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नवरात्र पूरे भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाने वाला त्योहार है. एक साल में चैत्र, आषाढ़, आश्विनी या शरद, पुष्य और माघ के महीनों में कुल मिलाकर पांच बार नवरात्र होते हैं. लेकिन इनमें चैत्र और शारदीय नवरात्र ज्यादा धूमधाम से मनाया जाता है. पूरे नौ दिन तक इस त्योहर का आयोजन किया जाता है.
चैत्र नवरात्र, चैत्र के शुक्ल पक्ष के दौरान मनाई जाती है. ये ज्यादातर उत्तरी भारत और पश्चिमी भारत में मनाई जाती है. लूनी-सोलर कैलेंडर के अनुसार, ये त्योहार हिंदू नववर्ष की शुरुआत में होता है.
मराठी लोग इसे 'गुड़ी पड़वा' और कश्मीरी हिंदू 'नवरे' के रूप में मनाते हैं. इतना ही नहीं, आंध प्रदेश, तेलांगना और कर्नाटक में हिंदू इसे 'उगादी' नाम से मनाते हैं. नौ दिन चलने वाले इस त्योहार को 'रामनवमी' भी कहते हैं, जिसका समापन भगवान राम के जन्मदिन 'रामनवमी' वाले दिन होता है.
शारदीय नवरात्र को महानवरात्र भी कहा जाता है. अश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन पूरे भारत में दुर्गा पूजा के रूप में मनाई जाती है. ये पर्व उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों में काफी अच्छे से मनाया जाता है.
ये नवरात्र मां शक्ति के नौ रूपों- दुर्गा, भद्रकाली, जगदम्बा, अन्नपूर्णा, सर्वमंगला, भैरवी, चंडिका, कलिता, भवानी, मूकाम्बिका को समर्पित होती है. ऐसा माना गया है कि नौ दिनों की लंबी लड़ाई के बाद देवी दुर्गा ने राक्षस महिषासुर का वध किया, जिसके बाद से ये नवरात्र मनाई जाती है.
शरद नवरात्र के बारे में एक और कहानी बताई जाती है कि भगवान राम ने रावण को युद्ध में पराजित करने के लिए देवी दुर्गा के सभी नौ रूपों की पूजा की थी. इसके बाद दसवें दिन भगवान राम ने रावण का वध किया, जिसे विजयदशमी मनाई जाती है.
इस बार चैत्र नवरात्र 6 अप्रैल 2019 से शुरू हो रहे हैं. देवी मां को प्रसन्न करने के लिए नवरात्र के दौरान नौ दिनों तक पूजा और हवन किया जाता है. इन दिनों लोग उपवास रखते हैं और देवताओं को फल, प्रसाद और फूलों का भोग लगाया जाता है.
उपवास रखने वाले कुट्टू की पूरी, कुट्टू की पकौड़ी, साबूदाना खिचड़ी और साबूदाना वड़ा खाते हैं. दूध, सूखे फल और आलू जैसे आइटम भी मुख्य रूप से व्रत के आहार का हिस्सा माना जाता है.
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