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मोदी सरकार 2.0 के पहले बजट में हो सकते हैं ये ऐलान

चुनावी वादों को पूरा करने की रहेगी कोशिश

क्विंट हिंदी
आम बजट 2022
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
(फोटोः PTI)

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वैश्विक स्तर पर नरमी और मॉनसून की चिंता के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एनडीए सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट शुक्रवार को पेश करेंगी. बजट में राजकोषीय घाटे को काबू में रखने के साथ आर्थिक वृद्धि और रोजगार सृजन को गति देने पर सरकार का जोर रह सकता है.

राजकोषीय स्थिति मजबूत करने के लिये टैक्स का दायरा बढ़ाने और अनुपालन बेहतर करने के इरादे से 10 करोड़ रुपये से ज्यादा कमाने वालों पर 40 प्रतिशत की एक नई दर से टैक्स लगाया जा सकता है. नौकरीपेशा लोगों के लिये महत्वपूर्ण इनकम टैक्स के मोर्चे पर टैक्स स्लैब में बदलाव की उम्मीद की जा रही है. 2019-20 के अंतरिम बजट में 5 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स छूट देने की घोषणा की गई थी.

फिलहाल 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये की इनकम पर 5 प्रतिशत, 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक की इनकम पर 20 प्रतिशत और 10 लाख रुपये से ऊपर की इनकम पर टैक्स की दर 30 प्रतिशत है.

यह बजट वैश्विक आर्थिक नरमी और मौसम विभाग के देश के कुछ भागों में बारिश सामान्य से कम रहने की आशंकाओं के बीच आ रहा है. पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में आर्थिक वृद्धि दर पांच साल के न्यूनतम स्तर 6.8 तक गिर गई. चालू वित्त वर्ष के दौरान इसे फिर से सात प्रतिशत से ऊपर पहुंचाने का दारोमदार बजट पर होगा.

आर्थिक समीक्षा में प्राइवेट सेक्टर में इन्वेस्टमेंट, डिमांड और एक्सपोर्ट बढ़ाने पर जोर

संसद में गुरुवार को पेश 2018-19 की आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि 2024-25 तक 5,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनने के लिये सतत रूप से 8 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने की जरूरत होगी. इसमें निजी क्षेत्र का निवेश, मांग और निर्यात बढ़ाने पर खास जोर दिया गया है.

आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये वित्त मंत्री निवेश आकर्षित करने के इरादे से नियमों को आसान बनाने के प्रस्ताव कर सकती हैं. सरकार के सामने एक तरफ राजकोषीय स्थिति को मजबूत बनाने की जरूरत होगी तो दूसरी तरफ चुनावों में जनता से किये गये वादों को पूरा करने की दिशा में पहल करनी होगी.

भारतीय जनता पार्टी ने आम चुनावों से पहले जारी घोषणापत्र में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ सभी किसानों को देने और लघु एवं सीमांत किसानों को 60 साल की आयु के बाद पेंशन देने का वादा किया गया है. हालांकि, मोदी सरकार ने दूसरे कार्यकाल की पहली मंत्रिमंडल की बैठक में इस दिशा में पहल कर दी है.
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चुनावी वादों को पूरा करने की रहेगी कोशिश

सरकार ने हवाईअड्डों, रेल मार्गों और राष्ट्रीय राजमार्गों के क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की पहल, जीएसटी के तहत पंजीकृत सभी छोटे व्यापारियों को 10 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा, किसान क्रेडिट कार्ड की तरह पंजीकृत व्यापारियों को व्यापारी क्रेडिट कार्ड आदि देने की घोषणा की है.

इसके अलावा उद्योग जगत की सभी कंपनियों के लिये कॉर्पोरेट टैक्स की दर 25 प्रतिशत पर लाने की मांग है. फिलहाल, 250 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाली कंपनियों के लिये कंपनी टैक्स की दर 25 प्रतिशत है जबकि अन्य के लिये 30 प्रतिशत है.

विशेषज्ञों के अनुसार बजट में सरकार खाद्य सब्सिडी को सीमित करने के लिये कदम उठा सकती है. इसके साथ रोजगार सृजित करने वाली नई इकाइयों को प्रोत्साहित करने और केवल वित्तीय सहायता के लिये काम कर रही छोटी इकइयों को हतोत्साहित करने के लिये कदम उठाया जा सकता है.

बजट में अनुसूचित जाति / जनजाति, अन्य पिछड़े वर्गों या आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लोगों द्वारा आरंभ किये गये उद्यमों को सहायता प्रदान की भी पहल कर सकती हैं. आम चुनावों के लिये जारी घोषणापत्र में बीजेपी ने इसका वादा किया था.

इसके अलावा जल संरक्षण पर सरकार के जोर तथा 2024 तक हर घर को नल से पानी उपलब्ध कराने की महत्वाकांक्षी योजना के साथ बजट में इस दिशा में कुछ ठोस कदम उठाये जाने की संभावना है. स्टार्टअप को प्रोत्साहन देने के लिये उनके लिये टैक्स पॉलिसी को और युक्तिसंगत बनाने का प्रस्ताव किये जाने की उम्मीद है.

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