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वैसे तो इस बार हनुमान जयंती 19 अप्रैल 2019 को मनाई गई, लेकिन दक्षिण भारत के कुछ इलाकों में ये पर्व 41 दिन तक चलता है. आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में बुधवार को इसका समापन है. ये पर्व चैत्र पूर्णिमा को शुरू होकर कृष्ण पक्ष के वैशाख महीने में समाप्त हो रहा है. इन इलाकों में रामभक्त भक्त हनुमान की जयंती बहुत ही धूम-धाम से मनाई जा रही है.
तेलंगाना के Kondagattu Anjaneya Swamy मंदिर में पूजा-अर्चना की जा रही है. ये मंदिर आंजनेय स्वामी को समर्पित है.
हनुमान जयंती 'बजरंगबली', जिन्हें 'मारुति' के नाम से भी जाना जाता है, उनके जन्म-दिवस के रूप में मनाई जाती है. इस साल इस त्योहार का आगाज 19 अप्रैल को किया गया था. इस पावन दिन पर रामभक्त हनुमान का जन्मदिन मनाते हैं और उनकी पूजा-अर्चना करते हैं.
लोग हनुमान चालीसा पढ़ते हैं और बुरी शक्तियों को दूर करने के लिए रामायण पढ़ते हैं.
हनुमान अंजनी और केसरी के पुत्र थे. इसके अलावा इन्हें वायु भगवान का पुत्र भी माना जाता है, क्योंकि कई ग्रंथों में हनुमान के जन्म के समय उनकी मुख्य भूमिका देखने को मिलती है.
आइए इस विशेष पर्व पर हनुमान के विभिन्न रूपों के बारे में जानते हैं.
इस रूप में हनुमान एक हाथ में पहाड़ और दूसरे में गदा पकड़े नजर आते हैं.
रामायण में जब हनुमान सीता का विश्वास जीतना चाहते हैं, तो उनका ये रूप देखने को मिलता है.
रामायण में हनुमान का ये रूप भगवान राम और सीता के सामने उनकी भक्ति भावनाओं को दर्शाता है.
हनुमान का ये रूप भक्तों की सभी कामनाओं को पूरा करता है. माना जाता है कि पंचमुखी हनुमान भक्तों को सफलता का आशीर्वाद देते हैं.
इस स्वरूप में बजरंगबली के 11 सिर दिखाए गए हैं.
इसके अलावा हनुमान के नव खंड हनुमान और रुद्र अवतार की पूजा भी की जाती है.
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