ADVERTISEMENTREMOVE AD

'उसने कर्नल की वर्दी में बात की', सेना में नौकरी के नाम पर ठगे गए युवक की आपबीती

पीड़ित मनोज ने बताया कि दो भाइयों से नौकरी दिलाने के नाम पर 16 लाख रुपये ठगे गए

Published
भारत
2 min read
छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

सेना में नौकरी के नाम पर ठगी. अजीब है कि जिससे ठगी हुई उसने चार महीने ड्यूटी भी दी. राइफल के साथ उसकी तस्वीर भी है. ये मामला है पश्चिमी यूपी का है. पीड़ित मनोज से क्विंट ने बातचीत की.

ठगी के शिकार मनोज ने क्या बताया

मनोज ने बताया कि 'मेरी और राहुल की मुलाकात साल 2019 वाली भर्ती में फैजाबाद में हुई थी. उस दौरान मेरी भर्ती न हो सकी लेकिन राहुल की हो गई थी. उसके बाद मुझे राहुल का फोन पठानकोट से आया और राहुल ने कहा मेरी तो भर्ती हो गई, आपकी भी करा दूंगा आर्मी में. 8-8 लाख में हम दो भाई थे उनकी बात की थी. उस दौरान राहुल ने बोला कि मैं ज्वाइनिंग लेटर आपके घर पहुंचा दूंगा. आप मुझे 8 लाख रूपए दे दो. उसके बाद राहुल ने डाक द्वारा मुझे ज्वाइनिंग लेटर भेज दिया. जनवरी के महीने में उसके छह महीने बाद तक मैं कहीं नहीं गया तो उसने पांचवे महीने में एक और ज्वाइनिंग लेटर भेज दिया जिसमे डेट लिखी थी 1 जून.''

मनोज के मुताबिक राहुल ने उसे 1 जून को कर्नाटक में रिपोर्ट करने को कहा. लेकिन फिर पठानकोट आने को कहा. 14 जून को मनोज पठानकोट गया. पठानकोट बुलाने के बहाने राहुल ने उसे होटल में रखा और 6 लाख रुपए अपने अकाउंट में डलवा लिए. उसके बाद मनोज को अखनूर भेज दिया.

मनोज बताते हैं कि 'जब मैंने उससे (राहुल) पूछा कि मेरी ट्रेनिंग कब चलेगी तो उसने कहा कि तुम्हें पुलिस वेरिफिकेशन करना होगा. तुम्हें 15 दिन की छुट्टी दिलवा रहा हूं. पुलिस वेरिफिकेशन के बाद मुझे पठानकोट बुलाया गया.'
0

''ठग ने थी पहनी कर्नल की वर्दी''

मनोज बताते हैं-''राहुल की बुआ के बेटा बिट्टू ने वीडियो कॉल पर कर्नल की वर्दी पहन कर मुझसे बात की और उसने कहा कि आपकी पोस्टिंग पठानकोट में हो गई है. मुझे राहुल ने पठानकोट बुलाया. राहुल की ड्यूटी उस समय पठानकोट के 272 टैंक चौक के गेट के पास लगी थी. उसके बाद मैं पठानकोट गया जिसके बाद राहुल ने मुझे किसी अधिकारी के द्वारा अंदर करा दिया. मुझसे कोई पूछताछ नहीं की गई और फौजियों के साथ छोड़ दिया. मैं फौजियो के साथ रहने लगा, मैं मैस में खाना बनाने लगा उसके बाद मुझसे घास की कटिंग भी कराई गई. इंसास राइफल के साथ राहुल ने कुछ समय के लिए मेरी ड्यूटी भी लगाई.''

ADVERTISEMENTREMOVE AD

कैसे चला फर्जीवाड़े का पता

मनोज के मुताबिक 15 दिन ड्यूटी पर रहने के बाद उसने एक साथी सिपाही से पूछताछ की. तो उसने बताया कि फर्जीवाड़ा किया गया है. राहुल ने मनोज को आईडी कार्ड, ज्वाइनिंग लेटर दिया और वर्दी भी दी थी.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×