हिंदू धर्म का विशेष त्योहार है. दिवाली के त्योहार की शुरुआत धनतेरस से ही होती है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन महावीर भगवान तीसरे और चौथे ध्यान में जाने के लिए योग निरोध के लिए चले गए थे. तीन के बाद दिवाली के दिन उन्हें मोक्ष प्राप्त हुआ. तभी से ये दिन जैन आगम में 'धन्य तेरस' के नाम से प्रसिद्ध हुआ. धनतेरस को राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में भी मनाया जाता है.
कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन समुद्र मंथन से धन्वन्तरि प्रकट हुए थे. धन्वन्तरि जब प्रकट हुए, तो उन्होंने हाथों में अमृत से भरा कलश पकड़ा हुआ था. इसलिए इस दिन बर्तन खरीदने की परंपरा चल पड़ी.
कहा जाता है कि इस दिन बर्तन खरीदने से घर में आरोग्य, सौभाग्य और स्वास्थ्य लाभ होता है. इस दिन धन के देवता कुबेर और यमदेव की पूजा-अर्चना का विशेष महत्त्व है.
धनतेरस के दिन शाम के समय पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. पूजा के स्थान पर उत्तर दिशा की तरफ भगवान कुबेर और धन्वन्तरि की मूर्ति स्थापना करनी चाहिए. इसके अलावा माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए. ऐसी मान्यता है कि भगवान कुबेर को सफेद मिठाई, जबकि धनवंतरि को पीली मिठाई का भोग लगाना चाहिए.
पूजा में फूल, फल, चावल, रोली, चंदन, धूप-दीप का इस्तेमाल करना फलदायी होता है.
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