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दारा सिंह के दो रूप थे. एक तरफ, वह मशहूर पेशेवर पहलवान थे, जिन्होंने दुनिया भर के बड़े-बड़े पहलवानों को अखाड़े की धूल चटाई और दूसरी तरफ, वह एक बॉलीवुड सुपरहीरो थे. जिन्होंने अपने अनोखे किरदारों से दर्शकों को खूब एंटरटेन किया.
साल 1952 में फिल्म 'संगदिल' से दारा सिंह ने बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत की. इससे पहले दारा सिंह दुनिया भर के अखाड़ों में अपनी ताकत का लोहा मनवा चुके थे. इसके बाद 'पहली झलक' (1955), 'किंग कौंग' (1962) में नजर आए. फिल्म 'किंग कौंग' को महेश भट्ट के पिता नानाभाई ने डायरेक्ट किया था. ये फिल्म ब्लॉकबस्टर रही. फिल्मों में दारा सिंह की सबसे हिट जोड़ी मुमताज के साथ रही.
यदि आपने सोचते हैं कि धर्मेंद्र पहले हीरो हैं, जिन्होंने फिल्म 'फूल और पत्थर' (1966) में स्क्रीन पर अपनी कमीज उताकर चेस्ट दिखाई. तो दोस्तों, आपकी गलत सोच है. ऐसा कहा जाता है कि स्क्रीन पर कमीज उतारकर अपनी मांसपेशियां दिखाने वाले सबसे पहले हीरो दारा सिंह थे.
दारा सिंह ने साल 1976 में फिल्म 'बजरंगबली' में हनुमान का किरदार निभाया, जिसे लोगों ने खूब पसंद किया. इसके बाद दूरदर्शन के सबसे लोकप्रिय पौराणिक धारावाहिक 'रामायण' में भी उन्होंने 'हनुमान' के किरदार को जीवित कर दिया. फैंस के लिए, दारा सिंह हनुमान के रूप में हमेशा अमर रहेंगे.
दारा सिंह एक पहलवान और एक्शन हीरो के अलावा राज्यसभा के सदस्य भी रहे हैं. वो समाज के जुड़े रहे. और लोगों के लिए काम किए. साल 2003 में भारतीय जनता पार्टी की तरफ से उन्हें राज्यसभा का सदस्य बनाया गया. साल 2009 तक दारा सिंह राज्यसभा सदस्य रहे. 83 साल की उम्र में दारा सिंह ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया.
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