देश ने आजादी के 75 साल (Independence Day) पूरे कर लिए हैं. इसी दौरान सोशल मीडिया पर स्कूल के कुछ बच्चों का एक वीडियो वायरल होने लगा. वीडियो में भारत माता के गेटअप में दिख रही एक बच्ची के सिर से मुकुट हटाया जाता है और फिर वो और उसके अगल-बगल खड़े दूसरे बच्चे उसे हिजाब पहनाकर उसके साथ बैठकर नमाज पढ़ते दिखते हैं.
वीडियो को शेयर कर कई यूजर्स ने यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) और यूपी पुलिस से इस घटना पर एक्शन लेने की अपील की है.
हालांकि, जब हमने पड़ताल की तो पाया कि वीडियो में दिख रहे विजुअल सही होने के बावजूद भ्रामक हैं. क्योंकि ये वीडियो एक बड़े वीडियो का एक छोटा सा हिस्सा भर है. लखनऊ पुलिस ने वीडियो का लंबा वर्जन ट्वीट कर इसका सच बताया है. पुलिस के मुताबिक, ये वीडियो लखनऊ के एक स्कूल में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर किए गए एक नाटक को दिखाता है.
वीडियो देखने पर साफ समझ आता है कि वीडियो में सिर्फ मुस्लिमों के इबादत करने का तरीका नहीं दिखाया गया. बल्कि, हिंदुओं, सिखों और क्रिश्चियन के पूजा करने के तरीके को दिखाते हुए एकता का संदेश दिया जा रहा है. इसके 'मुस्लिम कम्यूनिटी' के तरीके को दिखाने वाले हिस्से को काटकर भ्रामक दावे से शेयर किया जा रहा है.
दावा
वीडियो को बीजेपी नेता अभिजात मिश्रा ने ट्वीट कर कैप्शन में लिखा, ''पूजनीय मुख्यमंत्री @myogiadityanath जी लखनऊ की इस घटना को संज्ञान में लेने की क्रपा करें ।''
इसके बाद, इस वीडियो को अक्सर भ्रामक खबरें फैलाने वाले राइटविंग चैनल Sudarshan News ने भी शेयर किया है. जिसे स्टोरी लिखते समय तक 1,30,000 से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं.
पड़ताल में हमने क्या पाया?
हमने Sudarshan News के ट्वीट पर दिए गए जवाबों में जाकर देखा. हमें लखनऊ पुलिस का रिस्पॉन्स मिला. लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से वायरल वीडियो के जवाब में इस वीडियो का लंबा वर्जन डाला गया था. और बताया गया था कि:
ये छोटे बच्चों का सांप्रदायिक सौहार्द पर बनाए गए नाटक का पूरा वीडियो है. जो शिशु भारतीय विद्यालय मालवीय नगर थाना बाजार खाला का है. जिसे कुछ असामाजिक तत्वों ने गलत ढंग से प्रचारित किया है और सांप्रदायिकता फैलाने का अपराध किया है. ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
नाटक के अलग-अलग सीन में अलग-अलग धर्मों का नाटकीय रूपांतरण
वीडियो के पहले हिस्से में बैकग्रांउड में घंटों की आवाज आती दिख रही है. और भारत माता के गेटअप में जो बच्ची है उस पर फूल बरसाते दूसरे बच्चे दिख रहे हैं.
दूसरे सीन में सारे बच्चे मुस्लिम गेटअप में आकर भारत माता को हिजाब पहनाते हैं, फिर बैकग्रांउड में बज रही नमाज के साथ इबादत करते दिखते हैं.
इसके बाद आए सीन में गुरबाणी बजती सुनाई देती है और सिखों के पूजा करने के तरीके को दिखाया जाता है.
सबसे आखिर में क्रिश्चियनिटी को प्रोजेक्ट करने वाले दृश्य दिखाई देते हैं.
इसके अलावा, हमें Times Of India के पत्रकार अरविंद चौहान का भी ट्वीट मिला. उनके ट्वीट थ्रेड में नाटक के पूरे वीडियो के साथ-साथ इस नाटक को कोरियोग्राफ करने वाली टीचर का भी वीडियो मिला.
वीडियो में टीचर प्रगति निगम ने कहा कि:
ये वीडियो गलत है. मैंने चार धर्मों को मिलवाने के लिए ये प्ले करवाया था. इसलिए प्लीज इस पूरे वीडियो को देखें. हमारा इंटेंशन ऐसा कतई नहीं था जैसा इसे पेश किया जा रहा है. वीडियो वायरल करने वालों को अपनी मानसिकता सुधारनी चाहिए.प्रगति निगम, टीचर शिशु भारतीय विद्यालय
अरविंद चौहान के ट्वीट थ्रेड में आखिरी वीडियो में डीसीपी वेस्ट एस चिन्नप्पा का बयान भी देखा जा सकता है. जिसमें वो बताते देखे जा सकते हैं कि ये वीडियो सामाजिक सौहार्द बनाने से जुड़ा है, जिसे गलत दावे से शेयर किया जा रहा है. हम गलत दावा करने वालों को चिह्नित करके उचित कार्रवाई की जा रही है.
मतलब साफ है कि स्कूली बच्चों के सांप्रदायिक सौहार्द पर बनाए गए वीडियो का एक छोटा सा हिस्सा काटकर सांप्रदायिक द्वेष फैलाने के लिए शेयर किया जा रहा है.
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