Zomato IPO 38 गुना सब्सक्राइब, कुल 2.09 लाख करोड़ की बोली

Zomato IPO के जरिये 9,375 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है

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<div class="paragraphs"><p>जोमैटो  का इश्यू ओवरऑल 38.25 गुना सब्सक्राइब हुआ.</p></div>
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जोमैटो का इश्यू ओवरऑल 38.25 गुना सब्सक्राइब हुआ.

(Photo: The Quint)

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इश्यू के आखिरी दिन भी जोमैटो IPO के लिए निवेशकों ने अच्छी रूचि दिखाई. शुक्रवार को रिटेल इन्वेस्टर के लिया रखा गया इश्यू करीब 7.5 गुना सब्सक्राइब हुआ. जोमैटो का IPO बुधवार को मार्केट में लॉन्च हुआ था. IPO में शेयर का प्राइस बैंड ₹72-₹76 का था.

IPO के तीसरे दिन, शुक्रवार को शाम 5 बजे तक जोमैटो (Zomato) का इश्यू ओवरऑल 38.25 गुना सब्सक्राइब हुआ.

कैसा रहा जोमैटो IPO का अंतिम दिन?

  • BSE के वेबसाइट पर मौजूद डाटा के मुताबिक आखिरी दिन जोमैटो इश्यू 38.25 गुना सब्सक्राइब हुआ.

  • शाम 5 बजे तक क्वालिफाइड इंस्टिट्यूशनल निवेशकों के लिए रखा गया हिस्सा 51.79 गुना सब्सक्राइब किया गया. क्वालिफाइड इंस्टिट्यूशनल निवेशक में सभी तरह के म्यूच्यूअल फण्ड, फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशन, कमर्शियल बैंक, फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर आते हैं.

  • नॉन- इंस्टिट्यूशनल निवेशक के लिये अलग किया गया कोटा 32.96 गुना सब्सक्राइब हुआ. नॉन- इंस्टिट्यूशनल निवेशक वैसे निवेशक होते होते है जो IPO में 2 लाख से अधिक राशि इन्वेस्ट करते हैं.

  • तीसरे दिन रिटेल इन्वेस्टर के लिया रखा गया इश्यू 7.45 गुना सब्सक्राइब हुआ. रिटेल इन्वेस्टर IPO में 2 लाख या उससे काम का निवेश करते हैं.

  • इश्यू के पहले दिन बुधवार को IPO खुलने के पहले ही 1 घंटे में रिटेल पोर्शन 100% सब्सक्राइब हो गया था.

कई ब्रोकरेज हाउस ने जोमैटो IPO के लिए सब्सक्राइब रेटिंग दी थी. हालांकि ज्यादातर ब्रोकरेज हाउस मानते है जोमैटो शॉर्ट टर्म में सिर्फ लिस्टिंग गेन का (लिस्टिंग के समय) फायदा दे सकती है. लिहाजा बड़े निवेशकों ने काफी सावधानी से कंपनी में निवेश किया.

एक्सपर्टस कैसे देखते हैं जोमैटो IPO को मिलने वाले रिस्पांस को?

2009 में रिलायंस पावर के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था. ग्राउंड पर कंपनी कुछ भी नहीं थी, फिर भी लोगों ने सिर्फ कंपनी के नाम पर पैसा लगा दिया... फिर हम सब जानते हैं कि क्या हुआ था.
अंबरीश बालिगा, स्टॉक मार्केट एक्सपर्ट (जोमैटो IPO के 38 गुने सब्सक्राइब होने पर)

कंपनी अभी भी है घाटे में-

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कोविड के समय ऑनलाइन फूड डिलीवरी बिजनेस में काफी बढ़ोतरी हुई है. वित्त वर्ष 2019-20 में कंपनी का रेवेन्यू दोगुना हुआ है, हालांकि इसके बावजूद कंपनी प्रॉफिट बनाने में नाकाम रही है.

गौरतलब हो कि अभी जोमैटो घाटे वाली कंपनी है, जिसके कारण रिटेल निवेशकों के लिए कुल इश्यू का केवल 10% ही शेयर रखा गया है. नॉर्मल IPO में रिटेल निवेशकों के लिए आमतौर पर कंपनी के कुल इश्यू का 35% शेयर रखा जाता है.

कंपनी को एंकर इन्वेस्टर से कैसे प्रतिक्रिया मिली थी?

BSE की वेबसाइट के अनुसार, जोमैटो एंकर इन्वेस्टर्स से करीब 4,196 करोड़ जुटाने में सफल रही थी. एंकर इन्वेस्टर्स ने कंपनी के कुल इश्यू में से करीब 55 करोड़ इक्विटी शेयर को ₹76 प्रति शेयर की दर पर खरीदा.

यह भारत का पहला यूनिकॉर्न (1 बिलियन डॉलर से ज्यादा वैल्यूएशन) स्टार्टअप है, जो कि पब्लिक हुआ है.

IPO के जरिये कंपनी 9,375 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य था, लेकिन निवेशकों ने बोली लगाई 2.09 लाख करोड़ की. Zomato का कहना है कि आईपीओ से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल कंपनी अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए करेगी.

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