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रिफ्यूजी कॉलोनियों में परवरिश से लेकर पद्म श्री तक, कुछ ऐसे थे विनोद दुआ

वरिष्ठ पत्रकार और पद्म श्री पुरस्कार विजेता Vinod Dua का निधन

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जिंदगी का सफर
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<div class="paragraphs"><p>सत्ता से सवाल, हसमुख मिजाज.... कुछ ऐसे थे विनोद दुआ</p></div>
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सत्ता से सवाल, हसमुख मिजाज.... कुछ ऐसे थे विनोद दुआ

(फोटो- अलटर्ड बाई क्विंट)

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वरिष्ठ पत्रकार और पद्म श्री पुरस्कार विजेता विनोद दुआ (Vinod Dua) का शनिवार, 4 दिसंबर को नई दिल्ली के एक हॉस्पिटल में जीवन के लिए संघर्ष करने के बाद निधन हो गया. उन्हें अपोलो हॉस्पिटल के आईसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया था. विनोद दुआ लंबे समय से कोविड-19 के कारण बीमार चल रहे थे.

विनोद दुआ और उनकी पत्नी पद्मावती 'चिन्ना' दुआ कोरोना महामारी के दूसरी लहर के दौरान कोविड पॉजिटिव हो गए थें. दोनों को गुरुग्राम के अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. बीमारी से लंबी लड़ाई के बाद जून में चिन्ना दुआ ने कोविड -19 के कारण दम तोड़ दिया.

विनोद दुआ अपने पीछे बड़ी बेटी बकुल दुआ, जो क्लिनिकल साइकॉलजिस्ट ​​हैं और छोटी बेटी और एक्ट्रेस-कॉमिक मल्लिका दुआ को छोड़ गए हैं.

विनोद दुआ, रिफ्यूजी कॉलोनियों से पद्म श्री सम्मान तक

विनोद दुआ का जन्म 11 मार्च 1954 को हुआ था. विनोद दुआ की शुरुआती परवरिश दिल्ली की रिफ्यूजी कॉलोनियों में हुई. 1947 में भारत की आजादी के बाद उनका परिवार डेरा इस्माइल खान से स्थानांतरित हो गया. उन्होंने हंस राज कॉलेज से अंग्रेजी साहित्य में डिग्री प्राप्त की और दिल्ली विश्वविद्यालय से साहित्य में मास्टर डिग्री प्राप्त की.

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विनोद दुआ ने 1974 में दूरदर्शन के साथ अपने उज्ज्वल पत्रकारिता करियर की शुरुआत की थी और चैनल और अन्य जगहों पर अनुभवी पत्रकार प्रणय रॉय के साथ चुनाव विश्लेषण कार्यक्रमों की एंकरिंग की.

विनोद दुआ ने दूरदर्शन पर 'तस्वीर ए हिन्द' (1997–98), सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन पर 'चुनाव चुनौती' (मार्च, 1998) जी न्यूज पर 'Election Analysis' (1999), सहारा टीवी पर 'प्रतिदिन' और 'परख' (2000-2003), स्टार न्यूज पर 'कौन बनेगा मुख्यमंत्री' (2003) और एनडीटीवी इंडिया पर 'जायका इंडिया का' जैसे कार्यकमों को प्रेजेंट किया.

1985 में, उन्होंने जनवाणी की एंकरिंग शुरू की, जो एक ऐतिहासिक शो था जिसने नागरिकों को मंत्रियों से उनकी नीतियों के बारे में सवाल पूछने के लिए एक मंच प्रदान किया. दो साल बाद, 1987 में वी टीवी टुडे में इसके मुख्य निर्माता के रूप में शामिल हुए. इसके तुरंत बाद, उन्होंने देश की पहली वीडियो पत्रिका न्यूजट्रैक का संपादन शुरू किया.

विनोद दुआ को 1996 में प्रतिष्ठित रामनाथ गोयनका पत्रकारिता उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. उन्हें भारत सरकार द्वारा 2008 में पत्रकारिता के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया गया.

सत्ता से सवाल, झेला देशद्रोह का चार्ज 

जून 2020 में विनोद दुआ पर अपने YouTube कार्यक्रम, 'विनोद दुआ शो' पर कुछ 'आपत्तिजनक बयान' देने का आरोप लगाया गया था. बीजेपी नेता अजय श्याम की शिकायत के आधार पर उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई थी.

बीजेपी नेता ने शिकायत में आरोप लगाया था कि विनोद दुआ के बयान सांप्रदायिक नफरत को भड़काने में सक्षम हैं और इससे शांति भंग हुई. इसमें यह भी आरोप लगाया गया कि दुआ ने सरकार को COVID-19 की तैयारियों में कमी के लिए दोषी ठहराया और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ व्यक्तिगत आरोप लगाए.

नतीजतन विनोद दुआ पर IPC के तहत गंभीर अपराध का आरोप लगाया गया, जिसमें राजद्रोह (सेक्शन 124A), सार्वजनिक उपद्रव (सेक्शन 268), मानहानि (सेक्शन 501), और सेक्शन 505 शामिल था.

शिकायत के संबंध में हिमाचल प्रदेश पुलिस की एक टीम के उनके आवास पर पेश होने के लगभग एक साल बाद, सुप्रीम कोर्ट ने 6 जून 2021 को आखिरकार दुआ के खिलाफ देशद्रोह के आरोपों को खारिज कर दिया.

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Published: 04 Dec 2021,07:14 PM IST

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