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13 जनवरी 1949 को पंजाब के पटियाला में जन्मे राकेश के लिए कहा जाता था कि वो बचपन में आसमान में उड़ते विमानों को बड़े गौर से देखते और देखते रहते जब तक वो आंखों से ओझल न हो जाएं. इस बात पर पूरी तरह भरोसा करने को जी चाहता है क्योंकि हो न हो वो उन दिनों में जेहनी तौर पर आसमान में ही चक्कर लगा रहे होंगे! 21 साल की उम्र में भारतीय वायु सेना में पायलट बन गए राकेश. अगले ही साल पाकिस्तान के साथ युद्ध छिड़ गया. इस छोटी सी उम्र में राकेश शर्मा ने युद्ध के दौरान 20 से ज्यादा उड़ानें भरीं. कुछ ही साल में राकेश शर्मा का शुमार, एयर फोर्स के सबसे बेहतरीन पायलटों में होने लगा.
यही दौर था जब देश अपना अंतरिक्ष कार्यक्रम शुरू करने के बारे में गंभीरता से सोच रहा था. इसमें मदद मिली भारत के दोस्त सोवियत रूस की. जब ये तय हो गया कि भारत से एक शख्स को सोवियत रूस के स्पेस यान के जरिए अंतरिक्ष में भेजा जाएगा, तब खोज शुरू हुई ऐसे पायलट की. एक कड़े इम्तेहान के बाद राकेश शर्मा और रवीश मल्होत्रा को चुन लिया गया. राकेश और रवीश को ट्रेनिंग के लिए रूस भेजा गया. और फिर वो पल भी आया जब इतिहास रचा जाना था.
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जब राकेश शर्मा से पूछा कि अंतरिक्ष ने भारत कैसा दिखता है तो उनका जवाब सुनने के बाद न सिर्फ इंदिरा गांधी के चेहरे पर मुस्कुराहट तैर गई बल्कि हर हिंदुस्तानी का सीना फख्र से चौड़ा हो गया. सुनिए ये दिलचस्प बातचीत नीचे दिए वीडियो में:
भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा पर बनने वाली बायोपिक 'सैल्यूट' बनने वाली है. इस फिल्म को सिद्धार्थ रॉय कपूर प्रोड्यूस कर रहे हैं और इसका निर्देशन महेश मथाई करेंगे.
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