Chaitra Navratri 2019: जानें तिथि, महत्व और पूजा की विधि

Chaitra Navratri 2019: इस तारीख से शुरू हो रहे हैं नवरात्र, जानें कलश स्थापना की विधि

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चैत्र नवरात्र
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चैत्र नवरात्र
(फोटो :PTI)

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इस बार चैत्र नवरात्र 6 अप्रैल 2019 से शुरू हो रहे हैं. इस दिन से 9 दिनों तक माता दुर्गा और उनके रूपों की पूजा-अर्चना होती है. चैत्र नवरात्र की प्रतिपदा को कलश स्थापना की जाती है. घट स्थापना प्रतिपदा शुरू होने के बाद ही की जाती है.

इस नवरात्र को चैत्र नवरात्र इसलिए कहा जाता है, क्योंकि ये चैत के महीने में मनाई जाती है. कुछ जगहों पर चैत्र नवरात्र को राम नवरात्र भी कहा जाता है.

कलश स्थापना का शुभ मुहुर्त

शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन अभिजीत मुहुर्त में 6 बजकर 9 मिनट से लेकर 10 बजकर 19 मिनट के बीच घट स्थापना का शुभ मुहुर्त निकला है.

इस तरह करें कलश स्थापना

घट स्थापना सुबह की जाती है. 9 दिनों तक कलश वहीं रखा जाता है. कलश की स्थापना के लिए आपको चावल, सुपारी, मौली, रोली, केसर, पान, इलायची, लौंग, इत्र, चंदन, चौकी, सिंदूर, लाल वस्त्र, धूप, दीप, फूल, गुलाल, सुगंधित पुष्प, रूई, नारियल आदि चीजों की जरूरत होती है. बेहतर रहेगा अगर आप एक दिन पहले ही ये सभी सामग्रियां एकत्र कर लें.

कलश पर स्वास्तिक बनाया जाता है और मौली बांधकर उसके नीचे गेहूं या चावल डालकर रखा जाता है. उसके ऊपर लोग नारियल भी रखते हैं.

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9 दिन मां के इन 9 रूपों की होगी पूजा

  • पहले दिन (6 अप्रैल 2019)- घट स्थापन और मां शैलपुत्री पूजा, मां ब्रह्मचारिणी पूजा
  • दूसरे दिन (7 अप्रैल 2019)- मां चंद्रघंटा पूजा
  • तीसरे दिन (8 अप्रैल 2019)- मां कुष्मांडा पूजा
  • चौथे दिन (9 अप्रैल 2019)- मां स्कंदमाता पूजा
  • पांचवें दिन (10 अप्रैल 2019)- पंचमी तिथि सरस्वती आह्वान
  • छठे दिन (11 अप्रैल 2019)- मां कात्यायनी पूजा
  • सातवें दिन (12 अप्रैल 2019)- मां कालरात्रि पूजा
  • आठवें दिन (13 अप्रैल 2019)- रामनवमी मनाई जाती है
  • नौवें दिन (14 अप्रैल 2019)- मां महागौरी पूजा, दुर्गा अष्टमी, महानवमी

चैत्र नवरात्र के अनुष्ठान और महत्व

देवी मां का स्वागत और खुश करने के लिए नवरात्र के दौरान सभी नौ दिनों तक पूजा और हवन किया जाता है. इन दिनों लोग उपवास रखते हैं और देवताओं को फल, प्रसाद और फूलों का भोग लगाया जाता है.

उपवास रखने वाले कुट्टू की पूरी, कुट्टू की पकौड़ी, साबूदाना खिचड़ी और साबूदाना वड़ा खाते हैं. दूध, सूखे फल और आलू जैसे आइटम भी मुख्य रूप से उपवास के आहार का हिस्सा माना जाता है.

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