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क्रिप्टो बाजार की हलचल ने एक बार फिर निवेशकों को हैरान कर दिया है. बुधवार को सभी क्रिप्टो करेंसी के भाव में बड़ी गिरावट को देखने को मिली. बिटकॉइन, इथेरियम टूटकर अपने कुछ महीनों के न्यूनतम स्तरों पर पहुंच गए हैं. हालांकि, मार्केट अब थोड़ा संभला है, निवेशकों का चिंतित होना स्वाभाविक है. आइए नजर डालते हैं गिरावट की वजहों पर और समझते हैं निवेशकों को क्या रणनीति अपनानी चाहिए.
क्रिप्टो बाजार की बड़ी हलचल से बिटकॉइन अछूता नहीं रहा. बीते 24 घंटों में ही करीब 30% गिरकर बिटकॉइन एक समय 30,681 डॉलर तक पहुंच गया था. यह इस साल जनवरी के बाद का न्यूनतम स्तर है. बिटकॉइन के शिखर स्तर 64,800 डॉलर से तुलना करे तो यह करीब 55% की गिरावट है. बता दें कि फरवरी में जब टेस्ला द्वारा बिटकॉइन में निवेश की बात सामने आई थी, उस समय इसकी कीमत करीब 38,000 डॉलर थी. बिटकॉइन गिरकर इस स्तर से भी काफी नीचे पहुंच गया था.
20 मई को सुबह 7 बजे तक, बिटकॉइन थोड़ा संभलते हुए 37,200 के करीब व्यापार कर रहा है. यह पिछले 24 घंटों में करीब 15% की कमजोरी है. बिटकॉइन की कीमत में इस मामूली रिकवरी की वजह एलन मस्क के ट्वीट को बताया जा रहा है. मस्क ने बुधवार की रात ‘टेस्ला एक पास है- और एक डायमंड इमोजी’ ट्वीट किया थी. इस ट्वीट के बाद बिटकॉइन में खरीदारी बढ़ी और यह करेंसी दिन के न्यूनतम से करीब 20% चढ़ी.
बिटकॉइन के अलावा अन्य प्रचलित क्रिप्टो करेंसी जैसे इथेरियम, बाइनेंस कॉइन और डॉजकॉइन, इत्यादि भी बड़ी गिरावट के साथ व्यापार कर रहे हैं. इथेरियम अपने शिखर स्तर 4,362 डॉलर की तुलना में करीब 36% नीचे रहते हुए 2,850 डॉलर पर व्यापार कर रहा है. इसी तरह बाइनेंस कॉइन भी बीते 24 घंटों में करीब 30% टूटा है. Dogecoin का भाव 0.34 डॉलर है जो कि करेंसी के सर्वोच्च स्तर से करीब 55% की गिरावट है.
क्रिप्टो बाजार में इस बड़ी बिकवाली के पीछे कई अहम फैक्टर हैं.
मार्केट में वर्तमान कमजोरी की सबसे बड़ी वजह चीन में क्रिप्टोकरेंसी संबंधी नए प्रतिबंध हैं. चीन ने वित्तीय संस्थाओं और भुगतान कंपनियों के क्रिप्टो संबंधी सुविधा देने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. ऑर्डर में स्पेकुलेटिव क्रिप्टो ट्रेडिंग को लेकर भी निवेशकों को चेताया गया है. इसके साथ ही इशारा किया गया है कि वर्चुअल करेंसी की अपनी कोई रियल वैल्यू नहीं होती. डर यह भी है कि अन्य देश भी चीन से सीख लेकर इस दिशा में आगे बढ़ सकते हैं.
टेस्ला ने हाल में बिटकॉइन को भुगतान के तौर स्वीकार करने का अपना फैसला वापस ले लिया था. टेस्ला ने बिटकॉइन के इको फ्रेंडली न होने को इसकी वजह बताया था. इसके बाद क्रिप्टो बाजार में बड़ी हलचल हुई थी. चर्चा यह भी थी टेस्ला ने अपनी क्रिप्टो होल्डिंग्स बेच दी है. हालांकि, इन अटकलों को खारिज किया गया था. क्रिप्टो बाजार में इस कारण बड़ी प्रॉफिट बुकिंग देखी गई थी.
बीते महीनों के क्रिप्टो बाजार में बेतहाशा तेजी ने इस मार्केट के ओवर वैल्यूएशन के संकेत दिए थे. ऐसे में नेगेटिव सेंटीमेंट के समय निवेशकों द्वारा बड़ी प्रॉफिट बुकिंग देखी जा रही है. क्रिप्टो मार्केट में इस वर्ष टेस्ला के निवेश समेत अनेक कारणों से रूचि बढ़ी, जिससे यह चढ़ा था.
टेक्निकल फैक्टर का भी इस बड़े सेल-ऑफ (बिक्री) में बड़ा योगदान रहा. बिटकॉइन ट्रेड के दौरान अपने 200 दिन के मूविंग एवरेज के नीचे आ गया था. इस टेक्निकल इंडिकेटर को काफी अहम माना जाता है.
क्रिप्टो बाजार हमेशा से ही काफी वोलाटाइल माना जाता है. ऐसे में ज्यादातर जानकारों के मुताबिक, यह एक हेल्दी करेक्शन हो सकता है और निवेश के लिए अच्छा मौका बन सकता है.
कुछ एक्सपर्ट ऐसे भी है जो मानते हैं कि क्रिप्टो की यह गिरावट बबल के फूटने की तरह है. ऐसे में निवेशकों के लिए अपने रिस्क की क्षमता को ध्यान में रखकर निवेश करना बेहतर होगा.
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