एचडीएफसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी या एचडीएफसी एएमसी का आईपीओ 25 जुलाई को खुल रहा है
धीरज कुमार अग्रवाल
आपका पैसा
Updated:
i
null
null
✕
advertisement
एचडीएफसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी या एचडीएफसी एएमसी का आईपीओ 25 जुलाई को खुल चुका है और 27 जुलाई को बंद हो रहा है. खास बात यह है कि अब तक ये आईपीओ 75 गुना से ज्यादा भर चुका है.
ज्यादातर जानकारों और ब्रोकरेज हाउस ने इसमें पैसे लगाने की सलाह दी है. प्राइस बैंड 1095-1100 रुपए के लिहाज से ये थोड़ा महंगा है.
आइए आपको बताते हैं इसमें आपको निवेश करना चाहिए या नहीं
रिटेल निवेशक इस आईपीओ में अधिकतम 2 लाख रुपए के शेयरों के लिए आवेदन कर सकते हैं. इसमें लॉट साइज 13 शेयरों का है, यानी एक लॉट के लिए आपको 14,300 रुपए खर्च करने होंगे.
एचडीएफसी एएमसी दूसरी म्यूचुअल फंड कंपनी है जो शेयर बाजार में लिस्ट होने जा रही है. इससे पहले रिलायंस निपॉन लाइफ एएमसी अपना आईपीओ लेकर आई थी.
एचडीएफसी एएमसी देश की दूसरी सबसे बड़ी म्यूचुअल फंड कंपनी है और ये एचडीएफसी और स्टैंडर्ड लाइफ इन्वेस्टमेंट का ज्वॉइंट वेंचर है.
आईपीओ में आवेदन करने वालों के डीमैट अकाउंट में 3 अगस्त तक शेयर क्रेडिट किए जाएंगे और इनकी लिस्टिंग 6 अगस्त तक हो जाएगी. आवेदकों को मिलने वाले शेयर की तादाद इस बात पर निर्भर करेगी कि आईपीओ कितना सब्सक्राइब होता है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
क्यों कर सकते हैं एचडीएफसी म्यूचुअल फंड के आईपीओ में निवेश?
आपके लिए एचडीएफसी एएमसी के आईपीओ में निवेश की वजहें कई सारी हो सकती हैं, जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण हैं:-
ब्रांड और भरोसा- एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी की देश-विदेश में बड़ी ब्रांड वैल्यू है और बैंकिंग और फाइनेंस सेक्टर में इस नाम पर भरोसा किया जा सकता है.
शानदार परफॉर्मेंस- कंपनी पिछले कई सालों से अपनी कमाई और मुनाफे में लगातार अच्छी ग्रोथ दिखा रही है. सिर्फ पिछले साल की बात करें तो एचडीएफसी एएमसी ने साल 2017-18 में अपने मुनाफे में 31 परसेंट की ग्रोथ दर्ज की है.
(ग्राफिक्स: Rohit Maurya/Quint Hindi)
एयूएम में लगातार बढ़ोतरी- कंपनी म्यूचुअल फंड ग्राहकों के जितने इंवेस्टमेंट को मैनेज करती है, उसमें साल-दर-साल इजाफा ही होता गया है. ये कंपनी पर ग्राहकों के बढ़ते भरोसे और कंपनी की म्यूचुअल फंड स्कीम के अच्छे परफॉर्मेंस का सिग्नल है. कंपनी का एसेट अंडर मैनेजमेंट वित्त वर्ष 2000-01 के बाद से सालाना करीब 34 परसेंट की दर से बढ़ता गया है. 31 मार्च 2018 तक कंपनी का एसेट अंडर मैनेजमेंट यानी एयूएम था 2.91 लाख करोड़ रुपए, जो पूरी म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का करीब 13 फीसदी है. देश में सभी म्यूचुअल फंड कंपनियां मिलकर 23 लाख करोड़ रुपए के एसेट को मैनेज कर रही हैं.
इक्विटी एयूएम में सबसे आगे- 2010-11 के बाद से ही कंपनी देश में इक्विटी एसेट मैनेज करने वाली सबसे बड़ी म्यूचुअल फंड कंपनी बनी हुई है. इक्विटी एसेट के मैनेजमेंट में दूसरे एसेट के मुकाबले मार्जिन ज्यादा होते हैं, और ये वजह एचडीएफसी एएमसी को लंबी अवधि के निवेश के लिए एक बेहतर शेयर बना देती है. कंपनी के कुल एयूएम का करीब 51 परसेंट इक्विटी आधारित है, जबकि इंडस्ट्री का औसत है 43 परसेंट.
ग्रुप कंपनियों का पिछला रिकॉर्ड- एचडीएफसी ग्रुप का पिछला आईपीओ था एचडीएफसी स्टैंडर्ड लाइफ इंश्योरेंस का, जिसने पिछले साल नवंबर में लिस्ट होने के बाद से अब तक 60 परसेंट से ज्यादा रिटर्न दिया है. इसके अलावा बाकी 3 ग्रुप कंपनियों ने भी पिछले एक साल में अपने निवेशकों के पैसे अच्छे-खासे बढ़ाए हैं.
(ग्राफिक्स: Rohit Maurya/Quint Hindi)
उम्मीद की जा सकती है कि एचडीएफसी ग्रुप की बाकी कंपनियों की ही तरह एचडीएफसी एएमसी का आईपीओ भी निवेशकों के लिए फायदेमंद साबित होगा. हालांकि बाजार के जानकार सलाह दे रहे हैं कि इस कंपनी के शेयरों में आपका निवेश लिस्टिंग गेन के मकसद से नहीं, बल्कि लंबी अवधि के नजरिए से होना चाहिए. कंपनी की वैल्युएशन, शेयरों का प्राइस बैंड और बाजार की मौजूदा चाल को देखें तो जानकार लिस्टिंग गेन के 10-25 परसेंट के दायरे में होने की उम्मीद कर रहे हैं.