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Navratri 2022: महानवमी के दिन मां सिद्धिदात्री का ऐसे करें पूजन, मुहूर्त व आरती

Navratri 2022: नवमी तिथि पर कन्या पूजन भी किया जाता है.

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धर्म और अध्यात्म
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<div class="paragraphs"><p>Maha Navami 2022</p></div>
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Maha Navami 2022

Photo: I Stock

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Navratri 9th Day 2022, Maha Navami Pujan Date: इस साल शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि आज 4 अक्टूबर, मंगलवार के दिन हैं, महानवमी का दिन मां सिद्धिदात्री को समर्पित होता है. मान्यता है कि मां सिद्धिदात्री भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं और उन्हें यश, बल और धन भी प्रदान करती हैं. इस दिन दुर्गा पूजा की शुरुआत महास्नान और षोडशोपचार पूजा से होती है. महा नवमी पर देवी दुर्गा की पूजा महिषासुर मर्दिनी के रूप में की जाती है जिसका अर्थ है भैंस दानव का विनाशक. ऐसा माना जाता है कि महा नवमी के दिन दुर्गा ने राक्षस महिषासुर का वध किया था.

शास्त्रों में मां सिद्धिदात्री को सिद्धि और मोक्ष की देवी माना जाता है. मां सिद्धिदात्री महालक्ष्मी के समान कमल पर विराजमान हैं, मां के चार हाथ हैं मां ने हाथों में शंख, गदा, कमल का फूल और च्रक धारण किया है. मां सिद्धिदात्री को माता सरस्वती का रूप भी मानते हैं. नवमी तिथि पर कन्या पूजन भी किया जाता है.

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Maha Navami Puja Time: नवमी तिथि व शुभ मुहूर्त

  • पारण का समय 4 अक्टूबर 2022 को दोपहर 02 बजकर 20 मिनट के बाद

  • नवमी तिथि प्रारम्भ - 3 अक्टूबर 2022 को शाम 04:37 बजे से

  • नवमी तिथि समाप्त - 4 अक्टूबर 2022 को दोपहर 02:20 बजे तक

पूजन विधि

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ-स्वच्छ वस्त्र धारण करें.

  • मां की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं.

  • स्नान कराने के बाद पुष्प अर्पित करें.

  • मां को रोली कुमकुम भी लगाएं.

  • मां को मिष्ठान और पांच प्रकार के फलों का भोग लगाएं.

  • मां स्कंदमाता का अधिक से अधिक ध्यान करें.

  • मां की आरती करें.

मां सिद्धिदात्री आरती

जय सिद्धिदात्री मां, तू सिद्धि की दाता

तू भक्तों की रक्षक, तू दासों की माता

तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि

तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि

कठिन काम सिद्ध करती हो तुम

जभी हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम

तेरी पूजा में तो ना कोई विधि है

तू जगदंबे दाती तू सर्व सिद्धि है

रविवार को तेरा सुमिरन करे जो

तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो

तू सब काज उसके करती है पूरे

कभी काम उसके रहे ना अधूरे

तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया

रखे जिसके सिर पर मैया अपनी छाया

सर्व सिद्धि दाती वह है भाग्यशाली

जो है तेरे दर का ही अंबे सवाली

हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा

महा नंदा मंदिर में है वास तेरा

मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता

भक्ति है सवाली तू जिसकी दाता

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