Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Business Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Aapka paisa  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019LIC IPO बंद: 2.95 गुना सब्सक्राइब हुआ इश्यू, 12 मई को होगा अलॉटमेंट

LIC IPO बंद: 2.95 गुना सब्सक्राइब हुआ इश्यू, 12 मई को होगा अलॉटमेंट

LIC IPO closes: इन्वेस्टर्स ने 16.2 करोड़ इक्विटी शेयर्स के मुकाबले 47.83 करोड़ शेयरों के लिए बोली लगाई.

क्विंट हिंदी
आपका पैसा
Updated:
<div class="paragraphs"><p><strong>LIC IPO Final Day&nbsp;issue subscribed</strong></p></div>
i

LIC IPO Final Day issue subscribed

(फोटो- क्विंट)

advertisement

देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का मेगा इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी आईपीओ (IPO) 9 मई को बंद हो गया. एलआईसी का आईपीओ 4 मई से लेकर 9 मई के बीच 6 दिनों के लिए खुला था. आखिरी दिन इश्यू कुल 2.95 गुना सब्सक्राइब हुआ. इन्वेस्टर्स ने 16.2 करोड़ इक्विटी शेयर्स के मुकाबले 47.83 करोड़ शेयरों के लिए बोली लगाई.

पॉलिसीधारकों ने दिखाया दमखम

LIC के कर्मचारियों के लिए रिजर्व कोटे का 4.39 गुना शेयर खरीदा गया जबकि पॉलिसीधारकों के लिए रिजर्व हिस्से का 6.11 गुना सब्सक्राइब हुआ. इसके अलावा रिटेल निवेशकों के लिए रिजर्व कोटे का 1.99 गुना शेयर बिका जबकि गैर-संस्थागत निवेशकों के लिए आरक्षित हिस्से को 2.91 गुना सब्सक्राइब किया गया. योग्य संस्थागत निवेशकों के लिए आरक्षित हिस्से को 2.83 गुना सब्सक्राइब किया गया है.

LIC IPO का प्राइस बैंड 902-949 रुपये प्रति शेयर तय किया गया था. एक लॉट में 15 शेयर शामिल थे और एक आवेदक अधिकतम 14 लॉट के लिए आवेदन कर सकता था. कंपनी ने अपने पॉलिसीधारकों को 60 रुपये प्रति शेयर और रिटेल निवेशकों, एलआईसी कर्मचारियों के लिए 45 रुपये की छूट दी थी.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

विदेशी निवेशकों ने बाजार के जोखिमों को लेकर LIC IPO से किनारा किया

विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भारत की सबसे बड़ी शेयर बिक्री से पूरी तरह से किनारा किया है, अधिकतर विदेशी संस्थागत निवेशकों ने LIC IPO को मुद्रा जोखिम और वैश्विक बाजार के मौजूदा हालत को देखते हुए बहुत महंगा माना है.

विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सभी संस्थागत खरीदारों के लिए रिजर्व किये गए शेयरों में से केवल 8% सब्सक्राइब किया है.

आईपीओ के बड़े हिस्से ने नॉर्वे और सिंगापुर से सॉवरेन फंडों को आकर्षित किया, अधिकांश शेयर घरेलू म्यूचुअल फंड में चले गए.

मेगा आईपीओ लॉन्च से पहले विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला था. आरोप लगाते हुए कि 30 करोड़ पॉलिसीधारकों के विश्वास को कम कीमतों पर बेचा जा रहा है, कांग्रेस ने पूछा था कि "फरवरी 2022 में LIC का 12-14 लाख करोड़ रुपये का मूल्यांकन केवल दो महीनों में 6 लाख करोड़ रुपये क्यों हो गया?"

LIC का इतिहास

मालूम हो कि LIC का गठन 1 सितंबर, 1956 को 245 निजी जीवन बीमा कंपनियों का विलय और राष्ट्रीयकरण करके 5 करोड़ रुपये की प्रारंभिक पूंजी (इनिशियल कैपिटल) के साथ किया गया था.

LIC के आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार "भारत की संसद ने 19 जून 1956 को जीवन बीमा निगम अधिनियम पारित किया, और भारतीय जीवन बीमा निगम की स्थापना 1 सितंबर, 1956 को की गई थी. इसका उद्देश्य जीवन बीमा को और भी व्यापक रूप से और खास तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में फैलाना था ताकि यह देश में सभी बीमा योग्य व्यक्तियों तक पहुंच सके और उन्हें उचित लागत पर पर्याप्त वित्तीय कवर प्रदान किया जा सके."

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 09 May 2022,07:22 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT