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वीडियो एडिटर: संदीप सुमन
1 फरवरी को संसद में पेश होगा यूनियन बजट 2020. इसके पहले इंडस्ट्री, कारोबारियों, टैक्सपेयर्स, अर्थशास्त्रियों सभी बजट को लेकर अपनी उम्मीदें और सुझाव दे रहे हैं. हमने सोचा कि मालूम किया जाए कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (SRCC) के छात्र अगर बजट बनाएं तो कैसे होगा बजट 2020?
स्लोडाउन पर बात करते हुए हमें छात्रों ने बताया कि इस बार का स्लोडाउन 2008 के स्लोडाउन से अलग है. 2008 में स्लोडाउन से निकलने के लिए सरकार ने मॉनेटरी पॉलिसी का इस्तेमाल किया था. लेकिन इस बार सरकार को दूसरा रास्ता निकालना होगा. छात्रों ने बताया कि इस बार सरकार को खर्च करना पड़ेगा और सरकार को फिस्कल डेफिसिट की चिंता छोड़ देनी चाहिए.
छात्रों ने बताया है कि सरकार को सबसे पहले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स हटा लेना चाहिए और निवेश जुटाने के अलग-अलग तरीकों के बारे में सोचना चाहिए. अगर प्राइवेट सेक्टर निवेश न करे तो सरकार को खुद को निवेश करने के बारे में सोचना चाहिए. निवेश को लेकर सरकार मेक इन इंडिया पॉलिसी लेकर आई थी लेकिन ये पॉलिसी चुनावी दिखावा ज्यादा था. निवेश को बढ़ाने के लिए जो जरूरी बदलाव किए जाने थे वो किए ही नहीं गए.
अभी लोगों में मांग की भारी कमी है. जरूरी है सरकार की जेब में पैसा पहुंचे. सरकार को कोशिश करना चाहिए मनरेगा जैसी योजनाओं पर अपना खर्च बढ़ाए जिससे ग्रामीण इलाकों में लोगों के हाथ में पैसा आए. छात्रों का कहना है कि सरकार पहले भी कई पॉलिसी लेकर आई थी लेकिन उनको अच्छी तरह से लागू नहीं किया गया.
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