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Bank Locker में रखे 18 लाख रुपये की नकदी चट कर गए दीमक, क्या अब मिलेगा मुआवजा?

मुरादाबाद: बैंक ऑफ बड़ौदा में महिला ने बेटी की शादी के लिए जमा किए थे 18 लाख रुपये लेकिन दीमक ने सब चट कर दिया.

क्विंट हिंदी
बिजनेस
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Bank Locker में रखे 18 लाख रुपये की नकदी को चट कर गई दीमक, क्या मिलेगा मुआवजा?

(फोटो- ऑल्टर्ड बाय क्विंट हिंदी)

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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुरादाबाद (Moradabad) में एक महिला ने अपने बैंक लॉकर (Bank Locker) में बेटी की शादी के लिए 18 लाख रुपये बचा कर रखे थे. लेकिन जब महिला ने एक साल बाद अपना बैंक लॉकर खोला तो दीमक ने सारा कैश साफ कर दिया था.

आइये आपको बताते हैं कि पूरा मामला क्या है? क्या महिला को मुआवजा मिलेगा? क्या है बैंक लॉकर के नियम? चलिए समझते हैं.

बैंक लॉकर में रखे 18 लाख रुपये चट कर गई दीमक 

मुरादाबाद की रहने वाली अलका पाठक ने पिछले साल अक्टूबर 2022 में बैंक ऑफ बड़ौदा के लॉकर में 18 लाख रुपये नकदी रखी थी. हाल ही में बैंक वालों ने अलका को लॉकर एग्रीमेंट को रिन्यू करने और बाकी जानकारी जमा करने के लिए बुलाया था.

लेकिन जब अलका ने बैंक लॉकर खोल कर देखा तो सारी नकदी धूल बन गई क्योंकि लॉकर में रखी नकदी को दीमक ने साफ कर दिया था.
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बैंक ऑफ बड़ौदा का लॉकर नियम क्या कहता है?  

बैंक ऑफ बड़ौदा लॉकर एग्रीमेंट के अनुसार, "लॉकर का उपयोग करने का लाइसेंस केवल वैध उद्देश्यों जैसे कि गहने और दस्तावेजों जैसे कीमती सामान को रखने के लिए है, लेकिन किसी भी नकदी या मुद्रा के भंडारण के लिए नहीं है."

बैंक की वेबसाइट के अनुसार है, "चोरी, सेंधमारी या डकैती के कारण" लॉकर सामग्री के किसी भी नुकसान के लिए बैंक जिम्मेदार होगा. इसमें कहा गया है, "बैंक मौजूदा सुरक्षित जमा लॉकर के वार्षिक किराए का 100 गुना भुगतान करने के लिए जिम्मेदार होगा. यह मुआवजा आग, इमारत गिरने या धोखाधड़ी के मामले में भी लागू होता है."

बैंक लॉकर से जुड़े सारे नियम जानें - कहीं आप भी तो गलतफहमी में नहीं

  • मुआवजे की बात: अगर बैंक की लापरवाही, लॉकर के सामान की चोरी, आग लगना या किसी तरह का नुकसान होने पर बैंक को लॉकर के रेंट का 100 गुना मुआवजे के रूप में ग्राहक को देना पड़ेगा. यानी अगर आपके लॉकर का रेंट सालाना 2 हजार है तो मुआवजा बनेगा 2 लाख रुपये.

  • रेंट का 100 गुना मुआवजा, सुन कर काफी बड़ा लग रहा है, लेकिन अधिकतर केसेस में रेंट का 100 गुना, लॉकर में रखे सामान से कम होता है. अगर ऐसा है तो दो ऑप्शन है-

    एक, या तो आप लॉकर की जगह गहनों का सीधे बीमा करवा लें या कुछ बैंक्स होते हैं जो बैंक लॉकर का भी बीमा करते हैं...ऐसा करने पर आप कम नुकसान में रहेंगे.

  • एक्ट ऑफ गॉड यानी कोई प्रकृतिक आपदा जैसे भूकंप, बाढ़ आ जाए तब बैंक मुआवजा नहीं देगा, लेकिन बैंकों को लॉकर को सुरक्षित रखने का पुख्ता इंतजाम करना होगा.

  • लॉकर रूम सीसीटीवी से लैस होना चाहिए, सीसीटीवी की फूटेज 180 दिन तक डीलीट नहीं कर सकते.

  • एंट्री और एग्जिट डोर भी एक ही होना चाहिए.

  • बैंक टर्म डिपॉजिट लेने का आधिकार रखता है, यानी तीन साल का एडवांस डिपॉजिट ले सकता है. ताकी कोई 3 साल तक रेंट ना चुकाए तो बैंक टर्म डिपॉजिट जब्त कर सकता है. साथ ही लॉकर भी ओपन कर सकता है. लेकिन इसके लिए बैंक को अपने ग्राहक को नोटिस, मैसेज, ईमेल करना होगा, यहां तक की अखबार में पब्लिक नोटिस भी निकालना होगा.

  • अगर आप लॉकर का लंबे समय तक इस्तेमाल नहीं करते तो भी बैंक आपका लॉकर ओपन कर सकता है, इसका पीरीयड है 7 साल. इसलिए साल में एक बार अपना लॉकर जरूर यूज कर लें.

  • लॉकर भी दो लोग मिलकर ले सकते हैं.

  • लॉकर में रखे सामान को अगर ग्राहक कोई नुकसान पहुंचा देता हैं तब कोई मुआवजा नहीं मिलेगा.

  • आपसे लॉकर की चाबी खो जाए तो वेरिफिकेशन प्रोसेस और कुछ चार्जेज वसूल कर आप फिर लॉकर ऑपरेट कर सकेंगे.

  • नामिनेशन फॉर्म भरना जरूरी है, नॉमिनेशन ना होने पर आपके कानूनी उत्तराधिकारी को लॉकर का सामान सौंपा जाएगा.

  • आप अपने ही लॉकर में जो जी में आए वो सामान नहीं रख सकते, केवल गहने, जरूरी डॉक्यूमेंट जैसे बीमा पॉलिसी, बॉन्ड के कागजात, प्रॉपर्टी के कागजात, जरूरी सर्टिफिकेट ही रखें, बंदूक/पिस्टल जैसी सामग्री नहीं रखी जा सकती.

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