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Kedarnath के कपाट शीतकाल के लिए बंद,15 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

Char Dham Yatra: बद्रीनाथ धाम की यात्रा 19 नवंबर तक जारी रहेगी.

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Kedarnath के कपाट शीतकाल के लिए बंद,15 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

(फोटो: क्विंट)

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केदारनाथ मंदिर (Kedarnath Temple) के कपाट भैया दूज के पावन पर्व पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए. इस दौरान मंदिर परिसर में भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे. वहीं आज दोपहर को यमुनोत्री के कपाट भी बंद कर दिए जाएंगे. इससे पहले बुधवार को गंगोत्री के कपाट बंद किए गए. वहीं बद्रीनाथ धाम की यात्रा 19 नवंबर तक जारी रहेगी.

 केदारनाथ पहुंचे रिकॉर्ड श्रद्धालु

इस साल चार धाम यात्रा में रिकॉर्ड यात्री उत्तराखंड पहुंचे. केदारनाथ धाम की बात करें तो इस बार 15 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए.

केदारनाथ धाम के कपाट इस साल 6 मई को खुल गए थे. पहले ही दिन 30 हजार से अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिए धाम पहुंचे थे. कपाट बंद होने के एक दिन पहले बुधवार तक 15 लाख 55 हजार लोग बाबा केदार के दर्शन कर चुके थे. 6 महीने में धाम पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की अब तक की सर्वाधिक संख्या है.

100 करोड़ से ज्यादा का कारोबार

इसके साथ ही इस साल रिकॉर्ड कमाई भी हुई है. यात्रा के दौरान घोड़े-खच्चर वालों ने 100 करोड़ से ज्यादा की कमाई की है. इससे सरकार को भी 8 करोड़ रुपए से ज्यादा का राजस्व मिला है.

केदारनाथ के लिए गौरीकुंड से करीब 17 किलोमीटर की पैदल दूरी तय करनी होती है. यात्रा सुगम बनाने के लिए प्रशासन ने 4,302 घोड़ा-खच्चर मालिकों के 8,664 घोड़े-खच्चर पंजीकृत किए थे. इस साल चारधाम यात्रा के दौरान 5.34 लाख तीर्थयात्रियों ने घोड़े-खच्चरों की सवारी कर केदारनाथ धाम तक की यात्रा की.

केदारनाथ में श्रद्धालुओं का सैलाब

(फोटो: क्विंट)

सोनप्रयाग में घोड़े-खच्चरों के संचालन का जिम्मा संभाल रहे जी मैक्स कंपनी के प्रबंधक खुशहाल रावत ने बताया कि यात्रा में घोड़े-खच्चर से रिकॉर्ड 1 अरब 9 करोड़ 88 लाख रुपए का कारोबार हुआ है. इससे घोड़ा-खच्चर मालिकों को 1 अरब 1 करोड़ 34 लाख में मिले. जबकि, सरकार को राजस्व के रूप में 8 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं. वहीं नौ हेली कंपनियों ने 75 करोड़ का कारोबार किया है.

घोड़ा-खच्चर संचालक दर्शन सिंह बताते हैं कि इस साल बड़ी संख्या में तीर्थ यात्रियों के आने से अच्छा कारोबार हुआ है. हम बाबा केदार से प्रार्थना करते है कि 2023 में भी इसी तरह की यात्रा हो.

(इनपुट: मधुसूदन जोशी)

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Published: 27 Oct 2022,11:50 AM IST

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