Shankar Ji Ki Aarti: महाशिवरात्रि पर आरती गाकर पाएं शिवजी की कृपा

Shankar Ji Ki Aarti: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, महाशिवरात्रि हर साल फरवरी या मार्च महीने में पड़ती है.

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Maha Shivaratri Lord Shiv Aarti 2020: महाशिवरात्रि पर करें भगवान शिव की आरती.
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Maha Shivaratri Lord Shiv Aarti 2020: महाशिवरात्रि पर करें भगवान शिव की आरती.
(फोटो- i stock)

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Shankar Ji Ki Aarti

जय शिव ओंकारा हर ॐ शिव ओंकारा |
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव ओंकारा
एकानन चतुरानन पंचांनन राजे |
हंसासंन, गरुड़ासन, वृषवाहन साजे॥ ॐ जय शिव ओंकारा
दो भुज चारु चतुर्भज दस भुज अति सोहें |
तीनों रूप निरखता त्रिभुवन जन मोहें॥ ॐ जय शिव ओंकारा
अक्षमाला, बनमाला, रुण्ड़मालाधारी |
चंदन, मृदमग सोहें, भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव ओंकारा
श्वेताम्बर,पीताम्बर, बाघाम्बर अंगें |
सनकादिक, ब्रह्मादिक, भूतादिक संगें॥ ॐ जय शिव ओंकारा
कर के मध्य कमड़ंल चक्र, त्रिशूल धरता |
जगकर्ता, जगभर्ता, जगससंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव ओंकारा
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका |
प्रवणाक्षर मध्यें ये तीनों एका॥ ॐ जय शिव ओंकारा
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रम्हचारी |
नित उठी भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव ओंकारा
त्रिगुण शिवजी की आरती जो कोई नर गावें |
कहत शिवानंद स्वामी मनवांछित फल पावें ॥ ॐ जय शिव ओंकारा
जय शिव ओंकारा हर ॐ शिव ओंकारा|
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा॥ ॐ जय शिव ओंकारा

महाशिवरात्रि (Maha Shivaratri) पर भगवान भोलेनाथ की पूजा के बाद आरती की जाती है. कहा जाता है कि भगवान शिव की आरती के बिना पूजा अधूरी मानी गई है. शिवजी की आरती घी लगी हुई रुई की बत्ती और कर्पूर से करनी चाहिए. आरती शुरू करने से पहले और बाद में शंख बजाना भी शुभ माना जाता है.

पूजा सामग्री

महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा के लिए जरूरी सामग्री- बेल पत्र, धतूरा, भांग, फूल, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें, तुलसी दल, कच्चा दूध, दही, शुद्ध देसी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, कपूर, धूप, दीप, रुई, चंदन, पंच फल, पंच मेवा, पंच रस, इत्र, रोली, मौली, जनेऊ, पंच मिष्‍ठान, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री, दक्षिणा.

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महाशिवरात्रि

महाशिवरात्रि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. ऐसी मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन जो भी भक्त भगवान शिव का अभिषेक या जल चढ़ाते हैं, उन्हें महादेव की कृपा मिलती है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, महाशिवरात्रि हर साल फरवरी या मार्च महीने में पड़ती है. यूं तो साल में 12 शिवरात्रियां आती हैं, लेकिन फाल्गुन मास की कृष्ण चतुदर्शी के दिन पड़ने वाली शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है.

महाशिवरात्रि की पूजन विधि

  1. महाशिवरात्रि के दिन सुबह उठकर स्‍नान कर साफ वस्‍त्र धारण करें.
  2. इसके बाद शिव मंदिर जाएं या घर के मंदिर में ही शिवलिंग पर जल चढ़ाएं.
  3. जल चढ़ाने के लिए सबसे पहले तांबे के एक लोटे में गंगाजल लें. अगर ज्‍यादा गंगाजल न हो तो सादे पानी में ही गंगाजल की कुछ बूंदें मिलाएं.
  4. अब लोटे में चावल और सफेद चंदन मिलाएं और भगवान शिव को अर्पित करें.
  5. जल चढ़ाने के बाद पूजा की चावल, बेलपत्र, सुगंधित पुष्‍प, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें, तुलसी दल, गाय का कच्‍चा दूध, गन्‍ने का रस, दही, शुद्ध देसी घी, शहद, पंच फल, पंच मेवा, पंच रस, इत्र चढ़ाएं.

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Published: 20 Feb 2020,10:59 PM IST

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