Chaitra Navaratri 2019:शारदीय नवरात्र से कैसे अलग है चैत्र नवरात्र

Chaitra Navaratri 2019: जानें कैसे शरद नवरात्रि से अलग होती है चैत्र नवरात्रि

क्विंट हिंदी
धर्म और अध्यात्म
Published:
Chaitra Navaratri 2019
i
Chaitra Navaratri 2019
(फोटो: PTI)

advertisement

नवरात्र पूरे भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाने वाला त्योहार है. एक साल में चैत्र, आषाढ़, आश्विनी या शरद, पुष्य और माघ के महीनों में कुल मिलाकर पांच बार नवरात्र होते हैं. लेकिन इनमें चैत्र और शारदीय नवरात्र ज्यादा धूमधाम से मनाया जाता है. पूरे नौ दिन तक इस त्योहर का आयोजन किया जाता है.

आइए जानते हैं चैत्र नवरात्र के बारे में

चैत्र नवरात्र, चैत्र के शुक्ल पक्ष के दौरान मनाई जाती है. ये ज्यादातर उत्तरी भारत और पश्चिमी भारत में मनाई जाती है. लूनी-सोलर कैलेंडर के अनुसार, ये त्योहार हिंदू नववर्ष की शुरुआत में होता है.

मराठी लोग इसे 'गुड़ी पड़वा' और कश्मीरी हिंदू 'नवरे' के रूप में मनाते हैं. इतना ही नहीं, आंध प्रदेश, तेलांगना और कर्नाटक में हिंदू इसे 'उगादी' नाम से मनाते हैं. नौ दिन चलने वाले इस त्योहार को 'रामनवमी' भी कहते हैं, जिसका समापन भगवान राम के जन्मदिन 'रामनवमी' वाले दिन होता है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

जानें क्या है शारदीय नवरात्र

शारदीय नवरात्र को महानवरात्र भी कहा जाता है. अश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन पूरे भारत में दुर्गा पूजा के रूप में मनाई जाती है. ये पर्व उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों में काफी अच्छे से मनाया जाता है.

ये नवरात्र मां शक्ति के नौ रूपों- दुर्गा, भद्रकाली, जगदम्बा, अन्नपूर्णा, सर्वमंगला, भैरवी, चंडिका, कलिता, भवानी, मूकाम्बिका को समर्पित होती है. ऐसा माना गया है कि नौ दिनों की लंबी लड़ाई के बाद देवी दुर्गा ने राक्षस महिषासुर का वध किया, जिसके बाद से ये नवरात्र मनाई जाती है.

शरद नवरात्र के बारे में एक और कहानी बताई जाती है कि भगवान राम ने रावण को युद्ध में पराजित करने के लिए देवी दुर्गा के सभी नौ रूपों की पूजा की थी. इसके बाद दसवें दिन भगवान राम ने रावण का वध किया, जिसे विजयदशमी मनाई जाती है.

चैत्र नवरात्र 2019 के अनुष्ठान और महत्व

इस बार चैत्र नवरात्र 6 अप्रैल 2019 से शुरू हो रहे हैं. देवी मां को प्रसन्‍न करने के लिए नवरात्र के दौरान नौ दिनों तक पूजा और हवन किया जाता है. इन दिनों लोग उपवास रखते हैं और देवताओं को फल, प्रसाद और फूलों का भोग लगाया जाता है.

उपवास रखने वाले कुट्टू की पूरी, कुट्टू की पकौड़ी, साबूदाना खिचड़ी और साबूदाना वड़ा खाते हैं. दूध, सूखे फल और आलू जैसे आइटम भी मुख्य रूप से व्रत के आहार का हिस्सा माना जाता है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT