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'बुरा न मानो होली है.' रंगों के त्योहार होली पर ये 'कहावत' काफी प्रचलित है. इसकी आड़ में कुछ लोग अपने व्यक्तित्व के विपरीत गलत फायदा उठाने की कोशिश करते भी नजर आते हैं.
होली पर रंग लगाने के बहाने कुछ लोग लड़कियों और महिलाओं के साथ छेड़खानी करते देखे जा सकते हैं. ऐसा करने वाले अक्सर कोई अनजान नहीं, बल्कि ज्यादातर पड़ोसी, दोस्त या रिश्तेदार ही होते हैं. ऐसे में महिलाओं को सावधान रहने की जरूरत है. क्विंट ने कुछ लड़कियों से बात की, जिनका होली का अनुभव अच्छा नहीं रहा.
बुरा न मानो... की आड़ में कुछ लोग जाने-अनजाने ऐसी हरकत करते हैं, तो कुछ शराब के नशे में जानबूझकर महिलाओं के साथ बदसलूकी करते हैं. होली के मौके पर इस तरह की कई खबरें सुर्खियां बनती हैं.
होली के मौके पर कुछ जगहों पर महिलाएं घर से बाहर निकलने में कतराती हैं. चाहते हुए भी होली पर होली खेलने से घबराती हैं. ऐसा लगता है, मानो होली सिर्फ पुरुषों को ही खेलने का अधिकार है. महिलाओं से होली खेलने की आजादी छीन ली गई है.
दिल्ली से प्रियंका देसाई ने क्विंट को बताया, ''होली पर हम लड़कियां घर से बाहर निकलने में बहुत हिचकिचाती हैं. एक बार किसी से मिलने मुझे होली पर घर से बाहर निकलना पड़ा. अकेले जाने में डर लगा, तो अपनी बहन को साथ ले लिया. हम दोनों जा ही रहे थे कि अचानक एक तेज रफ्तार कार आकर हमारे पास रुकी. उस कार में नशे में धुत्त 4, 5 लड़के बैठे थे. उनमें से दो लड़के उतरे और जबरदस्ती हमें रंग लगा दिया. हम कुछ समझ पाते इससे पहले वो भाग गए. लेकिन इस हादसे के बाद हमने होली पर घर से निकलना छोड़ दिया."
कॉलेज में आमतौर पर छात्र-छात्राओं पर कई तरह के नियम-कानून होते हैं. लेकिन होली पर लड़के सोचते हैं कि इस दिन कोई नियम नहीं है, इस दिन कोई नियम लागू नहीं होता. ऐसे में लड़के लड़कियों के साथ मस्ती कर फायदा उठाने की कोशिश करते हैं.
पटना से शालिनी कश्यप ने क्विंट हिंदी को बताया कि कॉलेज-यूनिवर्सिटी में इस तरह की हरकतें ज्यादा होती हैं. होली पर रंग लगाने के बहाने लड़के लड़कियों को टच करते हैं. शालिनी ने कहा, "बुरा न मानो होली है, कॉलेज में सीनियर्स ये कहकर जूनियर लड़कियों को रंग लगाते हैं. मर्जी के खिलाफ उनके गाल छूते हैं, ये सब बहुत अजीब लगता है."
होली में सड़कों पर रंगों से पुते लड़कों की टोलियां देखना आम बात है. अक्सर हुड़दंगी लड़के ग्रुप में निकलते हैं और पूरा सड़क जाम कर देते हैं. इनका खौफ इतना होता है कि उनके पास से निकलने से हर कोई घबरा जाता है.
मध्य प्रदेश की ऋचा ने अपना ऐसा ही एक अनुभव क्विंट हिंदी के साथ शेयर किया. उन्होंने बताया:
होली पर महिलाओं को कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है. उन्हें ऐसे मनचलों से खुद ही सतर्क रहना होगा, क्योंकि जश्न के माहौल और नशे में धुत मनचलों पर किसी का कंट्रोल नहीं होता है.
होली सिर्फ रंगों का ही नहीं, खुशियों का ऐसा त्योहार है, जब दुश्मन भी दोस्त बन जाते हैं. ये त्योहार हंसी-खुशी, मौज-मस्ती और महिलाओं का सम्मान करते हुए मनाया चाहिए, जिससे पर्व का आनंद बढ़ता रहे.
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