ADVERTISEMENTREMOVE AD

नए संसद में स्थापित हुआ 'सेंगोल': नेहरू,आजादी और चोल साम्राज्य से क्या कनेक्शन?

What is Sengol: PM Modi संसद के नए भवन में लोक सभा अध्यक्ष के आसन के पास इसे स्थापित किया गया है

Published
भारत
4 min read
छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) संसद के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन 28 मई को करने जा रहे हैं. इस महत्वपूर्ण दिन पर प्रधानमंत्री मोदी संसद के नए भवन में सेंगोल (Sengol) को भी स्थापित किया. यह सेंगोल भारत के आजादी के वर्ष यानी 1947 में तमिलनाडु से लाया गया. यह वही सेंगोल है जिसे 14 अगस्त 1947 को रात के 10:45 बजे के लगभग अंग्रेजों ने सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर देश के तत्कालीन और आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को सौंपा था.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि यह नया संसद भवन नए भारत के निर्माण में हमारी सांस्कृतिक विरासत, परंपरा और सभ्यता को आधुनिकता से जोड़ने का एक सुंदर प्रयास है.

सेंगोल की पुरानी ऐतिहासिक परंपरा का जिक्र करते हुए शाह ने आगे बताया कि संसद के नए भवन के उद्घाटन के ऐतिहासिक अवसर पर युगों से जुड़ी हुई एक ऐतिहासिक परंपरा को भी पुनर्जीवित और पुनर्स्थापित किया जाएगा.

शाह ने देश को मिली आजादी और अंग्रेजों से भारत को सत्ता हस्तांतरण के समय निभाई गई परंपरा का जिक्र करते हुए बताया कि 14 अगस्त 1947 को एक अनोखी घटना हुई थी. उस समय सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर जवाहर लाल नेहरू को तमिलनाडु से लाया गया सेंगोल सौंपा गया था.

उन्होंने इस परंपरा के चोल साम्राज्य से जुड़े होने की जिक्र करते हुए कहा कि जब 1947 की इस परंपरा के बारे में प्रधानमंत्री मोदी को जानकारी मिली तो उन्होंने इसकी खोजबीन करने का आदेश दिया कि अब यह सेंगोल कहां है. आजादी के 75 साल बाद आज देश के अधिकांश नागरिकों को इसकी जानकारी नहीं है, जबकि सेंगोल ने भारत के इतिहास में एक अहम भूमिका निभाई थी. यह सेंगोल 1947 में सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक बना था. काफी खोजबीन करने पर यह मालूम हुआ कि यह सेंगोल इलाहाबाद के संग्रहालय में रखा हुआ है.

What is Sengol: PM Modi संसद के नए भवन में लोक सभा अध्यक्ष के आसन के पास इसे स्थापित किया गया है
यह तय किया गया कि इस पवित्र सेंगोल को किसी संग्रहालय में रखना अनुचित है. इसलिए 1947 के इस सेंगोल के मिलने के बाद यह फैसला किया गया कि जिस दिन नए संसद भवन को देश को समर्पित किया जाएगा उसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमिलनाडु के अधीनम से आए हुए इस सेंगोल को विनम्रता के साथ स्वीकार करेंगे और संसद के नए भवन में लोक सभा अध्यक्ष के आसन के पास इसे स्थापित करेंगे
अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री
What is Sengol: PM Modi संसद के नए भवन में लोक सभा अध्यक्ष के आसन के पास इसे स्थापित किया गया है

देश को आजादी मिलने के समय की पूरी प्रक्रिया के बारे में जानकारी देते हुए शाह ने बताया कि 1947 में जब लॉर्ड माउंटबेटन ने जवाहर लाल नेहरू से पूछा कि सत्ता का हस्तांतरण कैसे किया जाए. तो उस समय नेहरू ने इसके बारे में सी राजगोपालाचारी से सुझाव मांगा. उन्होंने जवाहर लाल नेहरू को चोल साम्राज्य की सेंगोल प्रक्रिया के बारे में बताया. इसके बाद तमिलनाडु से इस पवित्र सेंगोल को मंगाया गया और 14 अगस्त 1947 को रात के 10:45 बजे के लगभग अंग्रेजों ने सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर इसी पवित्र सेंगोल को जवाहर लाल नेहरू को सौंपा था

What is Sengol: PM Modi संसद के नए भवन में लोक सभा अध्यक्ष के आसन के पास इसे स्थापित किया गया है
ADVERTISEMENTREMOVE AD

शाह ने 28 मई के कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए यह भी बताया कि 1947 में जो तमिल विद्वान नेहरू को सेंगोल सौंपते समय मौजूद थे, आज उनकी उम्र 96 साल हो गई है और 96 वर्षीय यही तमिल विद्वान 28 मई को भी संसद के नए भवन में सेंगोल की स्थापना के समय मौजूद रहेंगे. इस मौके पर शाह ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और जी किशन रेड्डी की मौजूदगी में सेंगोल की परंपरा और इसके इतिहास से जुड़ी जानकारी को लोगों तक पहुंचाने के लिए एक वेबसाइट को भी लांच किया.

विपक्षी दलों द्वारा संसद के नए भवन के उद्घाटन कार्यक्रम के बहिष्कार के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए शाह ने यह भी कहा कि राजनीति अपनी जगह है, राजनीति चलती रहती है लेकिन सेंगोल को राजनीति के साथ मत जोड़िए. यह पुरानी परंपराओं से नए भारत को जोड़ने की एक बड़ी भावनात्मक प्रक्रिया है, इसको इतने ही सीमित अर्थ में देखना चाहिए. भारत सरकार ने सबको उपस्थित रहने की विनती की है, हमने सबको बुलाया है, सब अपनी-अपनी भावना के अनुसार करेंगे (फैसला)। उन्होंने विपक्षी दलों पर तीखा निशाना साधते हुए आगे यह भी कहा कि सब अपनी सोचने की क्षमता के अनुसार रिएक्शन भी देते हैं और काम भी करते हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×