advertisement
भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से हाल में जारी वार्षिक रिपोर्ट में शेयर बाजार के ओवर वैल्यूएशन के स्पष्ट संकेत दिए गए हैं. इसके बावजूद मार्केट की तेजी बताती है कि इन्वेस्टर्स का मिजाज अलग है. ज्यादातर एक्सपर्ट्स भी बाजार में तेजी के बरकरार रहने की उम्मीद करते हैं. इन सब के बीच छोटे खुदरा निवेशकों के मन में बाजार की दिशा को लेकर संशय होना स्वाभाविक है. आइए समझते हैं बाजार की दिशा को लेकर क्या कहते हैं एक्सपर्ट और RBI?
कोविड की दूसरी लहर का शेयर बाजार पर कोई बड़ा असर नहीं देखा गया. अब सुधरती स्थिति में मार्केट फिर से चढ़ने लगा है. NSE निफ्टी ने उछाल से बीते दो दिनों में लगातार नया शिखर स्तर बनाया है. वहीं, BSE सेंसेक्स भी सोमवार को व्यापार के दौरान 52,000 के ऊपर पहुंच गया था. मार्केट पिछले चार सेशन में लगातार हरे निशान में भी बंद हुआ है. RBI के मार्केट में बबल संबंधी रिपोर्ट के आने के बावजूद शुक्रवार और सोमवार को बाजार कुल करीब 1.5% चढ़ा.
वित्त वर्ष 2020-21 में आर्थिक गतिविधियों में कमी से देश की GDP में करीब 7.3% की कमी आई. RBI ने अपने 2020-21 के वार्षिक रिपोर्ट में इसका ही जिक्र करते हुए कहा कि GDP में गिरावट के बावजूद एसेट प्राइस इन्फ्लेशन बबल की संभावना को बताता है. एसेट प्राइस इन्फ्लेशन फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स जैसे बॉन्ड, इक्विटी शेयर, इत्यादि की कीमतों में उछाल को कहा जाता है. रिपोर्ट के मुताबिक फॉरेन पोर्टफोलियो निवेश और मनी सप्लाई मार्केट में उछाल की दो अहम वजह रहे. आर्थिक रिकवरी ने भी बाजार की तेजी को मदद दी.
हालांकि हमेशा की तरह शेयर बाजार की दिशा पर इस बार भी जानकारों के अलग अलग मत है, लेकिन ज्यादातर एक्सपर्ट बबल की संभावना नहीं देखते हैं.
कुछ एक्सपर्ट निफ्टी के कुछ महीनों में 16,000 जबकि सेंसेक्स के 54,500 के स्तर को छूने की भी उम्मीद रखते हैं. जानकारों के मुताबिक तेजी से बाजार में मार्केट कैप को भी मजबूती मिलेगी.
कुछ जानकारों के अनुसार कोविड आगे भी मार्केट की दिशा में भूमिका निभाएगा और इसलिए निवेशकों को बाजार में सावधान रहना चाहिए.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)