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सब्सक्राइबर्स की तादाद के आधार पर देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइ़डिया के राइट्स इश्यू के तुरंत बाद एयरटेल का राइट्स इश्यू भी आ चुका है. वोडाफोन आइडिया के राइट्स इश्यू को निवेशकों की तरफ से अच्छा रिस्पॉन्स मिला और वो 1.07 गुना सब्सक्राइब हुआ. इस कंपनी के राइट्स इश्यू का साइज 25,000 करोड़ रुपए था, जो अब तक का सबसे बड़ा राइट्स इश्यू था.
इसमें प्रोमोटर (वोडाफोन ग्रुप और आदित्य बिड़ला ग्रुप) को 18,250 करोड़ रुपए तक का निवेश करना था. राइट्स इश्यू में कंपनी ने 12.50 रुपए प्रति शेयर की कीमत पर 2,000 करोड़ शेयर जारी करने का एलान किया था. ये इश्यू 24 अप्रैल को ही बंद हुआ है.
देश की दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल ने इस साल 28 फरवरी को एलान किया था कि वो राइट्स इश्यू के जरिए इक्विटी मार्केट से 25,000 करोड़ रुपए जुटाएगी. इसके अलावा बॉन्ड जारी करके अतिरिक्त 7,000 करोड़ रुपए भी जुटाने का ऐलान किया गया था.
राइट्स इश्यू के लिए कंपनी ने प्रति शेयर कीमत 220 रुपए तय की और इसे 19ः67 के रेश्यो में देने का ऐलान किया गया. 10 अप्रैल को कंपनी ने घोषणा की थी कि राइट्स इश्यू में हिस्सा लेने के लिए रिकॉर्ड डेट होगी 24 अप्रैल. इश्यू 3 मई को खुलेगा और 17 मई को बंद होगा.
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एयरटेल के राइट्स इश्यू में निवेशकों को क्या करना चाहिए, ये तय करने से पहले समझना जरूरी है कि राइट्स इश्यू होता क्या है और कंपनियां इसे क्यों लाती हैं?
शेयर बाजार में पहले से लिस्ट कंपनियों को जब कर्ज कम करने या विस्तार योजनाओं पर खर्च करने के लिए अतिरिक्त पैसे की जरूरत होती है, तो राइट्स इश्यू पैसे जुटाने के कई तरीकों में एक होता है.
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जिस दिन एयरटेल ने राइट्स इश्यू का ब्योरा घोषित किया था, उस दिन (1 मार्च 2019) एयरटेल की प्रति शेयर कीमत 300 रुपए से ज्यादा थी, लेकिन कंपनी ने राइट्स इश्यू के लिए कीमत 200 रुपए प्रति शेयर तय की थी, यानी प्रति शेयर 80 रुपए से ज्यादा का डिस्काउंट.
राइट्स इश्यू में हिस्सा लेने के लिए एक रिकॉर्ड डेट होती है, यानी वो तारीख जिस दिन तक कंपनी की सूची में मौजूद सभी शेयरहोल्डर राइट्स इश्यू के शेयरों को खरीद सकेंगे. एयरटेल के मामले में ये तारीख थी 24 अप्रैल, यानी अगर आपके पास 24 अप्रैल तक भारती एयरटेल के शेयर थे तो आप रियायती कीमत पर कंपनी के राइट्स शेयर खरीद सकेंगे.
आप ये जरूर सोच रहे होंगे कि जब कंपनी कम कीमत में शेयर दे रही है तो फिर निवेशकों का तो फायदा ही होगा. फिर तो राइट्स इश्यू में शेयर खरीद ही लेना चाहिए. लेकिन ये याद रखें कि राइट्स इश्यू के बाद कंपनी के शेयरों के बाजार भाव में आम तौर पर गिरावट आ जाती है. साथ ही बाजार में कंपनी के मौजूद शेयरों की तादाद बढ़ जाती है, जिसकी वजह से कंपनी का ईपीएस यानी प्रति शेयर कमाई भी घट जाती है.
आसानी से इसे समझने के लिए आपको एक उदाहरण देते हैं. मान लीजिए कि आपके पास X कंपनी के 1000 शेयर हैं, जिसकी प्रति शेयर कीमत है 100 रुपए. यानी आपने X में 1 लाख रुपए का निवेश कर रखा है. अब कंपनी 3:10 के अनुपात में राइट्स इश्यू लाती है और शेयर की कीमत तय करती है 80 रुपए.
ऊपर के उदाहरण में राइट्स इश्यू के बाद शेयर की कीमत में जो गिरावट आई है, वो सिर्फ अंकगणितीय है. लेकिन शेयर की कीमत में बदलाव बिजनेस और शेयर बाजार के कई दूसरे तथ्यों पर भी निर्भर करता है. इसलिए हो सकता है कि गिरावट ज्यादा भी आ जाए.
मिसाल के तौर पर वोडाफोन आइडिया ने राइट्स इश्यू का ब्यौरा 20 मार्च को दिया था, जिस दिन शेयर की कीमत थी 20.39 रुपए. राइट्स इश्यू के 100 फीसदी से ज्यादा सब्सक्रिप्शन के बाद फिलहाल आइडिया का शेयर 16.25 रुपए पर कारोबार कर रहा है, यानी करीब 20 फीसदी की गिरावट शेयर में आ चुकी है
जैसा हमने पहले बताया कि मौजूदा शेयरहोल्डरों पर राइट्स इश्यू के शेयर लेने की बाध्यता नहीं है. लेकिन जानकार आमतौर पर राइट्स इश्यू को नजरअंदाज करने की सलाह नहीं देते, क्योंकि अगर आप राइट्स इश्यू नहीं भी सब्सक्राइब करेंगे, तो भी आपकी शेयरहोल्डिंग तो घट ही जाएगी, क्योंकि:
एक और तथ्य है जिस ओर जानकार ध्यान दिलाते हैं. अगर कंपनी के प्रोमोटर राइट्स इश्यू को सब्सक्राइब कर रहे हैं, तो ये कंपनी में उनके भरोसे और बेहतर भविष्य की उम्मीद को दर्शाता है. एयरटेल के प्रोमोटरों सिंगटेल और जीआईसी प्राइवेट लिमिटेड ने राइट्स इश्यू में करीब 17 हजार करोड़ रुपए लगाने की घोषणा की है. इसलिए भारती एयरटेल के मौजूदा निवेशकों के लिए भी 220 रुपए प्रति शेयर के भाव पर राइट्स इश्यू सब्सक्राइब करना कम से कम घाटे का सौदा तो नहीं है.
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