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रामनवमी विशेष | ‘रामचरितमानस’ के पन्ने पलटिए,आपकी हिंदी संवर जाएगी

जिन लोगों की धर्म में विशेष रुचि न हो, वे भी रामचरितमानस को केवल भाषा की रचना मानकर भी इससे लाभ उठा सकते हैं.

अमरेश सौरभ
धर्म और अध्यात्म
Updated:
Ram Navami 2019: अगर कम प्रयास में हिंदी पर ज्‍यादा पकड़ बनानी हो, तो इसके लिए गोस्‍वामी तुलसीदास रचित रामचरितमानस बेजोड़ ग्रंथ है
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Ram Navami 2019: अगर कम प्रयास में हिंदी पर ज्‍यादा पकड़ बनानी हो, तो इसके लिए गोस्‍वामी तुलसीदास रचित रामचरितमानस बेजोड़ ग्रंथ है
(फोटो: क्‍व‍िंंट हिंदी)

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हिंदी भाषा की हालत पर लोग कैसे-कैसे आंसू बहाते हैं, इसे साल में सिर्फ एक दिन, हिंदी दिवस पर ही बेहतर तरीके से महसूस किया जाता है. लेकिन हिंदी का इस्‍तेमाल किस तरह बढ़े, ये कैसे और फले-फूले, इसे लेकर कोशिश कम ही नजर आती है. आम बोलचाल, लिखने में या सार्वजनिक जगहों पर हिंदी का इस्‍तेमाल कम होने से लोगों का शब्‍द भंडार लगातार कम होता जा रहा है. अगर सही दिशा में थोड़ी-सी भी कोशिश की जाए, तो ये कमी आसानी से पूरी की जा सकती है.

अगर कम प्रयास में हिंदी पर ज्‍यादा पकड़ बनानी हो, तो इसके लिए गोस्‍वामी तुलसीदास रचित रामचरितमानस बेजोड़ ग्रंथ है. इसके हर दोहे-चौपाई में शब्‍दों के अनमोल रत्‍न भरे पड़े हैं. जिन लोगों की धर्म में विशेष रुचि न हो, वे भी इसे भाषा की रचना मानकर इससे लाभ उठा सकते हैं.

रामचरितमानस के लंकाकांड में एक दोहा है, जिसमें समुद्र के कुल 10 पर्यायवाची शब्‍द हैं.

''बांध्‍यो बननिधि नीरनिधि जलधि सिंधु बारीस।

सत्‍य तोयनिधि कंपति उदधि पयोधि नदीस।। ''

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रावण को जब ये बात मालूम हुई कि राम की सेना ने समुद्र पर पुल बना दिया है, तो उसे बहुत ताज्‍जुब हुआ. इसी अचरज में वह अपने दसों मुंह से, बारी-बारी से पूछने लगा कि क्‍या समुद्र को सचमुच बांध लिया गया?

ऊपर के दोहे में बांध्‍यो और सत्‍य को छोड़कर बाकी सभी शब्‍द समुद्र के पर्यायवाची हैं. अब देखिए, आपको समुद्र के लिए कितने सारे शब्‍द मिल गए:

  • वननिधि
  • नीरनिधि
  • जलधि
  • सिंधु
  • वारीश
  • तोयनिधि
  • कंपति
  • उदधि
  • पयोधि
  • नदीश
ये तो सिर्फ एक उदाहरण है. शुरू से अंत तक पूरी रचना बेजोड़ पद, उपमा, अलंकार से भरी है. ऐसे ग्रंथों का हिंदी अनुवाद और भावार्थ बेहद सरल तरीके से किया जाता है, इसलिए इन्‍हें समझना बेहद आसान होता है.

वैसे तो किसी अच्‍छे काम की शुरुआत करने के लिए हर दिन ही शुभ होता है. अगर फिर भी आपको भाषा सीखने की शुरुआत करने के लिए किसी अच्‍छे दिन का इंतजार है, तो श्रीरामनवमी सामने है.

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Published: 22 Mar 2018,05:33 PM IST

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