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क्रिप्टो मार्केट (crypto market) के अच्छे दिन नहीं चल रहे हैं. बिटकॉइन और एथेरियम जैसी क्रिप्टो करेंसी लगातार टूट रही हैं. कुछ महीनों से क्रिप्टो बाजार लगातार गिरावट का दौर देख रहे हैं. इस पूरे साल के दौरान क्रिप्टो की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है. नवंबर 2021 में क्रिप्टो का कुल मार्केट कैप्टिलाइजेशन यानी कि एम-कैप (market capitalization) 3 ट्रिलियन डॉलर के साथ अपने पीक पर था लेकिन फिलहाल यह 2 ट्रिलियन डॉलर की गिरावट के साथ लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर के आस-पास मौजूद है. लगातार टूटते बाजार की वजह से यहां निवेश करने वाले इंवेस्टर्स को लगभग 15.65 लाख करोड़ रुपये ($2 ट्रिलियन) का नुकसान बीते आठ महीने में हुआ है. आइए क्रिप्टो मार्केट के टूटने और इसके साइड इफेक्ट्स के बारे में जानते हैं...
क्रिप्टो मार्केट की सबसे बड़ी क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) है इसके बाद इथेरियरम (ईथर) Ethereum का नंबर आता है. ये दोनों अहम क्रिप्टो टोकन हैं लेकिन ये पिछले 18 महीने के सबसे निचले स्तर पर चल रहे हैं. इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक ये अपने पीक यानी सबसे उच्चतम स्तर से 70 फीसदी टूटकर नीचे आ गए हैं. क्रिप्टो बाजार में न केवल बिटकॉइन और ईथर जैसे लंबी छलांगे मारने वाले घोड़े औंधे मुंह गिरे हैं बल्कि लगभग सभी प्रमुख क्रिप्टो करेंसी का हाल भी कुछ ऐसा ही है. उनका लाल रंग (गिरावट) में कारोबार हो रहा है.
पिछले दो साल में भारत सहित दुनियाभर में क्रिप्टो करेंसी की काफी अधिक चर्चा देखने को मिली लेकिन कुछ दिनों व महीनों से क्रिप्टो करेंसी का बाजार लगातार गिरावट का मुंह देख रहा है. स्टॉक मार्केट की तरह क्रिप्टो मार्केट में भी उथल-पुथल देखने को मिल रहा है. यह हर दिन एक नए स्तर पर जा रहा है. कुछ दिन पहले ही कॉइन मार्केट (CoinMarket) कैप के अनुसार वैश्विक क्रिप्टो बाजार 1.02 ट्रिलियन डॉलर से घटकर 983.72 बिलियन डॉलर के आंकड़े पर पहुंच गया था. लगातार गिरावट के दौर में ट्रेडिंग हो रही है. लॉन्ग टर्म इंवेस्टर यानी लंबी अवधि के निवेशकों को भी गिरावट का दंश झेलना पड़ रहा है.
यहां हम कुछ ऐसे प्रमुख कारणों के बारे में बात करेंगे जिसकी वजह से क्रिप्टो मार्केट गिर रहा है.
बिटकॉइन की तरह ही लूना टेरा भी एक क्रिप्टो करेंसी है. अप्रैल 2022 में लूना अपने पीक पर थी लेकिन मई 2022 में कुछ ऐसा हुआ जिससे वह सात दिनों में 99.15 फीसदी तक टूट गई. एक झटके में इतनी बुरी तरह गिरने की वजह से इस करेंसी में निवेश करने वालों को अच्छा-खासा नुकसान झेलना पड़ा. क्रिप्टो एक्सचेंज बाइनैन्स के फाउंडर चांगपेंग को झाओ को भी तगड़ा झटका लगा. उन्होंने ये ऐलान भी कर दिया कि "मैं फिर से गरीब हो गया."
किसी भी मार्केट में डर सबसे बड़ा फैक्टर होता है, क्रिप्टो बाजार में जैसे ही टेरा गिर गया, क्रिप्टो निवेशक घबरा गए और अन्य क्रिप्टो करेंसी को भी बेचना शुरू कर दिया, अंततः क्रिप्टो बाजार बुरी तरह क्रैश करने लगा. लूना के विफल होने से क्रिप्टो मार्केट से 40 बिलियन डॉलर साफ हो गए.
क्रिप्टो मार्केट इक्विटी मार्केट से भी जुड़ा हुआ है. अगर इक्विटी मार्केट में गिरावट होगी तो क्रिप्टो में कुछ ऐसा ही देखने को मिलेगा. शेयर बाजार को प्रभावित करने वाले कई कारक क्रिप्टो कीमतों को भी प्रभावित करते हैं. इन्वेस्टोपेडिया के आंकड़ों के अनुसार 2021 के अंत में और 2022 के मध्य में, क्रिप्टो करेंसी की कीमतें इक्विटी कीमतों के समान ही बढ़ीं और गिरीं.
मुद्रास्फीति को शांत करने के लिए अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दर बढ़ाने का फैसला किया है. इस खबर के आने बाद शेयर बाजार के साथ-साथ क्रिप्टो बाजार में भारी गिरावट देखी गई. निवेशकों ने विश्वास व धैर्य खो दिया और अपनी डिजिटल संपत्ति को बेचना शुरू कर दिया, जिससे क्रिप्टो बाजार में जमकर लाल रंग दिखाई दिया.
क्रिप्टो करेंसी ऋण देने वाली फर्म सेल्सियस नेटवर्क ने "एक्सट्रीम मार्केट कंडीशन" का हवाला देते हुए यूजर अकाउंट्स से क्रिप्टो की निकासी और उन्हें दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर करने पर रोक लगा दी. यह फर्म सभी क्रिप्टो लेनदेन को फ्रीज कर रही है. पिछले साल ही सेल्सियस नेटवर्क ने 750 मिलियन डॉलर की फंडिंग हासिल की थी. यह क्रिप्टो लेंडिंग की एक प्रमुख फर्म है. सेल्सियल के इस फैसले के बाद क्रिप्टो करेंसी की कीमतों में गिरावट देखी गई.
इस साल की शुरुआत से ही क्रिप्टो की रेग्युलेट यानी कि विनियामक की चर्चा खूब रही है. जनवरी 2022 में रूस के केंद्रीय बैंक ने वित्तीय स्थिरता, नागरिकों की भलाई और इसकी मौद्रिक नीति संप्रभुता के लिए खतरों का हवाला देते हुए, रूसी क्षेत्र में क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग और खनन पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव रखा.
वहीं भारत सरकार ने क्रिप्टो करेंसी को मान्यता नहीं दी है लेकिन क्रिप्टो निवेशकों पर 30 प्रतिशत टैक्स और प्रत्येक क्रिप्टो इंट्रा-ट्रेडर्स पर 1 प्रतिशत टीडीएस भी लगाया का फैसला किया है.
पहले भी बिल गेट्स क्रिप्टो की निंदा कर चुके हैं. हाल ही में जलवायु परिवर्तन से संबंधित एक कार्यक्रम में अपनी बात रखते हुए बिल गेट्स ने एनएफटी (NFT-non-fungible token) और क्रिप्टो करेंसी के बारे में कहा कि "एनएफटी और क्रिप्टो करेंसी 100 प्रतिशत मूर्खतापूर्ण थ्योरी (ग्रेटर-फूल थ्योरी) है." गेट्स ने एथेरियम एनएफटी के "Bored Apes" कलेक्शन पर भी निशाना साधा. उन्होंने मजाक में कहा कि "बंदरों की डिजिटल तस्वीरें दुनिया में काफी सुधार करने जा रही हैं." गेट्स ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि "वे मूर्तरूप से आउटपुट देने वाली संपत्तियों जैसे खेतों या कारखानों या एक कंपनी जहां से उत्पाद तैयार होते हैं वहां निवेश करना पसंद करते हैं. लेकिन वे स्पष्ट तौर पर क्रिप्टोकरेंसी या एनएफटी में निवेश नहीं करते हैं." उन्होंने कहा कि यह न लॉन्ग टर्म की और न ही शॉर्ट टर्म की असेट क्लास है.
फरवरी में वॉल स्ट्रीट जनर्ल को दिए गए इंटरव्यू में भी बिल गेट्स ने क्रिप्टो करेंसी की आलोचना की थी. उन्होंने कहा था कि आज जिस तरह से क्रिप्टो करेंसी काम करती है, उससे इसका इस्तेमाल कुछ आपराधिक गतिविधियों के लिए हो सकता है. इससे दूर रहना फायदेमंद है.
मार्केट के जानकारों के मुताबिक इस बात के आसार नजर नहीं आ रहे हैं कि निकट भविष्य में इसमें किसी तरह की रिकवरी देखने को मिलेगी. क्रिप्टो मार्केट पर नजर रखने वालों के मुताबिक पूरा मोमेंटम शिफ्ट होने में महीनों लग सकते हैं.
इन दिनों दुनियाभर के क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज में उथल-पुथल मची हुई है. बिटक्वाइन और ईथर समेत लगभग सभी क्रिप्टो करेंसी की हालत पस्त है. क्रिप्टो मार्केट की हालत खराब होने की वजह से इस सेक्टर की कंपनियों ने अब कर्मचारियों की छंटनी करने का फैसला किया है. सबसे बड़े और सबसे मूल्यवान क्रिप्टो एक्सचेंजों में से एक Coinbase ने कहा कि वह अपने 18% (लगभग 1100) कर्मचारियों की छंटनी कर रहा है. इसके अलावा दो अन्य प्रमुख क्रिप्टो कंपनियां Crypto.com और BlockFi ने भी छंटनी की घोषणा की है. क्रिप्टो ट्रेडिंग और लेंडिंग प्लेटफॉर्म BlockFi ने लगभग 200 कर्मचारियों और क्रिप्टो एक्सचेंज Crypto.com ने लगभग 260 कर्मचारियों की छंटनी करने की घोषणा की थी.
पिछले एक साल में बिटकॉइन, एथेरियम, बाइनैन्स और डॉज कॉइन जैसी चर्चित क्रिप्टो करेंसी का हाल कैसा रहा यह नीचे प्रदर्शित किया गया है. सभी स्क्रीन शॉट कॉइन मार्केट डॉट कॉम से लिए गए है. इन सभी करेंसी में स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है पिछले साल नवंबर के बाद कैसे लगातार इनकी कीमतों में गिरावट हुई है.
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