advertisement
जोमैटो (Zomato) ने पिछले साल जिन 40 करोड़ ऑनलाइन ऑर्डर्स की डिलिवरी की, क्या उनमें से एक ऑर्डर आपका भी था? ऐसा हुआ ही होगा, क्योंकि हम करीब 16 महीनों से अपनी-अपनी डिजिटल गुफाओं में कैद हैं. और अब आप सिर खुजा कर सोचेंगे कि क्या आपको जोमैटो के आईपीओ (Zomato IPO) में निवेश करना चाहिए?
सोशल मीडिया के दिलकश लेबल्स की तरफ हम खिंचे जा रहे हैं. भारत की पहली यूनिकॉर्न फूड-टेक कंपनी, पहला लिस्टेड कंज्यूमर इंटरनेट फ्लेटफॉर्म, उसकी 75,000 करोड़ रुपए की मार्केट वैल्यू- यह तो ताज होटल्स, ओबरॉय होटल्स, लीला होटल्स और बाकी की 17 बड़ी हॉस्पिटैबिलिटी कंपनियों से भी ज्यादा है.
अब आया न जोश, दिल की धड़कनें तेज होने लगीं, पसीने छूटने लगे- क्या मुझे भी शेयर खरीदने चाहिए? कितने? अगर मैं अपनी सारी जमा पूंजी इसमें लगा दूं तो भी क्या मुझे सिर्फ 100 शेयर्स मिल सकते हैं?
लेकिन हो सकता है, मन में कुछ उधेड़बुन हो. अभी आपकी उम्र ही क्या है... बीसेक साल. आपने कोविड-19 के दौरान इक्विटी बाजार में कदम रखा है. इस समय करने को क्या था? सिवाय इसके कि पूरा दिन कंप्यूटर के स्क्रीन के आगे बैठे रहो. फिर जब आपके दोस्तों में शेयर बाजार में हाथ पैर मारने शुरू किए और आपको बताया कि यहां कितना मुनाफा है तो आपके लिए भी खुद पर काबू पाना मुश्किल हो गया.
जब निफ्टी फिफ्टी इंडेक्स 8000 से दोगुना होकर करीब 16000 पर ट्रेड करने लगे तो कौन खुद को रोक सकता है. अब आपका बुजुर्ग आपको हमेशा तीन चीजों से दूर रहने की सलाह देता है- स्मोकिंग, ड्रिंकिंग और स्टॉक्स में गैंबलिंग- ये कभी मत करना. वह कहेगा है- ‘इस सट्टेबाजी ने बहुतों की जिंदगियां तबाह की हैं. यह कभी मत करना, अपना पैसा बैंक के एफडी में संभालकर रखना.’ साफ बात है. यह ऐसी नशीली भगदड़ है जिसमें जोखिम, डर और लालच है. और वह बुजुर्ग इससे तालमेल नहीं बैठा पाता.
'मुझे लगता है कि तुम वही गलती करोगे जो तुमने बिटकॉइन में की थी. तुमने 60,000 डॉलर में खरीदा था लेकिन कुछ ही हफ्तों में उसकी कीमत गिरकर 30,000 डॉलर हो गई थी. इसलिए जरा सावधान रहना.’
यह सुनकर आपने सोचा, क्यों न यह पता लगाया जाए कि कंपनी की असली वैल्यू क्या है. अमेरिका, चीन और यूरोप की सभी फूड-टेक कंपनियां घाटे में चल रही हैं. तो, अच्छी बात यह है कि जोमैटो के साथ कुछ नया नहीं हो रहा. सभी बहुत ही महंगी हैं. अपनी साल भर की कमाई से दो से सात गुना कोट करती हैं.
हां, जोमैटो ने जरा ज्यादा ऊंची उड़ान भर ली- करीब आठ गुना. पर यह रुकावट उतनी अहम नहीं. असल समस्या यह है कि इस साल छह में से चार ओवरसीज़ स्टॉक्स ने नेगेटिव रिटर्न दिया है. सिर्फ अमेरिकी कंपनी डूरडैश की कीमत बढ़ी है. इस लिहाज से जोमैटो के आईपीओ की कीमत एक पेचीदा मामला है.
बड़ा सयाना कहता है, ‘बेटा जी. आप स्टॉक एक्सचेंज में दो गलतियां कर सकते हैं. आप एक अच्छी कंपनी के स्टॉक गलत या ऊंची कीमत में खरीद सकते हैं. या आप बुरी कंपनी के स्टॉक अच्छी या कम कीमत में खरीद सकते हैं. दोनों हालात में आपको नुकसान होगा, क्योंकि जरूरी यह है कि आप अच्छी कंपनी के स्टॉक सही कीमत पर खरीदें. फिर आपको इस बात पर भी सोचना चाहिए कि क्या आप इक्विटी को लंबे समय तक होल्ड कर सकते हैं.
जब तक आपको ज्यादा से ज्यादा रिटर्न न मिले तब तक आपको बाजार के उतार-चढ़ाव को झेलना होगा. अब इसमें कोई शक नहीं कि जोमैटो एक कंज्यूमर इंटरनेट प्लेटफॉर्म है जिसके विकास की रेखा ऊंची चढ़ी है. लेकिन यह बहुत महंगा भी है. स्टॉक मार्केट में इसकी वैल्यू बढ़ने में सालों लगेंगे- शायद दस साल भी लग जाएं. और बिटकॉइन की तरह, इसे भी कारोबारी चक्र में बड़े पैमाने पर उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है, अनचाहे हालात से जूझना पड़ सकता है. क्या तुम्हारी ऐसी माली हालत है कि इन बदलावों को झेल सको?’
बड़े सयाना फिर से कहता है, ‘इस हालत में मेरे बच्चे, इस स्टॉक को बड़े निवेशकों के लिए छोड़ दीजिए जिनमें सालों तक शेयर को होल्ड करने की काबिलियत होती है. जो जानते हैं कि डिजिटल दुनिया में तेज बदलाव होते हैं. जब कीमतें गिरती हैं तो उनके पास नुकसान को सहने की ताकत होती है. ऐसे ही जब कीमतें आसमान छूती हैं तो वे चांदी काट सकते हैं. आपके पास न तो जानकारी है, न ही क्षमता या साधन.
आपको मेरी यह सलाह है कि बड़े खिलाड़ियों को ही यह खेल खेलने दें. आप वह करें, जिसमें आपको आसानी है. फिलहाल आप तो उस लजीज़ पकवान का लुत्फ उठाइए जो आपने जोमैटो से ऑर्डर किया है.’
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: 13 Jul 2021,07:12 AM IST