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नवरात्रि में हुए कन्या भोज की नहीं है, जूते पहने खाना परोसते अखिलेश यादव की फोटो

फोटो हाल में हुए नवरात्र कन्याभोज की नहीं साल 2016 की है. जब Akhilesh Yadav ''हौसला न्यूट्रीशन स्कीम'' शुरू की थी

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सोशल मीडिया पर अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की एक फोटो वायरल हो रही है, जिसमें वे जूते पहने हुए खाना परोसते दिख रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि ये फोटो हाल में नवरात्रि (Navratri) के दौरान अखिलेश द्वारा आयोजित किए गए कन्या भोज की है. जहां उन्होंने जूते पहनकर कन्याओं को खाना परोसा.

हालांकि, क्विंट की वेबकूफ टीम ने जब इस दावे की पड़ताल की, तो सामने आया कि फोटो 4 साल पुरानी है और इसका नवरात्र के कन्या भोज से कोई संबंध नहीं है. फोटो तब की है जब 2016 में अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री रहते हुए उत्तरप्रदेश में ''हौसला न्यूट्रीशन स्कीम'' शुरू की थी.

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दावा

फोटो के साथ शेयर किया जा रहा कैप्शन है - नवरात्रि मे जूता पहनकर कन्या को भोजन कराते अखिलेश यादव!! भावी मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश. अब बताओ मित्रों इनकी सोच कितनी उची हैं

ट्विटर पर अन्य यूजर्स ने भी फोटो को इसी दावे के साथ शेयर किया. यही दावा करते पोस्ट्स का अर्काइव यहां और यहां देखा जा सकता है.

पड़ताल में हमने क्या पाया

वायरल फोटो को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से हमें राजस्थान पत्रिका की वेबसाइट पर साल 2016 की एक रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट से पता चलता है कि फोटो उस वक्त की है जब अखिलेश यादव ने हौसला पोषण योजना की शुरुआत की थी.

पत्रिका की रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि उस वक्त भी खाद्य सामग्री परोसते वक्त जूते पहने रहने को लेकर अखिलेश की आलोचना हुई थी. कई अन्य वेबसाइट्स के साल 2016 के आर्टिकल में हौसला पोषण योजना को लेकर छपे लेखों में ये तस्वीर है.

अखिलेश यादव के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर हमें 15 जुलाई, 2016 का एक ट्वीट मिला, इस ट्वीट में भी यही वायरल फोटो है, जिसे साल 2021 में नवरात्र में हुए कन्या भोज का बताकर शेयर किया जा रहा है.

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साफ है कि उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की जूते पहनकर खाना परोसते हुए तस्वीर 4 साल पुरानी है, इसको लेकर अखिलेश की काफी आलोचना भी हुई थी. लेकिन ये दावा झूठा है कि ये तस्वीर हाल में नववरात्र पर आयोजित कन्या भोज की है.

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