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Good Friday को नेशनल हॉलीडे के कारण कई बार लोगों को लगता है कि बाकी त्योहारों की तरह खुशी का दिन है. लोग जाने-अनजाने में अपने ईसाई दोस्तों को Happy Good Friday का मैसेज भेज देते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपका यह मैसेज किसी की धार्मिक भावना को आहत कर सकता है? क्या आप जानते हैं कि ईसाई धर्म में Good Friday के दिन कोई खुशी की बात नहीं होती है?
मोन्डी थर्सडे (Moundy Thursday) से लेकर रविवार को ईस्टर (Easter) तक का दिन ईसाई धर्म मानने वालों के लिए पवित्र सप्ताह माना जाता है. रविवार के अलावा कोई भी दिन खुशी का नहीं होता है. ऐसे में अगर आप ईसाई धर्म को मानने वाले लोगों को इस दिन की बधाई देने से पहले, इन दिनों के बारे में जान लीजिए. जानिए आखिर क्यों गुड फ्राइडे को क्यों नहीं बोलना चाहिए हैप्पी गुड फ्राइडे.
क्रिचियन मान्यता के अनुसार, मोन्डी थर्सडे एक स्पेशल दिन होता है. इस दिन भगवान यीशु मसीह ने अपने सभी शिष्यों के पैर धुले थे और एक-दूसरे से प्यार करने के लिए कहा था. जैसा भगवान यीशु अपने शिष्यों से करते थे. भगवान यीशु के वचनों पर चलते हुए गुड फ्राईडे से एक दिन पहले इस दिन को मनाया जाता है. धर्मगुरु चर्च के 12 सदस्यों के पैर धोते हैं. यह खुशी का समय नहीं माना जाता है, क्योंकि इसके अगले दिन गुड फ्राइडे होता है.
ईसाई मान्यताओं के मुताबिक, Good Friday के दिन ही प्रभु यीशु को यातनाओं के बाद सूली पर चढ़ाया गया था. इस दिन को लेकर कई लोगों के मन में सवाल होता है कि अगर इस दिन भगवान की मौत हुई थी तो, इसे गुड फ्राईडे क्यों कहते हैं? एक धर्मगुरू के अनुसार, भगवान यीशु ने दुनिया के पापों की क्षमा के लिए खुद की जान दी थी. भगवान के इस प्यार और बलिदान को देखकर ही लोगों ने इसे गुड फ्राइडे का नाम दिया था. इस दिन ईसाईयों के प्रभु यीशु की मौत हुई थी, ऐसे में बधाई देते समय इस दिन हैप्पी गुड फ्राईडे कहने से बचना चाहिए.
क्रिचियन मान्यता के अनुसार, मोन्डी थर्सडे, फ्राइडे और शनिवार के दिन लोग उपवास और प्रार्थनाएं करते हैं. शनिवार रात को ईस्टर विजिल होता है जब समुदाय के लोग चर्च जाकर प्रभु यीशु के दोबारा जी उठने का उत्सव मनाते हैं. रविवार यानी ईस्टर संडे इसलिए मनाया जाता है क्योंकि क्रिश्चियन अपने प्रभु यीशु के दोबारा जीने का जश्न मनाते हैं.
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