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वर्कआउट टिप्स: आपके लिए कौन सी एक्सरसाइज है सही?

कैसे चुनें सही एक्सरसाइज 

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आप सभी ने अनगिनत बार ये बात सुनी होगी कि अच्छी सेहत के लिए एक्सरसाइज जरूरी है. हालांकि कंपनियां इस पर मोटी कमाई कर रही हैं, लेकिन ये सिर्फ मार्केटिंग हथकंडे से कहीं ज्यादा गंभीर चीज है.

ज्यादातर लोग जो बात ठीक से नहीं जानते, वो ये है कि जब एक्सरसाइज कर रहे हों, तो उन्हें वास्तव में क्या करना चाहिए. आज कई तरह की एक्सरसाइज हैं- कार्डियो, वेट्स, पिलाटीज. कोई इनमें से किसे चुनें? इनमें हर एक के क्या फायदे हैं?

हर तरह की एक्सरसाइज से आपको एक जैसे ही नतीजे नहीं मिलते. इनमें से हर एक का अलग मकसद है. उदाहरण के लिए रनिंग (दौड़ने) से आपकी पीठ मजबूत नहीं होगी, लेकिन यह आपके हार्ट और कैलोरी बर्न करने के लिए अच्छी होगी.

फिर आप कैसे तय करेंगे कि आपके वर्कआउट में क्या शामिल किया जाना चाहिए?

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ये आसान से 4 स्टेप्स हैं:

  1. जानिए कि आपका मकसद क्या है.
  2. समझिए कि कौन सी एक्सरसाइज आपके लिए कैसे और कितनी फायदेमंद होगी.
  3. उस एक्सरसाइज को चुनिए, जो आपकी जरूरतों के मुताबिक हो.
  4. और फिर इसे अपना लीजिए.
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एक्सरसाइज का लक्ष्य तय कीजिए

एक्सरसाइज सिर्फ वजन घटाने के लिए नहीं होती. बल्कि मैं आपको बता दूं कि वास्तव में ज्यादातर एक्सरसाइज वेट लॉस के लिए नहीं होतीं. 80 फीसद वेट लॉस इससे तय होता है कि आप क्या खाते हैं, बाकी सिर्फ 20 फीसद एक्सरसाइज है.

लेकिन इसके बेहिसाब फायदे हैं. बीमारियां को पास ना फटकने देने से लेकर ताकत हासिल करने तक, फिट रहने के लिए एक्सरसाइज करना तो इसके कई फायदों में से सिर्फ एक है.

कैसे तय करेंगे कि आपके वर्कआउट में क्या शामिल किया जाना चाहिए?
आइए, देखते हैं आप वेट लॉस के बारे में कितना जानते हैं
(फोटो: iStock)

तो इससे पहले कि आप एक्सरसाइज शुरू करें, आपको पता होना चाहिए कि आपको क्या करना है और आप यह क्या पाने के लिए कर रहे हैं.

क्या आपको बैक पेन है, जिसे आप कम करना चाहते हैं? या हार्ट की बीमारियों के बढ़ते खतरे को दूर रखना चाहते हैं? या फिर यह अपनी बॉडी का शेप सही रखने के लिए कर रहे हैं. 

अपना लक्ष्य तय करना पहला स्टेप है, क्योंकि इसी से आपका वर्कआउट तय होगा.

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कार्डियो, योग या पिलाटीज?

अगर आप बिना सोचे-समझे सिर्फ एक्सरसाइज करने के नाम पर कुछ भी कर रहे हैं, तो आप अपना वक्त बर्बाद कर रहे हैं. सिर्फ इसलिए कि वर्कआउट करना है, कुछ मिनट यह करके और कुछ मिनट वह करके क्या आप संतुष्ट हो जाएंगे? इस तरह आप अपना जोश तो ठंडा कर लेंगे, लेकिन इससे कुछ मदद नहीं मिलने वाली.

कैसे तय करेंगे कि आपके वर्कआउट में क्या शामिल किया जाना चाहिए?
वर्कआउट का मतलब सिर्फ वजन घटाना नहीं है.
(फोटो: iStock)

हर एक्सरसाइज का एक निश्चित फायदा है और इसे एक निश्चित समय के लिए किया जाना चाहिए. तो इन फायदों को समझने में आपकी मदद के लिए हमने होलिस्टिक फिटनेस एक्सपर्ट वेसना जैकब से बात की और कई स्टडीज को देखा.

जानिए इन एक्सरसाइज के बारे में.

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1. कार्डियो

कार्डियो आपके दिल के लिए है और इससे आप कैलोरी बर्न करते हैं. एक स्वस्थ और मजबूत दिल के लिए डॉक्टरों की सलाह है कि रोजाना कम से कम 45 मिनट टहलना चाहिए या या फिर हफ्ते में कम से पांच दिन 30 मिनट की साधारण एरोबिक एक्टिविटी करनी चाहिए.

कार्डियो आपके दिल का चलना और धड़कना बेहतर बनाती है, जो दिल के लिए अच्छी एक्सरसाइज है.  
कैसे तय करेंगे कि आपके वर्कआउट में क्या शामिल किया जाना चाहिए?
कार्डियो आपके दिल के लिए है और इससे आप कैलोरी बर्न करते हैं.
(फोटो: iStock) 

बड़ी मात्रा में कैलोरी बर्निंग किसी बेसिक कार्डियो सेशन (इसमें दौड़ना या चलना भी शामिल है) से मुमकिन नहीं. अगर आप वजन घटाना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको हाई इंटेंसिटी वर्कआउट करना होगा.

इस सेंपल को देखिए, एक घंटे के सामान्य जिम सेशन में आप औसतन 300 कैलोरी बर्न करते हैं. जबकि इतनी कैलोरी आप सिर्फ आधा बर्गर या एक समोसे से पा जाते हैं.

और यही वजह है कि आप जिम ज्वाइन करने के बाद भी वजन में कमी नहीं महसूस करते. एक सामान्य कार्डियो में हम जितनी कैलोरी बर्न करते हैं, उससे ज्यादा हम खा लेते हैं.

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2. वेट ट्रेनिंग

वेट ट्रेनिंग ताकत हासिल करने के लिए की जाती है. वर्कआउट में ज्यादा वजन उठाने से आपकी मांसपेशियां और हड्डियां मजबूत होंगी, जिससे आपके चोटिल होने का जोखिम कम होता है.
कैसे तय करेंगे कि आपके वर्कआउट में क्या शामिल किया जाना चाहिए?
वेट ट्रेनिंग का ये कतई मतलब नहीं है कि आप मोटे और भारी हो जाएंगे.
(फोटो: iStock)  

और हां, वेट ट्रेनिंग का कतई ये मतलब नहीं है कि आप मुस्तंडे सांड जैसे या भारी और मोटे हो जाएंगे. बड़ी मांसपेशियां बनाना इरादतन होता है और इसके लिए बहुत मेहनत करनी होती है, जिसमें वेट गेन डाइट और सप्लीमेंट्स लेना भी शामिल होता है. थोड़ा वजन बढ़ाने और हेल्दी डाइट लेने से शरीर फिट और छरहरा बनेगा, ना कि भारी और मोटा.

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3. HIIT (हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग)

हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग (HIIT) कार्डियो ट्रेनिंग का ही एक फॉर्म है. इसमें ऐसे तरीके का इस्तेमाल होता है, जिसमें आप थोड़े समय के लिए हाई इंटेंसिटी एक्सरसाइज करते हैं, जिसके बाद कम इंटेंसिटी एक्सरसाइज करते हैं और फिर यही प्रक्रिया बार-बार दोहराते हैं.

कैसे तय करेंगे कि आपके वर्कआउट में क्या शामिल किया जाना चाहिए?
HIIT सहनशक्ति बढ़ाने और बेहतर स्टेमिना में मदद करती है.
(फोटो: iStock) 
HIIT सहनशक्ति बढ़ाने और बेहतर स्टेमिना में मदद करती है. अध्ययन ये भी बताते हैं कि यह फटाफट कैलोरी बर्न करने का अच्छा तरीका है.

आप अपने शरीर के किस हिस्से पर क्या हासिल करना चाहते हैं, उसके अनुसार इन एक्सरसाइज के भी कई प्रकार हो सकते हैं. एक उदाहरण के लिए, लोअर बॉडी इंटरवल वर्कआउट में आप 30 सेकेंड स्प्रिंट (पूरी रफ्तार से दौड़ना) करेंगे, 45 मिनट स्क्वैट जंप (उकड़ू बैठ कर उछल कर सीधा होना) करेंगे, 20 लंज (झपटने जैसी मुद्रा) 50 कॉफ रेजेज (पंजों पर खड़ा होना) करने के बाद कुछ मिनट ठहर कर फिर से इसे दोहराएंगे.

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4. योग

योग कुल मिलाकर एक समग्र अनुभव है. इसमें ध्यान, सांस की एक्सरसाइज के साथ ही शारीरिक आसन भी शामिल होता है.

अगर आप योग के शारीरिक प्रकार के बारे में बात करें, जिसमें नए दौर का पावर योग भी शामिल है, तो इसका मकसद आपके शरीर को समग्र रूप में फिट और मजबूत रखना है. योग के आसन आपके जोड़ों, पीठ, गर्दन सभी कुछ सही हालत में रखते हैं, जिससे दर्द की शिकायत नहीं होती.
कैसे तय करेंगे कि आपके वर्कआउट में क्या शामिल किया जाना चाहिए?
वेट लॉस के लिए नहीं है योग.
(फोटो: iStock)

ऐसा भी कहा जाता है कि यह आंतरिक समस्याओं, जैसे कि प्रतिरोधक क्षमता, प्रजनन क्षमता को भी ठीक करता है और बीमारियों को दूर भगाता है. योग वजन घटाने के लिए नहीं है. इसके करने से आपका वजन कम हो सकता है, लेकिन यह इसका मकसद नहीं है.

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5. पिलाटीज

पिलाटीज आपको अंदर से मजबूत बनाने में मदद करते हैं. इसका मतलब है कि यह मांसपेशियों को ताकत देती है और प्रमुख मांसपेशियों- पेट की मांसपेशियां, पीठ का निचला हिस्सा, नितंब की मजबूती बढ़ाती है. यह लचीलापन और शरीर पर नियंत्रण भी बढ़ाती है.
कैसे तय करेंगे कि आपके वर्कआउट में क्या शामिल किया जाना चाहिए?
बहुत से खिलाड़ी और सेलेब्रेटीज पिलाटीज का सहारा लेते हैं क्योंकि इससे परफॉर्मेंस में सुधार आता है और ये इंजरी को रोकता है. 
(फोटो: iStock)

कई पिलाटीज एक्सरसाइज योग आसनों से काफी मिलती-जुलती हैं. पिलाटीज कुछ निश्चित मशीनों पर किया जाता है, जबकि योगा घर पर भी बिना किसी मशीन के फर्श पर सिर्फ एक मैट लेकर भी किया जा सकता है. पिलाटीज में शरीर के अलग हिस्सों के लिए काफी लक्ष्य आधारित एक्सरसाइज होती हैं. इसलिए आप बिना खुद को बहुत ज्यादा थकाए अच्छे नतीजे पा सकते हैं.

बहुत से खिलाड़ी और सेलेब्रेटीज पिलाटीज का सहारा लेते हैं, क्योंकि इससे परफॉर्मेंस में सुधार आता है और यह इंजरी को रोकता है. इसके साथ ही अगर आप पेट सपाट रखना चाहते हैं, तो पिलाटीज को आजमा सकते हैं. अब जबकि आप अलग-अलग किस्म की एक्सरसाइज के बारे में जान चुके हैं, अपना कीमती समय एक्सरसाइज में लगाइए. हैप्पी एक्सरसाइजिंग!

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